कोटा: 1000 करोड़ की लागत से बन रहा है देश का पहला हेरिटेज रिवर फ्रंट, लगेगी नंदी की सबसे बड़ी प्रतिमा

संजय वर्मा

Rajasthan News: राजस्थान के कई जिलों को जीवन देने वाली चंबल नदी राजस्थान के कोटा में पर्यटन को नया जीवनदान देने जा रही है. चंबल नदी के किनारे कई रिकॉर्ड बनने वाले हैं जो कोटा के पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाकर इसे कोचिंग सिटी के साथ-साथ पर्यटन नगरी के रूप में पहचान दिलाएंगे. […]

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Rajasthan News: राजस्थान के कई जिलों को जीवन देने वाली चंबल नदी राजस्थान के कोटा में पर्यटन को नया जीवनदान देने जा रही है. चंबल नदी के किनारे कई रिकॉर्ड बनने वाले हैं जो कोटा के पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाकर इसे कोचिंग सिटी के साथ-साथ पर्यटन नगरी के रूप में पहचान दिलाएंगे. चंबल के किनारे पर देश की सबसे बड़ी नंदी की मूर्ति देखने को मिलेगी तो विष्णु के 10 अवतार के दर्शन भी यहीं होंगे. यही नहीं सबसे बड़ी चंबल माता की मूर्ति, सबसे बड़ी घंटी भी चम्बल किनारे कोटा में देखने को मिलेगी. कोटा में चम्बल नदी के किनारे 2.7 किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट बनकर तैयार हो रहा है. चम्बल के दोनों किनारों पर इतनी ही दूरी पर रिवर फ्रंट बन रहा है जिसका काम अब आखिरी दौर में है. यहां स्ट्रक्चर तैयार है, फिनिशिंग का काम चल रहा है.

कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक 2.75 किलोमीटर की लंबाई में चंबल नदी के दोनों किनारों पर चंबल रिवर फ्रंट विकसित किया जा रहा है. 1000 करोड़ से ज्यादा की लागत से ये रिवर फ्रंट तैयार हो रहा है।.चंबल रिवर फ्रंट भारत में विकसित पहला हेरिटेज रिवरफ्रंट है. इस रिवर फ्रंट के दोनों किनारों पर 26 घाटों का निर्माण करवाया गया है. इन घाटों को अलग-अलग थीम पर तैयार किया गया है. चंबल रिवर फ्रंट से चंबल नदी के किनारे बसी बस्तियों को बाढ़ से निजात मिलेगी. साथ ही चंबल नदी में गिर रहे 14 गंदे नालों को ट्रेप कर नाले के पानी को एसटीपी से फिल्टर किया जाएगा जिससे चंबल के पानी का शुद्धिकरण भी होगा.

नेहरू की आंखों से देख सकेंगे रिवर फ्रंट
रिवर फ्रंट के पश्चिमी जोन में 120 मीटर की लंबाई में जवाहर घाट का निर्माण किया गया है. रिवरफ्रंट के काम में जुटे इंजीनियर मुकेश महावर ने बताया कि इस घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का फेस मास्क बनाया गया है. यह फेस मास्क 12 मीटर ऊंचा और 3 मीटर चौड़ा है. यहां से रिवरफ्रंट का नजारा देख सकेंगे इसके बिल्कुल सामने चंबल माता की मूर्ति होगी जिसके भी दर्शन नेहरू की आंखों से किए जा सकेंगे.

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विश्व की सबसे बड़ी नंदी की प्रतिमा
रिवर फ्रंट के पश्चिमी जोन में विश्व की सबसे बड़ी नंदी की प्रतिमा बनाई गई है. अभी इसकी फिनिशिंग का काम चल रहा है. यूआईटी अधिकारियों के अनुसार इस नंदी की प्रतिमा की ऊंचाई 6.5 मीटर, लंबाई 10.5 और चौड़ाई 4.5 मीटर है. नंदी की प्रतिमा जोधपुर स्टोन बनाई गई है जिसे बनाने में 6 महीने का समय लगा. चंबल रिवर फ्रंट के पश्चिम जोन में ही विश्व की सबसे बड़ी घंटी भी स्थापित होगी. साथ ही यही 40 मीटर व्यास का बार्सिलोना फाउंटेन की तर्ज पर फाउंटेन भी बनाया गया है जहां लोग रंग बिरंगी रोशनी और म्यूजिक के साथ फाउंटेन शो देख सकेंगे.

सिक्का डालते ही निकलेगा भाग्य
रिवर फ्रंट के पूर्वी जोन में जोडियक घाट बनाया गया है. यहां एक जोड़ी टावर बनेगा जिसमें अलग-अलग राशि के चक्र होंगे. यहां पर यह सिस्टम भी किया गया है कि सिक्का डालने पर राशि के अनुसार व्यक्ति अपना भाग्य जान सकेगा. चंबल नदी के पश्चिमी किनारे पर गीता घाट भी बनाया गया है जहां पर गनमेटल से श्लोक लिखे जाएंगे. गीता के यह श्लोक आने वाले लोगों को ज्ञान का संदेश देंगे.

विष्णु के 10वें अवतार के होंगे दर्शन, पन्नाधाय-हाडी रानी का शौर्य दिखेगा
रिवरफ्रंट के पूर्वी छोर पर हाडोती घाट बनाया गया है जहां बूंदी शैली पर निर्माण हुआ है. यहां 84 खंभों की छतरी, तारागढ़ फोर्ट का एंट्रेंस बनाया गया है. इसके साथ ही यहां पर 10- 10 फुट की पन्नाधाय और हाड़ी रानी की गनमेटल से बनी प्रतिमाएं भी स्थापित की जा रही है. इसके आगे रामपुरा घाट पर बड़ी समाज पर विष्णु के 10 अवतार बनाएं जा रहे है. यहां विष्णु का दसवां अवतार कल्कि के भी दर्शन लोग कर सकेंगे.

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