MPPSC Topper 2025: पहले मिली असफलता, लेकिन नहीं मानी हार…10 से 12 घंटे की पढ़ाई कर अब डिप्टी कलेक्टर बन रचा इतिहास

MPPSC Topper 2025: इंदौर की हर्षिता दवे ने MPPSC 2024 में महिला वर्ग में टॉप कर रचा इतिहास. ये उनका दूसरा अटेप्ट था. यहां पढ़ें उनका एक आम छात्रा से डिप्टी कलेक्टर बनने तक के उनके सफर की कहानी.

MPPSC Topper 2025
MPPSC Topper 2025

संदीप कुमार

17 Sep 2025 (अपडेटेड: 17 Sep 2025, 03:35 PM)

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MPPSC Topper 2025: इंदौर की रहने वाली हर्षिता दवे (MPPSC Topper Harshita Dave) ने MPPSC 2024 में महिला वर्ग में टॉप कर इतिहास रच दिया है. एक आम छात्रा से डिप्टी कलेक्टर बनने तक के उनके सफर ने कई युवाओं को प्रेरित किया है. हर्षिता का बताती हैं कि ये उनका दूसरा प्रयास था. इससे पहले भी उन्होंने एक अटेम्प्ट दिया था लेकिन उसमें सफल नहीं मिली. वे कहती है कि इस असफलता से निराश होने के बजाय उन्होंने और दोगुने जोश के साथ मेहनत की,जिसका नतीजा उन्हें अब मिला है. बतौर हर्षिता उन्होंने 11वीं क्लास में ही तय कर लिया था कि उन्हें सिविल सर्विसेज में जाना है. उनके इसी सफर के बारे में जानने के लिए 'न्यूज़ तक' की टीम ने हर्षिता दवे से खास बातचीत की. जवाब

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11वीं क्लास में कर लिया था फैसला

पहला सवाल हर्षिता से उनके सफर और पढ़ाई को लेकर पूछा गया. हर्षिता ने बताया कि उन्हें 11वीं क्लास में एक टीचर ने सिविल सर्विसेज में जाने का सुझाव दिया था, तभी से उन्होंने सोच लिया था कि वो इसी में जाएंजी। हर्षिता के अनुसार उन्होंने BA किया हुआ है. बतौर हर्षिता उन्होंने MPPSC के एग्जाम की तैयारी BA सेकंड ईयर से ही शुरू कर दी थी और उनका ये उनका दूसरा अटेम्प्ट था. इससे पहले हर्षिता ने 2023 में MPPSC का प्रीलिम्स का एग्जाम पास किया था. लेकिन मेन्स में असफलता हाथ लगी. ऐसे में उन्होंने अपनी गलतियों पर काम किया और फिर दोगुनी मेहनत के साथ तैयारी में जुट गई. 

सवाल: रिजल्ट के बारे में पता चलने पर आपकी और आपके परिवार की क्या प्रतिक्रिया थी?

जवाब: जब रिजल्ट आया मैं उस समय मेन्स की पढ़ाई कर रही थी. अचानक मुझे पता चला कि मैं डिप्टी कलेक्टर बन गई हूं. मैं बहुत खुश थी. मैंने दादी और मम्मी को बताया इसके बाद भैया और पापा को इसकी जानकारी दी. रिजल्ट आने के बाद से परिवार और दोस्तों में खुशी का माहौल था.

सवाल: कैसे की तैयारी?

जवाब: मैंने तैयारी के लिए एक निजी संस्थान से एक साल के लिए कोचिंग ली. क्योंकि मुझे सही दिशा और सिलेबस को समझने के लिए गाइडेंस की जरूरत थी. लेकिन इसके बाद मैंने पूरी तरह से सेल्फ-स्टडी पर फोकस किया और समय-समय पर कोचिंग की टेस्ट सीरीज और मॉक इंटरव्यू भी दिए.

सवाल: नोट्स खुद बनाए या बाजार में उपलसब्ध नोट्स का सहारा लिया?

