Gold Silver Price Update: साल 2025 में चांदी ने दिया 181% रिटर्न, अब चीन के एक दांव से ग्लोबल इकोनॉमी में मचा हड़कंप

Gold Silver Price Update: साल 2025 में चांदी ने निवेशकों को चौंकाते हुए 181% तक का रिटर्न दिया है. ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, 5G, डेटा सेंटर्स और डिफेंस सेक्टर में बढ़ती मांग के बीच चीन ने सिल्वर एक्सपोर्ट पर लाइसेंसिंग लागू करने का बड़ा फैसला लिया है। 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाली इस पॉलिसी ने ग्लोबल सिल्वर सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ा दी है.

Silver price surge 2025
Silver price surge 2025
social share
google news

Gold Silver Price Today: 2025 में सिल्वर ऐसी चमकी है कि इसमें पैसा लगाने वाले निवेशक मालामाल हो गए. चांदी वो धातु, जिसे सदियों तक सोने की छोटी बहन समझा गया, आज ग्रीन एनर्जी, EV, 5G, डेटा सेंटर्स और डिफेंस टेक्नोलॉजी की रीढ़ बन चुकी है. और ठीक इसी वक्त जब दुनिया पहले से ही सप्लाई की कमी से जूझ रही है, चीन ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसने पूरी ग्लोबल इकोनॉमी की धड़कन तेज कर दी है. 1 जनवरी 2026 से चीन से होने वाले हर एक सिल्वर एक्सपोर्ट के लिए सरकारी लाइसेंस अनिवार्य होगा. ये फैसला सिर्फ एक ट्रेड पॉलिसी नहीं है बल्कि एक जियो-इकोनॉमिक हथियार है. इसी वजह से बीते एक हफ्ते में सिल्वर में एक तरफा चाल देखी गई है. 

चांदी में लगातार दिखा उछाल

इंडिया में 1 किलो चांदी का भाव ढाई लाख रुपये प्रति किलो के स्तर को पार कर गया है, जबकि मार्केट में चांदी की डिलीवरी का भाव 2 लाख 70 हजार या उससे भी महंगी मिल रही है. 1 हफ्ता में चांदी का भाव 20 फीसदी के करीब चढ़ा है और ​1 महीना में 42 फीसदी, 6 महीने में 109 फीसदी का रिटर्न दिया है. साल 2025 में अब तक सिल्वर का भाव 181 फीसदी बढ़ चुका है.    

चांदी में अचानक क्यों बढ़ा निवेशकों का रुझान

सिलवर में इस तरह की रैली की किसी को उम्मीद नहीं थी. अक्तूबर में भी चांदी में एक तफरा चाल दिखी थी लेकिन ऊपरी स्तरों से चांदी में बड़ी बिकवाली आई थी भाव 1 लाख 80 हजार से सीधे डेढ़ लाख के करीब आ गया है. अब सवाल ये है कि आखिर दिसंबर के आखिरी हफ्तों में ऐसा क्या हुआ चांदी में दुनियाभर के निवेशकों का रुझान बढ़ गया. इसके पीछे बड़ी वजह है चीन की चांदी को लेकर ट्रेड पॉलिसी. चीन के लाइसेंसिंग नियमों से सिल्वर की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है. चांदी की कीमतों में तेज उछाल को निवेशक सट्टेबाजी मान रहे थे लेकिन ये संरचनात्मक आपूर्ति घाटा(Structural Supply Deficit) है. 

यह भी पढ़ें...

चीन से चांदी एक्सपोर्ट करने पर अब लाइसेंस लेना होगा. इसका मतलब है कि सरकार तय करेगी चांदी किसे दी जाएगी. चांदी किसको कितनी दी जाएगी, और कब दी जाएगी, ये मार्केट को सरकार के कंट्रोल में ले जाना है और यही चीन पहले रेयर अर्थ मेटल्स, गैलियम और जर्मेनियम के लिए कर चुका है. अब वही मॉडल सिल्वर में लागू हो रहा है. सिल्वर मार्केट में चीन का यह नया दांव सिर्फ एक ट्रेड पॉलिसी नहीं, बल्कि स्ट्रेटेजिक मूव है. यानी की रणनीति के तहत ये पॉलिसी चीन ने तैयार की है. सिल्वर दुनिया का सबसे अधिक विद्युत प्रवाहकीय धातु (Most Electrically Conductive Metal) है. 

चांदी का कहां-कहां होता है यूज?

  • सोलर एनर्जी
     
  • इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV)
     
  • बैटरी मैनेजमेंट
     
  • चार्जिंग सिस्टम
     
  • पावर इलेक्ट्रॉनिक्स
     
  • 5G और डेटा सेंटर्स
     
  • हाई-स्पीड सिग्नल ट्रांसमिशन
     
  • सर्वर कनेक्टिविटी
     
  • मेडिकल डिवाइसेज
     
  • मिसाइल और रडार सिस्टम 

मतलब साफ है बिना सिल्वर, ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन रुक सकता है.

सबसे ज्यादा चांदी कहां पैदा होती है?

दुनिया में सिल्वर सबसे ज्यादा मेक्सिको में पैदा होता है. दुनिया में पैदा होने वाली चांदी में मैक्सिको की 24 फीसदी हिस्सेदारी है. चीन और पेरु की 13-13 फीसदी, चिली की 6 फीसदी और बोलिविया, पौलैंड और रुपस की 5 फीसदी हिस्सेदारी है.

चीन सिल्वर प्रोड्यूस करने में भले ही दूसरे नंबर पर है, लेकिन रिफाइनिंग और डिमांड में नंबर 1 है. मैक्सिको-पेरू जैसे देशों का प्रोडक्शन भी बायप्रोडक्ट पर निर्भर है, इसलिए सप्लाई को तुरंत बढ़ाना आसान नहीं होगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि, सप्लाई जल्दी नहीं सुधरेगी, नई माइंस में सालों लगते हैं. डिमांड लगातार बढ़ रही है. इसलिए 2026 की शुरुआत में भी सिल्वर में वोलैटिलिटी रहेगी लेकिन ट्रेंड ऊपर का हो सकता है.

यह खबर भी पढ़ें: राशन कार्ड से लेकर बैंकिंग तक...1 जनवरी 2026 से होंगे 10 बड़े बदलाव, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर!

    follow on google news