'दूध का दूध, पानी का पानी', CBI ने शुरू की मनीषा की रहस्यमयी मौत की जांच!
Bhiwani Manisha Death: भिवानी की रहने वाली 19 साल की लेडी टीचर मनीषा की मौत के मामले की जांच अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) करेगी. मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 20 अगस्त को इस मामले को सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया था.
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Bhiwani Manisha Death: भिवानी की रहने वाली 19 साल की लेडी टीचर मनीषा की मौत के मामले की जांच अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) करेगी. मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 20 अगस्त को इस मामले को सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया था. 25 अगस्त को हरियाणा सरकार ने केस से जुड़ी सभी फाइलें सीबीआई को भेज दी हैं. अब भिवानी पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर CBI जल्द ही इस मामले की तहकीकात शुरू कर सकती है.
कौन थी मनीषा..उसके क्या हुआ था?
भिवानी की रहने वाली मनीषा 11 अगस्त को लापता हुई थी और 13 अगस्त को उसका शव खेतों में मिला था. मनीषा की अपने गांव में ही एक प्ले स्कूल में पढ़ाती थी, मनीषा ने 85% अंकों के साथ साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास की थी और आगे 'नर्सिंग ऑफिसर' बनना चाहती थीं.
अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वह पढ़ाई के साथ-साथ कुछ पैसे भी कमाना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने जुलाई में ₹5,000 महीने की तनख्वाह पर स्कूल में पढ़ाना शुरू किया था. अगस्त में उन्हें अपनी पहली सैलरी मिलने वाली थी लेकिन 11 अगस्त को वह लापता हो गईं और 13 अगस्त को उनका शव खेतों में मिला था.
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जनता में भारी आक्रोश
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और मनीषा के परिवार में भारी आक्रोश पैदा हो गया. परिवार और ग्रामीणों ने इसे हत्या का मामला बताते हुए पुलिस की जांच पर सवाल उठाए. पुलिस ने शुरू में हत्या का केस दर्ज किया, लेकिन बाद में एक कथित सुसाइड नोट और कीटनाशक खरीदने के सबूत के आधार पर इसे आत्महत्या करार दिया.
मनीषा के पिता संजय ने पुलिस के इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "मेरी बेटी कभी आत्महत्या नहीं कर सकती. हम न्याय चाहते हैं." ग्रामीणों ने भी इस मामले में CBI जांच की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किए और मनीषा का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था.
CBI को सौंपी गई जांच
लगातार बढ़ते जनाक्रोश और परिवार की मांग के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 20 अगस्त को इस मामले को CBI को सौंपने का ऐलान किया. उन्होंने कहा, "हमारी बेटी मनीषा और उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार और पुलिस पूरी गंभीरता से काम कर रही है. मैं स्वयं इस मामले की निगरानी कर रहा हूं." 25 अगस्त को सरकार ने इस केस की फाइल CBI को भेज दी.
इसके अलावा, मनीषा के शव का तीसरा पोस्टमॉर्टम दिल्ली के AIIMS में कराया गया, जिसके बाद 21 अगस्त को ढाणी लक्ष्मण गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
अब CBI से उम्मीद
मनीषा की मौत का रहस्य अभी भी बरकरार है. यह हत्या थी या आत्महत्या? इस सवाल का जवाब अब CBI की जांच पर टिका है. पुलिस की ओर से सुसाइड नोट और कीटनाशक के सबूत पेश किए गए हैं, लेकिन परिवार और ग्रामीणों का मानना है कि इसमें कुछ बड़ा राज छिपा है. स्कूल और नर्सिंग कॉलेज के बीच का 1.5 किलोमीटर का रास्ता, जहां मनीषा आखिरी बार दिखी थीं, इस मामले का सबसे अहम हिस्सा है.
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