1 जून से खुल रहे हैं फूलों की घाटी के द्वार, आप भी करें घूमने का प्लान
यहाँ आप न केवल मनमोहक फूलों का दीदार कर सकते हैं, बल्कि हिमालयी वनस्पतियों, दुर्लभ जानवरों और रंग-बिरंगी तितलियों को भी देख सकते हैं. तो अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो फूलों की घाटी आपके लिए एकदम सही जगह है.
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उत्तराखंड की प्रसिद्ध फूलों की घाटी 1 जून से पर्यटकों के लिए खुलने जा रही है. इस साल 30 अक्टूबर तक पर्यटक इस अद्भुत जगह का आनंद ले सकेंगे. जून से सितंबर का महीना घूमने का सबसे अच्छा समय माना जाता है, क्योंकि इस दौरान यहाँ फूलों की बहार होती है. 500 से भी अधिक प्रजातियों के रंग-बिरंगे फूलों से ढकी यह घाटी मानो धरती पर स्वर्ग उतार देती है. यहाँ आप न केवल मनमोहक फूलों का दीदार कर सकते हैं, बल्कि हिमालयी वनस्पतियों, दुर्लभ जानवरों और रंग-बिरंगी तितलियों को भी देख सकते हैं. तो अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो फूलों की घाटी आपके लिए एकदम सही जगह है.
प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है यह घाटी
1982 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित, यह घाटी 500 से अधिक प्रजातियों के फूलों का घर है, जो जून से सितंबर के बीच खिलते हैं. हिमालय की तलहटी में 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह घाटी विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीवों का निवास स्थान है. ब्रह्मकमल, नीलाकमल, ऑर्किड, रोडोडेंड्रोन और लैवेंडर जैसे फूलों के साथ-साथ, यहाँ हिम तेंदुए, भालू, हिरण, बर्फबबूल और अनेक प्रकार के पक्षी भी पाए जाते हैं.
कर सकते हैं ये एक्टिविटी
यहां आप ट्रेकिंग, कैंपिंग, फोटोग्राफी इत्यादी कर सकते हैं. आपको बता दें, फूलों की घाटी में ट्रैकिंग के लिए भारतीय नागरिगों के लिए 200 रुपए और विदेशी सैलानियों के लिए 800 रुपए तय किया गया है. घाटी के में बेस कैंप घांघरिया से पर्यटकों के लिए टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी रहेगी.
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यहाँ कैसे पहुंचें?
- हवाई मार्ग- देहरादून निकटतम हवाई अड्डा है, जहाँ से आप गोविंदघाट के लिए टैक्सी ले सकते हैं.
- रेल मार्ग- ऋषिकेश निकटतम रेलवे स्टेशन है, जहाँ से आपको गोविंदघाट जाना होगा.
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