जेडीयू ने अपने सांसद गिरिधारी यादव को भेजा कारण बताओ नोटिस, SIR पर आखिर इन्होंने क्या कहा जो पार्टी नागवार गुजरा
JDU notice to MP: जेडीयू सांसद गिरिधारी यादव ने SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाए, पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी, जिस पर अब उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
ADVERTISEMENT

JDU notice to MP: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले SIR(Special Intensive Revision) को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है. बीते चार दिन से सदन के मानसून सत्र में भी विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार सवाल खड़े कर रहा है. इस बवाल ने तब ज्यादा हवा मिल गई जब सत्ता पक्ष जदयू के सांसद गिरिधारी यादव ने भी इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए. बीते कल गिरिधारी यादव ने SIR पर अपनी बात रखते हुए तीखे अंदाज में चुनाव आयोग की मंशा और तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए.
उनके इस बयान से विपक्ष को एक हवा मिल गई. लेकिन अब सांसद की मुश्किलें बढ़ सकती है. जेडीयू की ओर से नेशनल जनरल सेक्रेटरी अफाक अहमद खान ने सांसद गिरिधारी यादव को एक कारण बताओ नोटिस भेजा है और उनसे जवाब मांगा है.
जेडीयू ने भेजा कारण बताओ नोटिस
जेडीयू ने अपने सांसद गिरिधारी यादव को जो कारण बताओ नोटिस भेजा उसमें लिखा है कि, आप इस बात से भलीभांति अवगत है कि SIR जैसे संवेदनशील विषय पर आपके सार्वजनिक बयान, खास कर चुनावी साल में ना केवल पार्टी को शर्मिंदा करती है बल्कि विपक्ष द्वारा लगाए जाने वाले निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोपों को अनजान रूप से प्रोत्साहन प्रदान करती है.
यह भी पढ़ें...
15 दिन में मांगा जवाब
जदयू के इस पत्र में आगे लिखा गया है कि, जनता दल(यूनाइटेड) आपके द्वारा दिए गए इस बयान और व्यवहार को पार्टी की घोषित नीति के विरुद्ध और अनुशासनहीनता मानती है. इसलिए इस प्रपेक्ष में आपके यह अपेक्षा की जाती है कि इस नोटिस के प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर वो कारण बताएं जिससे की आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों ना की जाए.
ये भी पढ़ें: "उमरवा क्या है तुम्हारा..., बच्चा हो तुम", SIR पर बहस के बीच तेजस्वी पर भड़के सीएम नीतीश
गिरिधारी यादव ने क्या दिया था बयान?
बांका से जदयू सांसद गिरिधारी यादव ने बिहार में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण(SIR- Special Intensive Revision) प्रक्रिया का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया चुनाव आयोग की मंशा और तैयारी के साथ पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के फैसले पर भी सवाल खड़े कर सकती है.
पीटीआई से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग को इस प्रक्रिया को 6 महीने तक चलानी चाहिए ताकि मतदाता दस्तावेज जमा कर सकें. और जिनके पास मतदान का अधिकार नहीं है, उन्हे हटाया जा सकें. इस प्रक्रिया ने गरीबों को परेशान कर दिया है.
"मुझे खुद दस्तावेज जुटाने में लगे 10-11 दिन"
गिरिधारी यादव ने कहा कि मुझे खुद दस्तावेज जुटाने के लिए 10-11 दिन का समय लग गया. मेरा बेटा अमेरिका में रहता है और मुझे नहीं पता कि अब वो बिहार में वोट देगा भी या नहीं. जब उनसे पूछा गया कि आपकी पार्टी(जदयू) इस प्रक्रिया का समर्थन कर रही है तो उन्होंने कहा कि मैं अपनी बात रख रहा हूं.
यहां देखें जेडीयू का कारण बताओ नोटिस
यह खबर भी पढ़ें: बिहार में किस गठबंधन की तरफ लोगों का ज्यादा झुकाव, पीके की जनसुराज किस नंबर पर? ताजा सर्वे में जानें