जयपुर सीरियल ब्लास्ट के दोषियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी गहलोत सरकार, 3 दिन पहले हाईकोर्ट ने किया था बरी

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Rajasthan: जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में जिन 4 आरोपियों को लोअर कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन 29 मार्च को राजस्थान हाईकोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया गया. इस फैसले के बाद लगातार विरोध जताया जा रहा है. विपक्ष ने भी कांग्रेस सरकार को […]

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Rajasthan: जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में जिन 4 आरोपियों को लोअर कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन 29 मार्च को राजस्थान हाईकोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया गया. इस फैसले के बाद लगातार विरोध जताया जा रहा है. विपक्ष ने भी कांग्रेस सरकार को घेरा है. साथ ही सचिन पायलट भी दोषियों के खिलाफ आए फैसले से असहमत दिखाए दिए. लेकिन अब राज्य सरकार ने हाईकार्ट के इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का फैसला किया है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सीएम गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार रात उनके आवास पर इस संबंध में बैठक हुई. जिसके बाद उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेगी.

सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बैठक में कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की जाएगी.

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2019 में जयपुर की निचली अदालत ने जयपुर बम ब्लास्ट केस में फैसला सुनाते हुए मामले में 4 आरोपियों को दोषी माना था. इस केस में कुल 5 आरोपी थे, लेकिन कोर्ट ने एक को बरी कर दिया था. इन चारों पर UAPA के तहत कई धाराओं में दोषी पाया गया था. बुधवार 29 मार्च को राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट ने मामले के दोषी एक नाबालिग का मामला किशोर बोर्ड को भेजा है. बाकी सभी अभियुक्तों को बरी किया.

आपको बता दें जयपुर में 13 मई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. राजधानी में कई इलाकों में 8 धमाकों से पूरा शहर दहल उठा था. इस ब्लास्ट से 71 लोगों की जान चली गई थी और करीब 176 लोग घायल हुए थे. इस मामले में एटीएस ने 11 आतंकियों को नामजद किया था.

इनपुट: पीटीआई

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