वृंदावन के इस्कॉन मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं तो जान लें ये बातें!

News Tak Desk

इस मंदिर को श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यहां देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी लोग दर्शन करने पहुंचते हैं. ऐसे में आज हम आपको इस मंदिर के बारे में बताएंगे. साथ ही मंदिर में दर्शन की टाइमिंग, यहां पहुंचने का तरीका और इससे जुड़ी अन्य जानकारियां देंगे.

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इस्कॉन मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा शहर के वृंदावन में स्थित एक हिंदू मंदिर है. आपको बता दें, यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम को समर्पित है. इसलिए इस मंदिर को श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यहां देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी लोग दर्शन करने पहुंचते हैं. इस इस्कॉन से दुनिया भर के लोग जुड़े हुए हैं. ऐसे में आज हम आपको इस मंदिर के बारे में बताएंगे. साथ ही मंदिर में दर्शन की टाइमिंग, यहां पहुंचने का तरीका और इससे जुड़ी अन्य जानकारियां देंगे.

इस्कॉन मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें

  • इस्कॉन मंदिर का पूरा नाम इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) है. इसकी स्थापना भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने साल 1966 में न्यूयॉर्क में की थी.
  • इस्कॉन मंदिर यमुना नदी के किनारे पर स्थित है. माना जाता है कि 5000 वर्ष पहले जिस स्थान पर भगवान कृष्ण और बलराम अपनी गायों को चराने आते थे और गोपियों के साथ लीलाएं करते थे, ठीक उसी स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है. 
  • यह मंदिर सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थर से बना है और इसे शानदार नक्काशी से सजाया गया है. बता दें, मंदिर परिसर में एक बड़ा बगीचा, एक पुस्तकालय, एक म्यूजियम और एक गेस्टहाउस है. 
  • इसके अलावा मंदिर परिसर के अंदर देखने लायक अन्य चीजों में गोशाला, स्वामी प्रभुपाद की समाधि, प्रभुपाद हाउस, महा प्रसादम स्टॉल, वृंदा कुंड और गुप्ता कुंड शामिल हैं.
  • आपको बता दें कि मंदिर में स्थापित देवताओं की पोशाक दिन में दो बार बदली जाती है और 24 प्रशिक्षित पुजारियों द्वारा मंदिर के देवताओं की पूजा की जाती है.
  • जानकारी के मुताबिक, आज दुनिया भर में इस्कॉन समूह के 400 से अधिक मंदिर हैं.

इस्कॉन मंदिर में दर्शन व पूजा का समय 

आपको बता दें, सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में इस्कॉन मंदिर सुबह 4:10 बजे खुलता है. मंदिर खुलने के ठीक बाद समाधि आरती होती है. इसके बाद सुबह 4:30 बजे मंगला आरती होती है. वहीं, दोपहर 12:45 बजे भगवान को भोग लगाकर मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाता है. फिर इसके बाद 4:30 बजे शाम को मंदिर खुलता है और गर्मी के मौसम में रात 8:45 बजे मंदिर को बंद कर दिया जाता है, जबकि सर्दी के मौसम में रात 8:15 बजे मंदिर के कपाट बंद होते हैं.

इस्कॉन मंदिर कैसे पहुंचे?

बता दें कि वृंदावन हवाई, रेल और सड़क मार्गों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. ऐसे में आप अपने सुविधा के अनुसार किसी भी माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं.

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हवाई जहाज द्वारा-  यहां का निकटतम हवाई अड्डा आगरा हवाई अड्डा है. ऐसे में आप आगरा पहुंचने के बाद मथुरा के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं. फिर मथुरा से वृंदावन की दूरी महज 10 किलोमीटर है. 

ट्रेन द्वारा- बता दें, देश के प्रमुख शहरों से आप एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों से मथुरा रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं. यहां पहुंचकर आप टैक्सी, ऑटो या रिक्शा द्वारा इस्कॉन मंदिर पहुंच सकते है.

सड़क मार्ग द्वारा- आपको बता दें, देश के प्रमुख शहरों से वृंदावन और मथुरा के लिए नियमित सड़क परिवहन और अन्य लक्जरी बसें चलती हैं जिसके माध्यम से आप इस्कॉन मंदिर जा सकते हैं.

वृंदावन में कहां रूकें

अगर आप इस्कॉन मंदिर वृंदावन जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको यहां ठहरने के बारे में पहले से जानकारी ले लेनी चाहिए. आपको बता दें, इस्कॉन मंदिर के आसपास दर्जनों होटल और गेस्ट हाउस हैं जहां लोगों के ठहरने की बेहतर फेसिलिटी है. ऐसे में आप अपने बजट और सुविधा के अनुसार इन होटलों में रुक सकते हैं. वैसे आप चाहें तो यहां ठहरने के लिए पहले से ऑनलाइन बुकिंग भी करा सकते हैं.

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