टोंक की इस महिला ने गहलोत को दे दी मात, एक ही मामले में सरकार को 2 बार मिली शिकस्त, जानें
Tonk News: टोंक जिले की मालपुरा नगर पालिका की निलंबित चेयरमैन सोनिया सोनी को करीब 10 महीने बाद राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की ओर से दायर याचिका खारिज करते हुए सोनिया को दोबारा निलंबन किए जाने के आदेश पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि 22 जनवरी 2022 को नगर […]
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Tonk News: टोंक जिले की मालपुरा नगर पालिका की निलंबित चेयरमैन सोनिया सोनी को करीब 10 महीने बाद राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की ओर से दायर याचिका खारिज करते हुए सोनिया को दोबारा निलंबन किए जाने के आदेश पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि 22 जनवरी 2022 को नगर पालिका मालपुरा के एक संविदाकर्मी और एक ठेकेदार को एसीबी जयपुर ने रिश्वत के मामले में ट्रेप किया था. जिसके बाद सरकार ने चेयरमैन को निलंबित कर दिया था.
दरअसल, 10 महीने पहले डीएलबी विभाग ने चेयरमैन को निलंबित कर दिया था. जिसके बाद सोनिया सोनी की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने पिछले साल 7 अक्टूबर को सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी. राजस्थान सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अब वहां से भी गहलोत सरकार को बड़ा झटका लगा है.
यह पूरा मामला पिछले साल 4 मई का है. जब सोनिया सोनी को डीएलबी निदेशक ने एक आदेश जारी कर निलंबित कर दिया. इस निलंबन आदेश को लेकर सोनिया सोनी की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय पहुंची थीं. जिसके बाद सोनिया के पक्ष में फैसला होने के चलते राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. खास बात यह है कि प्रदेश में चल रही वकीलों की हड़ताल के चलते सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोनिया सोनी ने अपनी पैरवी खुद ही की.
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करीब आधे घंटे तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने सोनिया सोनी के पक्ष में फैसला सुनाया. इस पूरे मामले में सोनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजनैतिक द्वेष के चलते उन्हें पद से हटाने के लिए हथकंडे अपनाए, लेकिन अंत में जीत न्याय और सच्चाई की ही हुई.
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