Bihar: कन्हैया कुमार कल करेंगे CM हाउस का घेराव, बिहार की राजनीति में क्या आएगा नया मोड़!

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Bihar Kanhaiya Kumar Padyatra: बिहार में 11 अप्रैल को 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा का अंतिम चरण पहुंचेगा, जब कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के नेतृत्व में लगभग 5,000 कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे. इस प्रदर्शन में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की भी विशेष भागीदारी होगी.

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बिहार में फिर कल विपक्ष का एक बड़ा प्रदर्शन होने जा रहा है. इस प्रदर्शन में लगभग 5 हजार कार्यकर्ताओं के जमा होने की बात कही जा रही है जो की सीएम हाउस का मिलकर घेराव करेंगे. साथ ही राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट भी इसमें विशेष रूप से शामिल होने के लिए पटना पहुंच रहें है. कल इस प्रदर्शन के साथ ही कन्हैया कुमार की 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा भी समाप्त हो जाएगी.

पांच साल में सबसे बड़ा प्रदर्शन

बिहार में युवाओं के हित के लिए कन्हैया कुमार ने 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा 16 मार्च 2025 को पश्चिम चंपारण जिले के भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू की थी. इस पदयात्रा का मूल मंत्र बेरोजगारी और पलायन के खिलाफ आवाज बुलंद करना था. 11 अप्रैल को प्रदेश भर से आए लगभग 5 हजार कार्यकर्ता सीएम हाउस का घेराव करेंगे. यात्रा के समापन से एक दिन पहले, 10 अप्रैल को सदाकत आश्रम में 3,000 से 4,000 कार्यकर्ताओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है.

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सचिन पायलट भी होंगे शामिल

कन्हैया की इस पदयात्रा को और मजबूत बनाने के लिए और जन जन तक कन्हैया की बात को और मजबूती से रखने के लिए राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी पहुंच रहें है. पार्टी इस कार्यक्रम को महज विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि युवाओं से जुड़ने और व्यापक जनसंपर्क का एक बड़ा मौका मान रही है. पार्टी का उद्देश्य है कि इस मंच के माध्यम से युवाओं के साथ सीधा जुड़ाव स्थापित किया जाए और उनके मुद्दों को राजनीतिक प्राथमिकता दी जाए.

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बीजेपी के गढ़ में भी पदयात्रा

कन्हैया कुमार ने इस पदयात्रा के लिए पटना साहिब, कुम्हरार और बांकीपुर जैसे विधानसभा क्षेत्रों को चुना, जो परंपरागत रूप से भाजपा के मजबूत गढ़ माने जाते हैं। ये क्षेत्र शैक्षणिक हब भी हैं, जहां हजारों छात्र यूपीएससी, बीपीएससी, बैंकिंग और रेलवे जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. 

युवाओं को दिलाया भरोसा

यात्रा के दौरान कन्हैया कुमार ने विभिन्न जिलों में युवाओं से बातचीत कर उन्हें यह विश्वास दिलाया कि कांग्रेस उनकी नौकरी और भविष्य के मुद्दों को गंभीरता से लेती है और सड़क से लेकर सदन तक उनकी आवाज बुलंद करेगी.

अब सभी की निगाहें 11 अप्रैल पर टिकी हैं — जब पटना की सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ता नारे लगाएंगे: “पलायन रोको, नौकरी दो”. यह प्रदर्शन न सिर्फ नीतीश सरकार पर दबाव बनाएगा, बल्कि यह तय करेगा कि कांग्रेस युवा मतदाताओं के बीच कितनी पकड़ बना पाती है. यह आंदोलन बिहार की राजनीति में कांग्रेस के लिए एक निर्णायक मोड़ बन सकता है.

इनपुट: इंटर्न उत्पल कुमार

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