आत्मनिर्भर बिहार : MSME और स्टार्टअप नए उद्यमियों को मिल रही उड़ान, लाखों युवाओं को स्वरोजगार

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बिहार में स्टार्टअप और योजनाओं से युवाओं को स्वरोजगार का अवसर, महिला व युवा उद्यमी बन रहे आत्मनिर्भर, पढ़ें पूरी जानकारी.

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कृषि आधारित अर्थव्‍यवस्‍था माने जाने वाले बिहार में अब उद्योगों की एक नई तस्वीर उभर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में उद्योग विभाग अब महज एक प्रशासनिक इकाई नहीं बल्कि आर्थिक बदलाव का कारण बन रहा है. राज्य में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना (एमएमवाईयूवाई), बिहार लघु उद्यमी योजना (बीएलयूवाई), मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना जैसे कार्यक्रमों के जरिये हजारों युवाओं को स्वरोजगार और स्टार्टअप से अपने सपने पूरे करने का मौका मिला है.

मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना

इस योजना के तहत अब तक 8787 महिलाओं को उद्यमी बनाया गया है. इसके लिए कुल 608.91 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है. इस योजना के तहत महिलाओं को परियोजना राशि के रूप में अधिकतम 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रुपये) तक की राशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में भी दी जाती है, जिसे 7 वर्षों में वापस करना होता है.

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना

मुंगेर के अभिमन्यु कुमार बताते हैं कि उनके परिवार की माली हालत बेहद खस्ता थी लेकिन इस योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी. पिता के देहांत के बाद परिवारिक स्थिति सुधारने के लिए रोजगार की ठानी और फिर आवेदन दिया. फिर 10 लाख रुपये की सहायता से आटा, सत्तू और बेसन निर्माण का छोटा-सा प्लांट शुरू किया. वहीं, अभिमन्यु की तरह प्रिंस कुमार ने आइसक्रीम उत्पादन इकाई शुरू किया है जो उन्‍हें अच्‍छी आमदनी करवा रहा है.

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इस योजना के तहत शिक्षित युवा उद्यमियों को स्वरोजगार शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है. अब तक कुल 43 हजार 49 उद्यमी तैयार किए गए हैं. इस योजना पर कुल 3035.54 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है. योजना के तहत इसमें अधिकतम 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण शामिल है जबकि शेष अधिकतम 5 लाख रुपये अनुदान के रूप में तीन किस्तों में दी जाती है.

बिहार लघु उद्यमी योजना

मुंगेर के धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि उन्‍होंने रेडिमेड गारमेंट निर्माण इकाई लगाई है जिसके लिए उन्‍होंने आवेदन दिया था. चयन के बाद डेढ़ लाख रुपये की सहायता मिली. जिससे उन्‍होंने शर्ट, पैंट और स्कूल यूनिफॉर्म बनाने का काम शुरू किया. अब उनका सालाना टर्नओवर 4 से 5 लाख रुपये हो गया है. वहीं, पूनम कुमारी ने ब्यूटी पार्लर की ट्रेनिंग लेने के बाद खुद का व्यवसाय शुरू किया. फिलहाल उनका सालाना टर्नओवर दो से ढाई लाख रुपये तक पहुंच गया है.

बता दें कि यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आशा की एक नई किरण साबित हो रही है. इसके तहत प्रत्येक पात्र लाभार्थी को कुल 2 लाख रुपये तक का अनुदान तीन किस्तों में दिया जाता है. पहली किस्त में उद्यम स्थापना के लिए 50 हजार रुपये दिए जाते हैं. पहली किस्त के उपयोग के बाद दूसरी किस्त के रूप में 1 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है. दूसरी किस्त का उपयोग करने के बाद तीसरी किस्त के रूप में 50 हजार रुपये और दिए जाते हैं.

स्‍वरोजगार का हब बन रहा बिहार

राज्य में निवेश को सहज बनाने के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम, बिहार बिजनेस कनेक्ट, बिहार आइडिया फेस्टिवल और कौशल विकास कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है. इन पहलों से न केवल निवेश प्रक्रिया में तेजी आयी है बल्कि बिहार में उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और सरल बनाने का प्रयास जारी है.

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