‘मैं जेल में ही मर जाना चाहता हूं’… Jet Airways के मालिक नरेश गोयल के बर्बाद होने की कहानी!
“मैं जेल में ही मर जाना चाहता हूं” जेट एयरटेव के मालिक नरेश गोयल कैसे आसमान की ऊंचाई तक पहुंचे और फिर कैसे हुए बर्बाद, ये है पूरी कहानी!
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Naresh Goyal news: कभी भारत की बेस्ट मानी जाने वाली और दुनिया की सबसे प्रॉफिटेबल एयरलाइन चलाने वाले शख्स नरेश गोयल की आज की हालत देखकर आप वाकई चौंक जाएंगे. एक वक्त Jet Airways की सफलता का आलम ये था कि तब हुए एक सर्वे में पता चला था कि 10,000 पैसेंजर्स में से महज 10 लोगों को जेट एयरवेज से कोई शिकायत थी. यानी कस्टमर्स खुश थे, एयरलाइन प्रॉफिटेबल थी और नरेश गोयल रईसों की टॉप लिस्ट में थे. Jet Airways के प्रमोटर चेयरमैन नरेश गोयल को एविएशन सेक्टर का बेताज बादशाह माना जाता था. यही नरेश गोयल आज बिलकुल अकेले हैं. जेल में हैं और कोर्ट में रोते हुए गुहार लगाने की उनकी खबरें आ रही हैं. ये कहानी उस शख्स की है, जिसने जमीन से आसमान ऊंचाइयां छुईं और फिर से जमीन पर आ गिरा. ये कहानी है नरेश गोयल के उत्थान और पतन की.
लाचार नजर आए नरेश गोयल
गुमनामी और जीवन के संभवतः सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे नरेश गोयल अभी अचानक सुर्खियों में आ गए. मुंबई की एक विशेष अदालत में पेशी के दौरान उन्होंने अदालत से हाथ जोड़कर कहा कि उन्होंने जीवन की हर उम्मीद खो दी है और अब वे इस तरह जीने की बजाय जेल में मरना पसंद करेंगे. नरेश गोयल ने कोर्ट से कहा कि वे अपनी पत्नी को मिस करते हैं जो कैंसर के एडवांस स्टेज से गुजर रही हैं. गोयल के कोर्ट में रो पड़ने की घटना सुर्खियों में छा गई. नरेश गोयल पिछले साल 1 सितंबर से जेल में हैं.
कैसे खड़ी की एयरलाइंस
पंजाब के संगरूर में पैदा हुए नरेश गोयल के शुरुआती साल मुश्किलों भरे रहे. उन्होंने एक ट्रैवल एजेंसी में बतौर कैशियर कामकाज शुरू किया था. 1974 उन्होंने अपनी मां से 52,000 रुपए उधार लिए. 1993 में गोयल ने जेट एयरवेज की नींव रखी. जेट एयरवेज ने तेजी से बाजार में अपनी जगह बनाई और एक मजबूत खिलाड़ी बन गई.
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फोर्ब्स की लिस्ट में शामिल
इसके साथ ही गोयल भी फोर्ब्स के रईसों की लिस्ट में शामिल हो गए. वे इस लिस्ट में देश के 16वें सबसे रईस शख्स के पायदान तक पहुंच गए थे. वे जेट एयरवेज को नई ऊंचाइयों तक ले गए और कड़े कंपटीशन वाले एविएशन मार्केट में इसने एयर इंडिया तक को तगड़ी चुनौती दे डाली. और एक वक्त ऐसा भी आया जबकि जेट के जहाजों की संख्या 100 के पार चली गई. ये जेट एयरवेज और नरेश गोयल का गोल्डन पीरियड था.
कैसे बढ़ी मुश्किलें?
उन्होंने 2,250 करोड़ रुपए में एयर सहारा को भी खरीद डाला था. लेकिन, जेट की मुश्किलें बढ़नी भी शुरू हो गईं. 2004-05 में जेट का मार्केट शेयर 43% था जो कि घटकर 36% पर आ गया. बाद में जेट एयरवेज फाइनेंशियल गड़बड़ियों का शिकार होता चला गया और कंपनी भारी-भरकम कर्ज तले दब गई. नरेश गोयल इन मुश्किलों से अपनी एयरलाइन को बचा नहीं पाए और आखिरकार 2019 में जेट के जहाज जमीन पर आ गए. जेट की उड़ानें बंद हो गईं. जेट एयरवेज के हजारों एंप्लॉयीज सड़क पर आ गए और पैसेंजर्स दूसरी एयरलाइंस तलाशने लगे.
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फ्रॉड के आरोप
2019 में ही ED ने गोयल को 538 करोड़ रुपए के फ्रॉड के आरोप में अरेस्ट कर लिया. इसके बाद गोयल एक मुश्किल कानूनी लड़ाई में फंस गए. मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद 70 साल के नरेश गोयल की पत्नी कैंसर से जूझ रही हैं और उनकी बेटी भी खराब स्वास्थ्य से गुजर रही हैं.
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जेट के शेयरों का हाल
जेट एयरवेज का शेयर भी इस कंपनी के जमींदोज होने की कहानी बताते हैं. 2005 में 1300 रुपए के पार पहुंच गया शेयर आज की तारीख में 58 रुपए के करीब चल रहा है. अप्रैल 2020 में तो जेट के शेयर 15 रुपए के लो तक चले गए थे. हालांकि, शेयर हाल के वक्त में थोड़ा चढ़ा भी है. इसका 52-वीक का हाई करीब 84 रुपए है. और बीते 6 महीने में इसमें 30% चढ़ा है.
भारतीय कॉरपोरेट जगत में नरेश गोयल जैसे कई किस्से मौजूद हैं. विजय माल्या को देख लीजिए या मेहुल चोकसी या नीरव मोदी को या फिर सुब्रत रॉय सहारा को. अपने संघर्ष से जमीन से आसमान तक की बुलदिंया छूने के बाद इन कारोबारियों के पतन की कहानी सबको चौंकाती भी है और ये भी बताती है कि कारोबारी दुनिया में हमेशा सफलता की ही कहानियां नहीं हैं, यहां रईसों के बर्बाद होने के भी कई किस्से हैं.
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