भूमिपूजन कहीं हुआ, बना कहीं और दिया, अब नेशनल हाईवे की वजह से टूटेगा लाखों का वेयरहाउस
Khargone News: खरगोन में इंदौर इच्छापुर नेशनल हाईवे पर बड़वाह के पास स्थित वेयरहाउस के मामले में नौकरशाहों की कारगुजारी का अनोखा कारनामा सामने आया है. नेशनल हाईवे के बीच सरकारी विभाग ने एक बड़ा वेयरहाउस बना दिया और किसी को खबर तक नहीं लगी. 72 लाख की लागत से करीब 70×87 फ़ीट के बने […]
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Khargone News: खरगोन में इंदौर इच्छापुर नेशनल हाईवे पर बड़वाह के पास स्थित वेयरहाउस के मामले में नौकरशाहों की कारगुजारी का अनोखा कारनामा सामने आया है. नेशनल हाईवे के बीच सरकारी विभाग ने एक बड़ा वेयरहाउस बना दिया और किसी को खबर तक नहीं लगी. 72 लाख की लागत से करीब 70×87 फ़ीट के बने सहकारिता विभाग के इस वेयरहाउस पर अब खुद प्रशासन का बुलडोजर चलना तय है और जनता के पैसे की बर्बादी भी निश्चित है. कांग्रेस की पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने भूमिपूजन कहीं और किया था, लेकिन वेयरहाउस कहीं और बन गया. मामला सीएम हाउस पहुंचने के बाद हो सकी जांच.
खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर दूर बड़वाह विकासखंड के चिचला गांव में 7 एकड़ चरनोई की भूमि थी. दरअसल ये भूमि सेवा सहकारी मर्यादित उमरिया की है और यहां पर सहकारिता विभाग द्वारा वेयरहाउस निर्माण प्रस्तावित था. वर्ष 2019 में कांग्रेस की तत्कालीन मंत्री डॉक्टर विजय लक्ष्मी साधौ ने वेयरहाउस निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था. कुछ समय बाद इस स्थान की वजह 200 मीटर दूरी पर 69.88 फ़ीट चौड़ाई और 86.94 फ़ीट लंबाई का वेयर हाउस का निर्माण कर दिया गया.
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वेयरहाउस निर्माण के बाद हुआ खुलासा
वेयरहाउस का पूरा काम होने के बाद जब इंदौर इच्छापुर नेशनल हाईवे फोरलेन का काम शुरू हुआ और एनएचएआई ने सर्वे किया तो चौंकाने वाली बात सामने आई. दरअसल वेयर हाउस नेशनल हाईवे के बीच में आ गया. जब बात ओपन हुई तो हड़कंप मच गया. तत्कालीन कलेक्टर अनुग्रहा पी ने एनएचएआई के इंजीनियर को बुलाकर कोई रास्ता निकालने की बात थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला.
लाखों के राजस्व की रकम बर्वाद
वर्तमान कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा अधिकारियों द्वारा की गई भारी लापरवाही को गलती जैसी कोई चीज नहीं बताई है. दरअसल अब सवाल ये उठता है कि 72 लाख रुपए के राजस्व के नुकसान की भरपाई कौन करेगा.
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लाखों की लागत से बना वेयरहाउस तोड़ना ही एक उपाय
खरगोन कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा का कहना है इस मामले में जांच कराई गई थी. जो सरकारी नंबर था, जो बड़ा नंबर था.. जमीन का भूअर्जन, एनएच के लिए सड़क के लिए हुआ और उसी नंबर पर वो जमीन वेयरहाउस के लिए आवंटित की गई थी. चूंकि बंटा नंबर नहीं था, मौके पर रोड़ नहीं था, इसलिए वेयर हाउस बन गया और वो अब रोड़ के बीच में आ रहा है. ये मामला शासन को चला गया है और इसमें गलती जैसी कोई चीज नहीं है. खाली जमीन थी तो बन गया. पहले से पता होता कि रोड़ बनने वाला है तो वो बनता भी नहीं. उसे हटाना भी पड़ेगा. शासन से वेयरहाउस का पैसा लाने का प्रयास करेंगे. टूटने के बाद वेयरहाउस टूट कर एनएचएआई का काम शुरू हो जाएगा.
निरीक्षण करने वाले अधिकारियों पर हो कार्रवाई: कांग्रेस नेता
बड़वाह विधानसभा के कांग्रेस नेता और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष इंदर बिरला का कहना है चूंकि ये गोदाम जन चर्चा का विषय बना हुआ है. कहीं ना कहीं शासन की चूक है. कोई सी भी योजना आती है, शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है उसका पटवारी, तहसीलदार और एसडीएम द्वारा मौका निरीक्षण किया जाता है. गोदाम को हाईवे के बीचोबीच बना दिया गया है या तो ये प्रशासनिक लापरवाही है या फिर प्रशासनिक चूक है. जिन अधिकारियों को द्वारा मौका निरीक्षण किया गया था, उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए क्योंकि ये जनता का पैसा है.
70 लाख की लागत से बनने वाला गोदाम आज सड़क के बीचो-बीच आ रहा है. जिन अधिकारियों द्वारा बगैर जांचे परखे रिपोर्ट दी गई है. उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए.
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