कोटपूतली : मुख्य सचिव से नहीं मिलने दिया तो ग्रामीणों का गुस्सा फूटा...कलेक्ट्रेट का गेट किया बंद!

हिमांशु शर्मा

Rajasthan: कोटपूतली में मंगलवार को अजीबोगरीब स्थिति बन गई. मुख्य सचिव सुधांश पंत दौरे पर आए और अधिकारियों के साथ मीटिंग करते रहे. इस बीच, अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे आम लोग बाहर इंतजार करते रहे. जब सीएस चले गए और लोगों को उनसे नहीं मिलने दिया गया

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कोटपूतली में मंगलवार को अजीबोगरीब स्थिति बन गई. मुख्य सचिव सुधांश पंत दौरे पर आए और अधिकारियों के साथ मीटिंग करते रहे. इस बीच, अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे आम लोग बाहर इंतजार करते रहे. जब सीएस चले गए और लोगों को उनसे नहीं मिलने दिया गया, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा.

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जिला मुख्यालय के सभागार में दो घंटे तक अधिकारियों के साथ मीटिंग की. इसमें सरकारी योजनाओं, कानून व्यवस्था और लोगों की जरूरतों पर बात हुई. मीटिंग में बड़े-बड़े अधिकारी मौजूद थे. वहीं, दूसरी तरफ ज्ञापन लेकर आए लोगों को प्रशासन ने एक कमरे में बैठा दिया. जब सीएस मीटिंग खत्म करके चले गए, तो लोगों को बहुत गुस्सा आया.

कलेक्ट्रेट का गेट किया बंद, जमकर नारेबाजी

गुस्साए लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें अंधेरे में रखा गया और मुख्य सचिव से मिलने नहीं दिया गया. वे सब कलेक्ट्रेट के मेन गेट पर जमा हो गए और देखते ही देखते प्रदर्शन शुरू हो गया. लोगों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और कलेक्ट्रेट के गेट को सांकल से बंद कर दिया. इससे करीब तीन घंटे तक जिला प्रशासन के अधिकारी अंदर ही फंसे रहे.

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नेताओं ने भी घेरा, पुलिस को सुनाई खरी-खोटी

धरने में पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना और कई अलग-अलग संगठनों के लोग शामिल हुए. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी खूब सुनाया और अपने ज्ञापन फाड़ दिए. जब हंगामा बढ़ा, तो डीएसपी राजेन्द्र बुरडक और एसएचओ राजेश शर्मा मौके पर पहुंचे.

समझाइश के बाद सुनी गईं शिकायतें

पुलिस के समझाने के बाद प्रदर्शनकारियों का एक ग्रुप सभागार में गया. वहां एडीएम ओमप्रकाश सहारण, एएसपी वैभव शर्मा और दूसरे अधिकारियों ने उनकी समस्याएं सुनीं. लोगों ने कहा कि उन्हें कमरे में बंद करके जनता का अपमान किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने इसे गलतफहमी बताया और कहा कि सभी मुद्दे पहले से ही मीटिंग के एजेंडे में थे. कलेक्टर कल्पना अग्रवाल और एसपी राजन दुष्यंत ने भी लोगों की बातें सुनीं और इस घटना पर दुख जताया. प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि आगे से ऐसा नहीं होगा.

अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे थे लोग

मुख्य सचिव के दौरे के दौरान आम लोग अपनी-अपनी परेशानियां लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. अल्ट्राटेक सीमेंट की माइनिंग से परेशान जोधपुरा के ग्रामीण पुनर्वास की मांग कर रहे थे. वकीलों का एक ग्रुप डीजे कोर्ट की मांग लेकर आया था. वहीं, परिसीमन पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए भी कई लोग ज्ञापन लेकर पहुंचे थे.

लापरवाही बर्दाश्त नहीं: सीएस

मीटिंग में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि सरकार लोगों के लिए काम कर रही है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कोटपूतली-बहरोड़ को नया जिला बताते हुए प्रशासन के काम की तारीफ भी की.

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