महंगाई के इस दौर में बिना लोन और क्रेडिट कार्ड के लाइफ होना बड़ी बात है. देश में लोन पर लोगों की डिपेंडेंसी तेजी से बढ़ रही है. RBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 तक भारत में 10.8 करोड़ सक्रिय क्रेडिट कार्ड थे जो साल 2019 की तुलना में दोगुने हो गए हैं. आए दिन क्रेडिट कार्ड के भारी-भरकम बिल लोगों टेंशन दे रहे हैं.
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चले थे क्रेडिट स्कोर ठीक करने...क्रेडिट कार्ड का बिल ऐसा आया कि खराब होने लगा स्कोर. ये आज के अधिकांश युवाओं की प्रॉब्लम है. वजह बिना सोचे-समझे खर्च कर सबकुछ भविष्य पर डाल देना. 'मिनिमम अमाउंट ड्यू' (MAD) पेमेंट करके फाइन से बच जाना. बाकी अमाउंट का पेमेंट अगले मंथ पर डाल देना.
वंदना की कहानी से समझिए
यही हाल है वंदना का. वंदना एक निजी कंपनी में काम करती हैं. उन्होंने कोई लोन नहीं लिया था. जीवन आसानी से चल रहा था. उनका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं था. उन्होंने क्रेडिट स्कोर सुधारने और तमाम ऑफर्स के साथ टीवी, AC, फ्रीज, वॉशिंगमशीन जैसी सुविधाएं जुटाने के लिए उन्होंने क्रेडिट कार्ड ले लिया. शुरूआत में तो सब ठीक था. कब इसपर बिल बढ़ने लगे और वो कर्ज में दबने लगीं इसका उन्हें पता ही नहीं चल पाया.
Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको क्रेडिट कार्ड के बेहतर इस्तेमाल के बारे में बता रहे हैं जिससे न केवल क्रेडिट स्कोर चकाचक होगा बल्कि बाजार में प्रोडक्ट पर मिल रहे ऑफर और रिवार्ड्स के फायदे भी ले पाएंगे.
1. क्रेडिट लिमिट का 30% नियम पर अटल रहें
गांठ बांध लें... कभी भी अपने कार्ड की पूरी लिमिट का इस्तेमाल न करें. ये कोशिश रहे कि क्रेडिट लिमिट के 30% से भी कम इस्तेमाल हो. ज्यादा कर्ज का इस्तेमाल नहीं करने पर बैंक को ये लगता है कि आप आर्थिक रूप से कमजोर नहीं है. इससे क्रेडिट स्कोर में इजाफा होता है और आपके ऊपर कर्ज का बड़ा भार नहीं बढ़ता है.
2- हर महीने पूरा बिल चुकाएं, मिनिमम पेमेंट नहीं
मिनिमम पेमेंट भी एक "जाल" है. इससे लेट पेमेंट से तो आप बच जाते हैं पर बकाया राशि पर बैंक 30-42% सालाना ब्याज वसूलते हैं. इससे आपका कर्ज और भी बढ़ता है. ये गलती न करें.
3- रिवॉर्ड्स और कैशबैक का स्मार्ट इस्तेमाल
यदि आपको कोई सामान खरीदना है. ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग पर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से छूट और रिवार्ड्स प्वाइंट्स मिल रहे हैं. ऐसे में आप भले ही क्रेडिट कार्ड से वो सामान खरीद लीजिए, लेकिन उसका भुगतान अगले मंथ में टालने की बजाय उसी मंथ में कर दीजिए. कोशिश करिए कि क्रेडिट कार्ड का कम से कम आधा भुगतान तुरंत कर दीजिए. यदि आप EMI पर लेते हैं तो ज्यादा दिन की EMI कराने से बचिए. भुगतान पूरा होने के बाद ही कोई नया सामान क्रेडिट कार्ड से खरीदना ठीक होगा.
4- क्रेडिट कार्ड को इमर्जेंसी फंड न मानें
क्रेडिट कार्ड को इमर्जेंसी फंड की तरह न यूज करें. यदि ऐसा किया तो आने वाले समय में आप फाइनेंशियली दबाव में आ जाएंगे. अपनी सैलरी में बचत करके कम से कम 3 और अधिक से अधिक 6 महीने की सैलरी के बराबर इमर्जेंसी फंड बनाएं.
5- कई क्रेडिट कार्ड रखने से बचें
क्रेडिट कार्ड पर कई ऑफर्स और गिफ्ट देकर बैंक आपको उसे चिपका देते हैं. कई क्रेडिट कार्ड होने पर आप अलग-अलग सभी में खर्चे बढ़ा लेते हैं. आपका कर्ज कब बढ़ जाता है पता ही नहीं चलता है. कई क्रेडिट कार्ड होने से हर ट्रांजेक्शन की ट्रैकिंग भी आसान नहीं होती. एक कार्ड रखिए. ट्रांजेक्शन ट्रैक करते रहिए. एक नियम बनाइए. सैलरी आते ही क्रेडिट कार्ड का पेमेंट करिए या पेमेंट ऑटो डेबिट पर सेट करिए.
एक महत्वपूर्ण बात...क्रेडिट कार्ड से कैश कभी मत निकालिए. ऐसे कई रास्ते होते हैं जिससे क्रेडिट कार्ड से कैश निकल जाता है. ये गलती बिल्कुल न करें. उसपर ज्यादा ब्याज देना पड़ता है. फिर आप कैश निकालकर कर्ज के मकड़जाल में फंस सकते हैं.
खुद से पूछें 5 सवाल
सवाल | जवाब |
क्या मैंने क्रेडिट लिमिट का 30% से कम खर्च किया? | हां |
क्या मैंने पूरा बिल चुकाया या सिर्फ मिनिमम पेमेंट किया? | पूरा बिल चुकाया |
क्या मेरे पास इमरजेंसी फंड है? | हां |
क्या मेरे खर्च ट्रैक हो रहे हैं? | हां |
क्या मेरे पास अनावश्यक कार्ड हैं? | नहीं |
निष्कर्ष
क्रेडिट कार्ड एक अच्छा सेवक है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही आपको खराब मालिक बना सकता है. सही प्लानिंग से यह आपको रिवॉर्ड, क्रेडिट स्कोर, और फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी देता है.
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