ICICI बैंक के सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 50,000 करने पर RBI गवर्नर संजय मलहोत्रा ने क्या कहा ?

ICICI ने बचत खातों पर मंथली मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की सीमा बढ़ा दी है. इसके बाद ग्राहकों ने हाय-तौबा मचा दी. इधर RBI के गवर्नर ने भी इस मामले पर अपना रिएक्शन दिया है.

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तस्वीर: RBI गवर्नर संजय मलहोत्रा. (इंडिया टुडे)

बृजेश उपाध्याय

11 Aug 2025 (अपडेटेड: 11 Aug 2025, 06:09 PM)

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प्राइवेट सेक्टर लेंडर ICICI बैंक के सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस के नियमों में बदलाव के बाद ग्राहक घबराए हुए हैं. सोशल मीडिया पर इसे लेकर लोगों के खूब रिएक्शन आ रहे हैं. मामले पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर संजय मलहोत्रा का भी रिएक्शन आ गया है. 

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न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में संजय मलहोत्रा ने कहा- 'भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यूनतम शेष राशि तय करने का काम बैंकों पर छोड़ दिया है. कुछ बैंकों में न्यूनतम शेष राशि 10,000 रुपए है, जबकि कुछ में न्यूनतम शेष राशि 2,000 रुपए है. यह नियामक के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है.'

क्या है ICICI का नया नियम

ICICI बैंक ने अपने बचत खातों पर मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपए से पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया है. नए नियम के मुताबिक....

  • शहरी और मेट्रो सिटीज में बचत खाते पर मिनिमम बैलेंस- 50,000 रुपए हो गया है. 
  • अर्ध शहरी क्षेत्रों में ये लिमिट 25,000 रुपए है. 
  • ग्रामीण क्षेत्रों के खाताधारकों के लिए ये लिमिट 10,000 रुपए है. 

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पहले क्या था नियम ? 

  • पहले शहरी और मेट्रो सिटीज में MAB की लिमिट 10,000 रुपए थी. 
  • अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में ये लिमिट 5,000 रुपए थी. 

किन खातों पर नया नियम होगा लागू? 

अब सवाल ये है कि क्या ICICI का ये नया नियम बैंक के सभी बचत खातों पर लागू होगा? जवाब है नहीं. दरअसल ये नया नियम 1 अगस्त 2025 और उसके बाद खोले गए खातों पर लागू होगा. 1 अगस्त से पहले खुले बैंक खातों पर पुराना नियम यानी शहरी क्षेत्रों में 10 हजार और अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 रुपए मिनिमम बैलेंस की शर्त होगी. 

इन खातों पर MAB लागू नहीं

ICICI बैंक के सैलरी अकाउंट और जनधन खातों पर मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की मजबूरी नहीं होती है. ऐसे खाते लगभग सभी बैंकों में MAB की शर्तों से मुक्त होते हैं. जिन खातों में सैलरी क्रेडिट होना बंद हो जाती हैं उसमें अमूमन 3 महीने (90 दिन) के बाद बैंक उसे सेविंग अकाउंट में बदल देता है. ऐसे में इन खातों पर भी MAB की शर्तें लागू हो जाती हैं. 

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MAB मेंटेन नहीं होने पर क्या होगा?

  • MAB (Monthly Average Balance)अकाउंट में मेंटेन नहीं होने पर बैंक उसमें मौजूद बैलेंस का 6 फीसदी या 500 रुपए जुर्माने के रूप में वसूलेगा. 

बैंक बैलेंस कम होने पर क्यों लगाते हैं जुर्माना?

  • बैंक अपने ऑपरेशनल कॉस्ट कवर करने के लिए MAB समेत अन्य जुर्माने और फीस वसूल करता है. 

ऑपरेशनल कॉस्ट क्या है?

  • बैंक को खाता चलाने में खर्च करना पड़ता है. जैसे शाखा संचालन, स्टाफ, ATM नेटवर्क, कस्टमर सर्विस, डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म पर लगने वाले खर्च वगैरह. 
  • न्यूनतम बैलेंस से बैंक को एक स्थिर फंड मिल जाता है, जिससे ये खर्च पूरे कर लिए जाते हैं. 
  • लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए भी फंड की जरूरत होती है. 
  • बैंक इन खातों में मेंटेन बैलेंस का इस्तेमाल लोन, निवेश या सरकारी बॉन्ड में करता है. इससे बैंक की कमाई होती है. 
  • बैंक के खातों में जितना अधिक बैलेंस, उतनी अधिक निवेश की क्षमता बढ़ती है. निवेश की क्षमता से ब्याज की अर्निंग बढ़ती है. 

आर्थिक रूप से मजबूत ग्राहकों का पता चलता है 

  • MAB की शर्तें पूरा करने और सक्रिय रहने वाले ग्राहकों का डेट बैंक के पास होता है. ऐसे ग्राहकों को बैंक टारगेट करते हैं अपने अन्य प्रॉडक्ट्स और ऑफर्स के लिए.  
  • MAB की शर्तों के चलते निष्क्रिय (लंबी अवधि से कोई ट्रांजेक्शन न होने और खाते खाली पड़े होने) खातों की संख्या कम होती है. 
  • जुर्माना इसलिए लगाया जाता है कि ग्राहक जुर्माने से बचने के लिए MAB की शर्तों का पालन करे. 


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MAB को लेकर इन बैंकों में ये हैं नियम

  • SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) ने साल 2020 से न्यूनतम बैलेंस की शर्त को सभी बचत खातों से हटा दिया है. 
  • PNB और केनरा बैंक में भी MAB की शर्तें बचत खातों से हटा लिया गया है. 
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ग्रामीण इलाकों के बचत खातों में 250 और शहरी इलाकों के खातों पर 1000 रुपए न्यूनतम बैलेंस की सीमा रखी गई है. 
  • HDFC बैंक में ग्रामीण शाखाओं में 2500 और शहरी ब्रांचों में 25000 रुपए MAB की शर्त है. 
  • IDFC बैंक में ग्रामीण क्षेत्रों में 10000 और शहरी क्षेत्रों में ये सीमा 25000 रुपए हैं. 

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