खिलाड़ीलाल बैरवा बोले- गांधी परिवार के पीछे पड़े हैं पीएम मोदी, राहुल गांधी को लेकर कह डाली ये बात, जानें
Rajasthan Politics: मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने से देशभर के कांग्रेसियों में आक्रोश भड़क गया. इस मामले को लेकर राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष एवं बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला. […]
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Rajasthan Politics: मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने से देशभर के कांग्रेसियों में आक्रोश भड़क गया. इस मामले को लेकर राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष एवं बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने शुक्रवार रात को स्थानीय सर्किट हाउस में राजस्थान तक से वार्ता करते हुए कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है. वह चुन-चुन कर नेताओं का खात्मा करने में लगी हुई है. हमारे नेता राहुल गांधी इस कार्रवाई से ना डरे हैं और ना घबराए हैं.
विधायक बैरवा ने कहा कि आगामी चुनावों को देखते हुए भाजपा आमजन में भय का माहौल पैदा कर रही है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी परिवार के पीछे पड़े हुए हैं. राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी द्वारा जो कार्रवाई करवाई गई है इसको लेकर कांग्रेस के साथ देश के सभी विपक्षी दलों में आक्रोश व्याप्त है. पूरे देश की कांग्रेस राहुल गांधी के साथ खड़ी है. कांग्रेस का आलाकमान रणनीति तय कर रहा है और उसी के मुताबिक आगे की रूपरेखा तय कर दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा.
एससी आयोग के अध्यक्ष बैरवा ने कहा कि बीजेपी ईडी, सीबीआई और अन्य कार्यकारी एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी दलों को डरा धमका रही है. हमारे नेता राहुल गांधी को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई और इसके बाद लोकसभा ने उनकी सदस्यता निरस्त कर दी. लेकिन कोर्ट ने उनको जमानत देकर एक महीने का समय दिया जिसके चलते राहुल गांधी कोर्ट में अपील कर सकते हैं. बीजेपी ‘मारो, कूटो, जेल भेजो लेकिन सत्ता को हथियाओ’ वाली रणनीति पर काम कर रही है.
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राहुल गांधी की सदस्यता निरस्त किए जाने पर सवाल उठाते हुए खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि लोकसभा को इतनी जल्दी क्या पड़ी थी कि राहुल गांधी की सदस्यता निरस्त करनी पड़ी. कोर्ट ने जब एक महीने का समय दिया तो एक महीने बाद भी लोकसभा से सदस्यता निरस्त हो सकती थी. अगर कोर्ट से कोई विपरीत फैसला आता है तो ऐसी स्थिति में लोकसभा के पास क्या विकल्प रह जाएगा.