टोंकः धुलंडी पर पुरुषों को गांव से निकाल देती हैं महिलाएं, दूर एक पहाड़ी पर बिताना पड़ता है दिन

मनोज तिवारी

Tonk News: देशभर में होली के त्यौहार को मनाने के अलग-अलग अंदाज है. राजस्थान के टोंक में ऐसे ही अनूठे ढंग से धुलंडी मनाई जाती है. इस दिन यहां के नगर गांव में पुरूषों को गांव निकाला दिया जाता है. किसी भी पुरूष को गांव में रहने की अनुमति नहीं होती है. यहां परंपरा करीब […]

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Tonk News: देशभर में होली के त्यौहार को मनाने के अलग-अलग अंदाज है. राजस्थान के टोंक में ऐसे ही अनूठे ढंग से धुलंडी मनाई जाती है. इस दिन यहां के नगर गांव में पुरूषों को गांव निकाला दिया जाता है. किसी भी पुरूष को गांव में रहने की अनुमति नहीं होती है. यहां परंपरा करीब 200 वर्षों से चली आ रही है. इस दिन गांव के चौक पर सिर्फ महिलाएं ही रंग खेलती हैं और पारंपरिक गीतों के साथ गांव से पुरुषों को निकाला जाता है.

परंपरा के अनुसार धुलंडी के दिन सुबह 8 बजे चंग और ढोल की थाप के साथ पारंपरिक होली के गीतों पर महिलाएं नृत्य करती हैं. जिसके बाद सभी पुरुषों को गांव से लगभग 3 किमी दूर पहाड़ी पर स्थित चामुंडा माता के मंदिर के लिए विदा कर देती हैं. गांव के सभी पुरुष वहां मंदिर परिसर में अपने-अपने समाज की बैठकें करते हैं. गांव से बाहर गए पुरूष शाम तक लौटते हैं. 

चली आ रही परंपरा के अनुसार यहां सिर्फ वही पुरूष रह सकता है जो या तो वृद्ध हो या फिर बीमार हो, लेकिन यहां रहने पर भी उसका घर से बाहर आने और रंग खेलने की पूरी तरह से मनाही है. इस दौरान अगर गांव में कोई पुरुष आ जाता है तो महिलाए ना सिर्फ उसकी कोड़ों से जमकर पिटाई करती हैं, बल्कि गांव से बाहर निकाल कर ही दम लेती है. मान्यतानुसार यहां के पूर्व ठिकानेदार ने महिलाएं आज़ादी से रंग खेल सकें, इसको लेकर यह परंपरा शुरू की थी.

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