बिजली संकट पर वसुंधरा राजे ने सीएम गहलोत पर बोला हमला! कहा- कुप्रबंधन का शिकार हुआ महकमा
Rajasthan: राजस्थान में बीते दिनों से चल रहे बिजली संकट (Power Crisis in Rajasthan) को लेकर गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) पर हमला बोला है. पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे (Vasundhara Raje) ने कहा है कि डिस्कॉम 90 हजार करोड़ से ज़्यादा के कर्जे में डूब गया है, जिससे प्रदेश में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त […]
ADVERTISEMENT

Rajasthan: राजस्थान में बीते दिनों से चल रहे बिजली संकट (Power Crisis in Rajasthan) को लेकर गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) पर हमला बोला है. पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे (Vasundhara Raje) ने कहा है कि डिस्कॉम 90 हजार करोड़ से ज़्यादा के कर्जे में डूब गया है, जिससे प्रदेश में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. राजे ने सीएम गहलोत को बिजली संकट पर जमकर घेरा.
राजे ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2013 तक तीनों डिस्कॉम कंपनियों पर 78 हजार करोड़ का घाटा छोड़ा था. हमारी सरकार बनी तो उसमें से 62 हज़ार करोड़ कर्ज सरकार ने अपने ऊपर ले लिया. नतीजतन डिस्कॉम का घाटा जो प्रतिवर्ष 15 हजार करोड़ की रफ़्तार से बढ़ रहा था, वह 4 हजार करोड़ प्रतिवर्ष रह गया. लेकिन आज वापस डिस्कॉम 90 हजार करोड़ से ज़्यादा के कर्जे में डूब गया है, जिससे प्रदेश कि विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है.
बिजली महकमा कुप्रबंधन का शिकार
पूर्व सीएम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिजली महकमा पूरी तरह से कुप्रबंधन का शिकार है. सरकार के पास कोयला और बिजली खरीद का रोडमैप नहीं है. ख़राब वोल्टेज के कारण किसानों की मोटरें जल रही हैं जबकि हमारे समय में गावों तक में घरेलू बिजली 22 से 24 घंटे मिलती थी. लोगों ने इन्वर्टर पैक कर दिए थे. ट्रांसफार्मर 72 घंटे में बदल दिये जाते थे. आज 72 दिन में भी नहीं. नया बिजली कनेक्शन सप्ताह भर में मिल जाता था. आज लम्बा समय लगता है.ट्रांसफार्मर सप्लाई करने वालों के खाते में सीधा पेमेंट तत्काल हो जाता था.
यह भी पढ़ें...
बिजली कटौती से हर वर्ग परेशान
उन्होंने कहा कि आज आमजन, किसान और औद्योगिक फैक्ट्रियां बिजली कटौती से परेशान है, क्योंकि सरकार ने मुफ्त बिजली के सब्जबाग दिखाकर राजस्थान को विद्युत अराजकता एवं अंधेरे में धकेलने का काम किया है.
प्रदेश में बिजली की बढ़ी डिमांड
आपको बता दें बीते दिनों से प्रदेश में बिजली संकट चल रहा है. प्रदेश में 6 इकाईयां से बिजली उत्पादन बंद हो गया है. वहीं बिजली निगम का कहना है कि प्रदेश में रोजाना औसतन खपत में 3000 लाख यूनिट का इजाफा होने से संकट बढ़ा है. जिसके चलते राज्य में बिजली की मांग करीब 17 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है. बिजली की कमी के कारण ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती की जा रही है. अब सरकार ने उद्योगों की बिजली कटौती भी शुरू कर दी है.
बिजली संकट को लेकर बेनीवाल ने दिया अल्टीमेटम, कहा- 48 घंटे में सुधार नहीं हुआ तो करेंगे बड़ा आंदोलन