Vaibhav Suryavanshi : पिता ने बेची जमीन, मां ने तड़के उठकर पकाया खाना ताकि वैभव करे कमाल
वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे. वे क्रिकेटर नहीं बन सके तो ये सपना बेटे वैभव के साथ जीने लगे. बेटे को शुरूआती ट्रेनिंग इन्होंने ही दी.
ADVERTISEMENT

जब एक पिता अपनी जमीन बेच देता है और एक मां रोज़ सुबह 4 बजे उठकर बेटे के लिए खाना बनाती है, तो समझ लीजिए कि कोई सपना पाला जा रहा है. वो सपना जो केवल एक बच्चे का नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार का होता है. बिहार के समस्तीपुर जिले के छोटे से गांव मोतीपुर से आने वाले वैभव सूर्यवंशी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. संघर्ष, जुनून और अद्भुत प्रतिभा से भरी हुई.
शुरुआत वहीं से जहां सपना जन्म लेता है
वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को ताजपुर, बिहार में हुआ. महज चार साल की उम्र में बल्ला थामने वाले इस लड़के को क्रिकेट की शुरुआती ट्रेनिंग उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने दी, जो कभी खुद भी क्रिकेटर बनने का सपना देखा करते थे. संजीव ने बेटे को गांव के मैदानों में सिखाया, फिर जब समझ आया कि अब बेहतर माहौल चाहिए, तो नौ साल की उम्र में वैभव को समस्तीपुर की एक क्रिकेट एकेडमी में दाखिला दिलाया गया.
ऐसे चढ़ी संघर्षों की सीढ़ी
वैभव की कहानी सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि बलिदान और समर्पण की भी है. पिता संजीव ने अपने बेटे की क्रिकेटिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए खेती की जमीन तक बेच दी. मां हर रोज़ सुबह चार बजे उठती, खाना बनाती और फिर वैभव के प्रशिक्षण के लिए रवाना कर देती. वैभव के कोच मनीष ओझा बताते हैं कि नौ साल की उम्र से वैभव हर दूसरे दिन 100 किलोमीटर की दूरी तय करके पटना में कोचिंग के लिए आते थे, सुबह 7:30 बजे से शाम तक ट्रेनिंग और फिर घर वापसी.
यह भी पढ़ें...
नन्हीं उम्र में बड़े रिकॉर्ड
12 साल की उम्र में ही वैभव बिहार की अंडर-19 टीम के लिए विनू मांकड़ ट्रॉफी खेल चुके हैं. फिर जनवरी 2024 में, मात्र 12 साल और 284 दिन की उम्र में उन्होंने मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया. बिहार के लिए सबसे कम उम्र के रणजी खिलाड़ी और पूरे भारत में चौथे नंबर के खिलाड़ी बने.
इसके बाद नवंबर 2024 में वे 13 साल और 241 दिन की उम्र में टी20 क्रिकेट खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने. दिसंबर 2024 में विजय हजारे ट्रॉफी में लिस्ट ए डेब्यू किया और भारत के सबसे युवा लिस्ट ए खिलाड़ी बन गए.
भारत अंडर-19 टीम में धमाकेदार एंट्री
2023 में भारत बी अंडर-19 टीम के लिए एक चौकड़ी श्रृंखला में उन्होंने छह पारियों में दो अर्धशतक के साथ 177 रन बनाए. सितंबर 2024 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 टेस्ट में 58 गेंदों में शतक ठोककर सबको चौंका दिया. यह भारत के किसी अंडर-19 खिलाड़ी का सबसे तेज शतक था. इसके बाद एशिया कप में UAE और श्रीलंका के खिलाफ ताबड़तोड़ पारियां खेलीं.
IPL में सबसे कम उम्र का सितारा
नवंबर 2024 का दिन ऐतिहासिक रहा. जब जेद्दा में IPL की नीलामी चल रही थी, तो महज 13 साल और 8 महीने का यह बच्चा इतिहास रच रहा था. राजस्थान रॉयल्स ने उसे ₹1.10 करोड़ की कीमत पर खरीदा, IPL इतिहास का सबसे कम उम्र का खरीदा गया खिलाड़ी.
फिर 19 अप्रैल 2025 को लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ अपना पहला IPL मैच खेलते हुए पहली गेंद पर छक्का मारा और 34 रन की पारी खेली. फिर आया 28 अप्रैल 2025, वह दिन जिसने भारत को उसका सबसे युवा T20 शतकवीर दिया. गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों में शतक जड़कर उन्होंने न सिर्फ युवराज सिंह और यूसुफ पठान जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड तोड़े, बल्कि IPL में सबसे तेज भारतीय शतक का कीर्तिमान भी स्थापित किया. इस पारी में उन्होंने 11 छक्के उड़ाए, एक IPL पारी में किसी भी भारतीय के सबसे ज्यादा.
चर्चाएं और विवाद
जहां हर रिकॉर्ड से उनका नाम सुर्खियों में आता गया, वहीं उनकी उम्र को लेकर सवाल भी उठे. एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने खुद को 14 साल का बताया था जबकि आधिकारिक रिकॉर्ड में उनकी उम्र कुछ और थी. हालांकि, पिता संजीव ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि वैभव पहले ही BCCI का बोन टेस्ट पास कर चुका है और जरूरत पड़ी तो फिर से करवाया जाएगा.
वैभव की सफलता के पीछे कौन?
वैभव की सफलता के पीछे जो सबसे बड़ा हाथ है, वो है उनके परिवार का. उनके पिता, एक असफल क्रिकेटर का सपना बेटे के ज़रिए जीने निकले. मां का समर्पण, कोच का मार्गदर्शन और गांव वालों का आशीर्वाद, ये सब मिलकर बना वैभव सूर्यवंशी. उनके चाचा राजीव कुमार कहते हैं, "आज वो सिर्फ हमारे परिवार का नहीं, पूरे जिले, राज्य और देश का गौरव है." दादी उषा सिंह भावुक होकर कहती हैं, "तीन साल की उम्र से बल्ला उठाया था, भगवान से दुआ करती हूं कि हमेशा ऊंचाइयों पर पहुंचे."
इनपुट: गीतांशी शर्मा (इंटर्न, न्यूज तक के लिए)
यह भी पढ़ें:
14 साल या उससे ज्यादा? वैभव सूर्यवंशी ने अपनी असली उम्र पर तोड़ी चुप्पी!