जवाब: मेरा मानना है कि सोर्सेज लिमिटेड होने चाहिए. मैंने अपनी तैयारी के दौरान शॉर्ट नोट्स और सिनोप्सिस पर सबसे अधिक ध्यान दिया. मेन्स के दौरान ये नोट्स बहुत काम आए.  इनसे बहुत जल्दी रिविजन हो जाता था. मेरा सुझाव है कि छात्र अपने खुद के हैंड-रिटन नोट्स बनाएं.

सवाल: कितने घंटे पढ़ाई की?

जवाब: मैं राेज10 से 12 घंटे पढ़ती थी. लेकिन मेरा मानना है कि क्वालिटी मायने रखती है. जरूरी है कि जितना भी पढ़ें पूरी एकाग्रता और प्रोडक्टिविटी के साथ पढ़ें.

सवाल: आपकी पढ़ाई के दौरान सबसे बड़ी चुनौती क्या रही?

जवाब: मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती मेरी हॉबी थी. मैं बचपन से ही वाद-विवाद और मंच पर बोलने में बहुत सक्रिय थी. लेकिन इसकी वजह से पढ़ाई में फर्क पड़ रहा था तो ऐसे में एक्टिविटीज से दूर रहने का फैसला किया. हालांकि ये मेरे लिए बहुत मुश्किल तो था लेकिन मैंने दो साल तक खुद को इससे दूर रखा.

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सवाल: क्या आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती थीं?

जवाब: मैं सोशल मीडिया पर बहुत कम एक्टिव रहती थी. मेरा रोजाना का स्क्रीन टाइम लगभग एक से डेढ़ घंटे का था. मैं अक्सर बस में ट्रैवल करते समय ज्योग्राफी के रील्स या वीडियो देखती थी. इससे कन्सेट को समझने में आसानी होती थी. मैने सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ पढ़ाई के लिए ही किया.

सवाल: पढ़ाई के दौरान सबसे बड़ी चुनौती क्या रही?

जवाब: मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती उनकी अपनी हॉबी ही थी. मुझे मंच पर बोलना और डिबेट कंपटीशन में हिस्सा लेना अच्छा लगता था. लेकिन इससे मेरी पढ़ाई में डिस्टर्ब होने लगी. ऐसे में मैने अपनी हॉबी को कुछ समय के लिए छोड़ दिया और पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाना शुरू कर दिया.

सवाल: पढ़ाई के अलावा आप अपने खाली समय में क्या करती थीं?

जवाब: इस दौरान मैं अक्सर अपनी मम्मी के साथ घूमने जाती थी. मुझे खाते समय टीवी देखना या म्यूजिक सुनना पसंद है. मेन्स के बाद जब मेरे पास थोड़ा समय था तो मैंने एक डिबेट कंपटीशन में भाग लिया और चार इनाम जीते.

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सवाल: महिला छात्रों को कोई विशेष टिप?

जवाब: प्रीलिम्स के लिए ज़्यादा से ज़्यादा क्वेशचन लगाएं और बार-बार रिविज़न करें. मेन्स के लिए शॉर्ट नोट्स बनाएं और आंसर राइटिंग पर ध्यान दें. मॉक इंटरव्यू के माध्यम से अपने व्यक्तित्व पर काम करें.

सवाल: जो छात्र अभी शुरुआत करना चाहते हैं उन्हें आप क्या सलाह देंगी?

जवाब: सबसे पहले सिलेबस को अच्छे से समझें और मेन्स पर फोकस करें क्योंकि प्रीलिम्स को दो से तीन महीने में कवर किया जा सकता है. मेन्स का सिलेबस बहुत बड़ा है इसलिए इसके लिए  अधिक समय चाहिए. MP GK पर विशेष ध्यान दें ये  बहुत जरूरी है.

सवाल: डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद आपका आगे का क्या प्लान है?

जवाब: मेरा पहला लक्ष्य MPPSC और डिप्टी कलेक्टर का पद प्राप्त करना ही था. हालांकि, कई लोगों ने मुझे UPSC की तैयारी करने का सुझाव दिया है. मैंने अभी इसके बारे में सोचा नहीं है. फिलहाल मैं अपनी इस उपलब्धि से बहुत खुश और संतुष्ट हूं.

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