Modi Cabinet: कौन हैं राजस्थान के वो 4 चेहरे जिन्हें मोदी मंत्रिमंडल में मिली जगह, जानें
Modi Cabinet: बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल, अजमेर से भागीरथ चौधरी, जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत और अलवर से भूपेंद्र यादव ने केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ले ली है.
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Modi Cabinet Oath: नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. इस दौरान राजस्थान के 4 नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. इनमें जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) व अलवर से भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) को कैबिनेट मंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल (Arjunram Meghwal) व अजमेर से भागीरथ चौधरी (Bhagirath Chaudhary) को मोदी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री बनाया गया है. इनमें भागीरथ चौधरी का नाम काफी चौंकाने वाला है क्योंकि वह पहली बार मंत्री बनने जा रहे हैं. वहीं बाकी के तीनों नेता मोदी कैबिनेट 2.0 में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं इन 4 चेहरों के बारे में जिन्हें मोदी 3.0 सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने जा रही है.
राजस्थान से जिन 4 सांसदों को मंत्री बनने का मौका मिल रहा है, उनमें 2 ओबीसी, एक दलित और एक सामान्य वर्ग से हैं. भूपेंद्र यादव और भागीरथ चौधरी ओबीसी, अर्जुनराम मेघवाल दलित जबकि गजेंद्र सिंह शेखावत राजपूत समाज से आते हैं.
गजेन्द्र सिंह शेखावत: संघ पृष्ठभूमि से आते हैं
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जोधपुर लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाई है. लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को चुनाव हराया था. गजेंद्र सिंह शेखावत साढ़े सात साल से मोदी सरकार में मंत्री हैं. मोदी के पहले कार्यकाल में ढाई साल बाद उन्हें कृषि राज्यमंत्री बनाया गया था. बाद में मोदी के दूसरे कार्यकाल में उनको जलशक्ति मंत्रालय जैसा भारी भरकम विभाग दिया गया. संघ पृष्ठभूमि के शेखावत को नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नजदीकी नेताओं में गिना जाता है.
भूपेन्द्र यादव: मोदी-शाह के करीबी
अलवर से सांसद चुने गए भूपेन्द्र यादव मोदी-शाह के बेहद करीबी हैं. वे मोदी कैबिनेट में पिछली बार भी राजस्थान से राज्यसभा सांसद रहते हुए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री थे. उनकी गिनती पार्टी के बेहतरीन संगठनकर्ता और रणीतिकारों में की जाती है. उनके राजनीतिक व प्रशासकीय अनुभव को देखते हुए एक बार फिर से कैबिनट मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा वे देश में ओबीसी समाज का बडा चेहरा हैं. भूपेन्द्र यादव पेशे से सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं और पूर्व में राम जन्म भूमि एवं राम सेतू के पैरोकार रह चुके हैं.
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अर्जुनराम मेघवाल: IAS की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए
बीकानेर लोकसभा सीट को अर्जुन राम मेघवाल का गढ़ कहा जाता है. वो यहां से लगातार साल 2009 से जीत रहे हैं. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रेवत राम पंवार को हराकर वो बीकानेर से सांसद बने थे. इसके बाद उन्होंने 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी जीत को बरकरार रखा. मोदी कैबिनेट में कानून एवं न्याय मंत्री का पद संभाल चुके केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आईएएस की नौकरी छोड़ सत्ता का रास्ता चुना था. दरअसल, उन्हें साल 1994 में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाया गया था. फिर अपने बेहतरीन काम के चलते वो कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए और फिर एडीएम, आईएएस और जिला कलेक्टर भी हुए. जिला कलेक्टर के पद से रिटायरमेंट के बाद वो राजनीति में आए और बीजेपी में शामिल हो गए.
भागीरथ चौधरी: विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद फिर से मिला मौका
अजमेर से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए भागीरथ चौधरी का मोदी कैबिनेट में शामिल होना काफी चौंकाने वाला है. वह पहली बार मंत्री बनने जा रहे हैं. भागीरथ चौधरी की अजमेर सीट पर काफी समय से अच्छी पकड़ रही है. वो साल 2003 में पहली बार विधायक बने थे. उसके बाद साल 2013 में वो फिर से विधायक चुने गए. साथ ही उन्होंने 2015-16 और 2016 से 2017 तक पर्यावरण समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली. जिसके बाद पार्टी ने भागीरथ चौधरी को साल 2019 में लोकसभा चुनाव में मौका दिया और वह जीते भी. हालांकि साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में वह चुनाव हार गए थे.
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