सालासर में वसुंधरा, जयपुर में पूनिया, जानिए किसका पलड़ा भारी और किसे मिलेगी अब राजस्थान की कमान!
Rajasthan News: राजस्थान में बीजेपी हो या फिर कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों में दो शक्तियां दो ध्रुवों में बंटी हुई है. कांग्रेस में जहां सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट में नेतृत्व को लेकर सियासी तकरार देखने को मिलती है तो वहीं बीजेपी में भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के […]
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Rajasthan News: राजस्थान में बीजेपी हो या फिर कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों में दो शक्तियां दो ध्रुवों में बंटी हुई है. कांग्रेस में जहां सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट में नेतृत्व को लेकर सियासी तकरार देखने को मिलती है तो वहीं बीजेपी में भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच भी टसन कुछ कम नहीं है. एक तरफ वसुंधरा राजे ने सालासर धाम से शक्ति प्रदर्शन कर चुनावी बिगुल फूंका तो वहीं सतीश पूनिया ने भी जयपुर में सड़कों पर उतर कर अपनी ताकत दिखाई.
राजस्थान की राजनीति के लिए शनिवार का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा. जहां एक ओर वसुंधरा राजे ने सालासर बालाजी धाम में अपना जन्मदिन मनाने के बहाने शक्ति प्रदर्शन कर आलाकमान को अपनी पावर दिखा दी है तो वहीं सतीश पुनिया ने जयपुर की सड़कों पर लाठी खाकर केंद्रीय नेतृत्व को जमीनी नेता करार दिया है. लेकिन दोनों जगहों पर जुटने वाली भीड़ और राजस्थान बीजेपी के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति ने यह तय कर दिया की राजस्थान भाजपा में किसका पलड़ा भारी है और किसे राजस्थान की कमान सौंपनी चाहिए.
चूरू के सालासर में महारानी वसुंधरा राजे अपने समर्थकों और नेताओं की भीड़ देखकर गदगद हो गई. महारानी के मंच पर सांसद देवजी पटेल, रामचरण बोहरा, निहालचंद मेघवाल, राहुल कस्वां, सांसद मनोज राजोरिया, रामनारायण डूडी और पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी मौजूद रहे. वहीं विधायक कालीचरण सराफ, कैलाश मेघवाल, अनिता भदेल, दीप्ति माहेश्वरी, अशोक लाहोटी, बिहारी विश्नोई, प्रताप सिंह सिंघवी, ओमप्रकाश हुड़ला, धर्मनारायण जोशी, धर्मेंद्र मोची, गुरदीप शाहपीनी, खुशवीर सिंह, सुरेश टांक, पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी, जसवंत यादव, बंशीधर बाजिया, रोहिताश्व शर्मा, खेमाराम मेघवाल, भवानी सिंह राजावत, यूनुस खान, राजपाल सिंह शेखावत, डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, ओटाराम देवासी समेत हजारों कार्यकर्ता भी राजे के जन्मदिन को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शामिल रहे.
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तो वहीं जयपुर में सतीश पूनिया भी अपनी भीड़ के प्रदर्शन को देख शक्ति प्रदर्शन करने से नहीं चूके. पुनिया के मंच पर भी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, चंद्रशेखर, राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी, हिमांशु शर्मा, भजनलाल शर्मा, अलका गुर्जर, अभिनेष महर्षि, वासुदेव देवनानी, रामचंद्र सुनेरीवाल, सुमेधानंद सरस्वती, भागीरथ चौधरी, सुखबीर सिंह जौनापुरिया, सादिक खान, मुकेश दाधीच, शत्रुघ्न गौतम, लक्ष्मीकांत भारद्वाज, श्रवण सिंह बगड़ी, अलका मुंदड़ा, रामलाल शर्मा, ओमप्रकाश भड़ाना, मधु कुमावत, आशा मीणा, रामानंद गुर्जर, बलबीर लूथरा, जितेंद्र शर्मा, भगवान शर्मा समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही.
हालांकि ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा कि शीर्ष नेतृत्व राजस्थान में किस चेहरे के नेतृत्व को पसंद करेगा. लेकिन ये तो तय है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, बीजेपी की अंदरुनी कलह भी सामने आती जा रही है. पार्टी में कई गुट बन गए हैं जो अपना अलग-अलग शक्ति प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं. एक तरफ किरोड़ीलाल मीणा गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. तो दूसरी तरफ वसुंधरा और पूनिया एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ पाले हुए हैं.