Phalodi Satta Bazar: मतदान के बाद फलोदी सट्टा बाजार में भारी उथल-पुथल, सियासी सरगर्मी बढ़ी!
राजस्थान का लोकसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न हो चुका है. मतदान के बाद से ही देश के प्रमुख सट्टा बाजार फलोदी में भी उथल-पुथल नजर आ रही है.
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राजस्थान का लोकसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न हो चुका है. इस बार बीजेपी (BJP) सभी 25 सीटों पर जीत हासिल करके हैट्रिक के इंतजार में है. जबकि कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दलों के प्रत्याशी ने भी मजबूती से चुनाव लड़ा. जिसके चलते इस बार कई सीटों पर मुकाबला फंसता नजर आ रहा है. वहीं, देश के प्रमुख सट्टा बाजार फलोदी (Phalodi satta Bazar) में भी उथल-पुथल नजर आ रही है. मतदान के पहले और उसके बाद के भावों में काफी अंतर आ चुका है. सट्टा बाजार की मानें तो जोधपुर, बाड़मेर, टोंक-सवाई माधोपुर, नागौर, कोटा और चूरू में मुकाबला फंसता नजर आ रहा है.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के संसदीय क्षेत्र जोधपुर में बीजेपी का भाव 25-30 पैसे और कांग्रेस का भाव 3-4 रुपए है. जबकि टोंक-सवाई माधोपुर में बीजेपी प्रत्याशी हरीश मीणा और कांग्रेस के उम्मीदवार सुखबीर जौनपुरिया पर 1-1 रुपए का भाव चल रहा है.
हॉट सीट बाड़मेर में क्या है हाल?
इधर, देश की हॉट सीट में से एक बाड़मेर-जैसलमेर में बीजेपी प्रत्याशी कैलाश चौधरी पर 3-4 रुपए का भाव चल रहा है. जबकि कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल पर 55-65 पैसा और निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी पर 1.50 रुपए का भाव चल रहा है. नागौर में आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के लिए 70 से 80 पैसे का भाव चल रहा है. जबकि बीजेपी कैडिंडेट ज्योति मिर्धा के लिए 1.25 रुपए का भाव है.
ऐसे ही कोटा-बूंदी में बीजेपी प्रत्याशी ओम बिरला पर 60-70 पैसे, चित्तौड़गढ़ में बीजेपी उम्मीदवार सीपी जोशी पर 80 पैसे और बीकानेर में
बीजेपी प्रत्याशी अर्जुन राम मेघवाल पर 25 पैसे का भाव है. जबकि चूरू को लेकर सटोरिए कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं है. हालांकि बीजेपी के देवेन्द्र झाझरिया और कांग्रेस के राहुल कस्वां के लिए बराबर भाव चल रहा है.
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कितना पुराना है मार्केट?
खास बात यह है कि फलोदी हो या बीकानेर, यहां के सटोरिये देश ही नहीं बल्कि दुनिया की राजनीतिक, खेल की गतिविधियां और बारिश जैसे अनुमान पर अपनी नजर रखते हैं. यहां ऐसे मामलों पर सट्टा लगता है. कहा यह भी जाता है कि यहां का आंकलन बिल्कुल सटीक होता है. इस कारण फलोदी का सट्टा बाजार देश और दुनिया में अपना अलग स्थान रखता है. पिछले 450-500 साल से फलौदी का यह सट्टा बाजार चल रहा है. सट्टेबाज गांव-गांव जाकर सर्वे करते हैं. ताकि जमीनी स्थिति का पता लगा सके.
(राजस्थान तक सट्टा बाजार या सटोरियों के किसी अनुमान की ना तो पुष्टि करता है और ना ही समर्थन करता है.)