'कौनसी मजबूरी है..किरोड़ीलाल को अब आ जाना चाहिए', नरेश मीणा के सपोर्ट में बोले प्रह्लाद गुंजल

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टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा के समरावता गांव की घटना राजस्थान सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. एसडीएम को थप्पड़ जड़ने सहित गांव में हिंसा और आगजनी के मुख्य आरोपी नरेश मीणा की जेल से रिहाई को लेकर अब उनके समर्थक 25 फरवरी को राजस्थान विधानसभा घेरने की तैयारी में हैं.

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टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा के समरावता गांव की घटना राजस्थान सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. एसडीएम को थप्पड़ जड़ने सहित गांव में हिंसा और आगजनी के मुख्य आरोपी नरेश मीणा की जेल से रिहाई को लेकर अब उनके समर्थक 25 फरवरी को राजस्थान विधानसभा घेरने की तैयारी में हैं.

इसी घेराव की तैयारी को लेकर टोंक आये प्रह्लाद गुंजल ने सरकार पर तानाशाही अपनाने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा. गुंजल ने नरेश मीणा समर्थकों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील करते हुए कहा सरकार इस मामले को लेकर कतई गंभीर नहीं है.

'नरेश मीणा के समर्थन में आ जाए किरोड़ीलाल मीणा' 

प्रह्लाद गुंजल ने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को लेकर कहा कि अब उन्हें नरेश मीणा के समर्थन में खुलकर जनता के बीच आ जाना चाहिये. प्रहलाद गुंजल ने कहा कि पता नहीं डॉ किरोड़ी लाल की कौनसी मजबूरी है कि वे अभी तक इस मामले में खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं. वहीं गुंजल ने सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओ से नरेश मीणा के समर्थन में आयोजित 25 फरवरी को होने वाली महापंचायत में पंहुचने का आव्हान किया.

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85 दिनों से जेल में हैं नरेश मीणा

समरावता घटना के बाद 14 नवंबर को हुई नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद वे पिछले 85 दिनों टोंक जिला कारागृह में न्यायिक हिरासत में है. नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद सरकार के रवैये को लेकर उनके समर्थन में टोंक ओर सवाई माधोपुर में महापंचायतें हो चुकी हैं लेकिन न्यायिक प्रक्रिया के चलते अभी उनको ज़मानत नहीं मिल पायी है. नरेश मीणा के समर्थक व पीड़ित इस मामले में लगातार हाई कोर्ट के किसी एक्टिंग जज से न्यायिक जांच की मांग उठाये हुए हैं. यही नहीं वे सरकार की ओर से कराई जा रही प्रशासनिक जांच का भी बायकॉट किये हुए हैं.

नरेश मीणा समर्थकों ने प्रह्लाद गुंजल की अगुवाई में 25 फरवरी को जयपुर में महापंचायत बुलाकर विधानसभा घेरने की चेतावनी देते हुए कहा है कि नरेश मीणा को जेल में डालकर क्या सरकार उसकी हत्या करना चाहती है? उसकी जमानत तक नही होने दे रही है. कोर्ट में सरकार ने नरेश मीणा की जमानत रोकने के लिए एक नहीं दो-दो डबल एजी कोर्ट में खड़े कर दिए. 

13 नवम्बर को हुआ था समरावत कांड

पिछले वर्ष 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान मतदान के समय समरावता गांव के लोगों ने उनके गांव को उनियारा में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था. इस दौरान मतदान कराने की सूचना पर निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीना समरावता गांव पहुंचे थे और दबाव डालकर वोट दिलाने का आरोप लगाते हुए मालपुरा एसडीएम व एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया था. दूसरे दिन पुलिस ने नरेश को धरना स्थल से गिरफ्तार किया था तथा उसके साथ अन्य कई लोगों को भी गिरफ्तार किया था .जिनमें अब नरेश मीणा को छोड़कर सभी आरोपियों की जमानत हो चुकी है.

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