बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कारण इस सीट पर बीजेपी-कांग्रेस मुश्किल में, बिगड़ सकता है समीकरण
MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों (MP Vidhansabha Chunav) की वोटिंग में कुछ ही दिन बाकी हैं. जबलपुर की बरगी विधानसभा सुर्खियों में है. यहां मुकाबला काफी दिलचस्प है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समझौते ने जबलपुर की बरगी विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के सामने मुश्किलें खड़ी कर […]
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों (MP Vidhansabha Chunav) की वोटिंग में कुछ ही दिन बाकी हैं. जबलपुर की बरगी विधानसभा सुर्खियों में है. यहां मुकाबला काफी दिलचस्प है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समझौते ने जबलपुर की बरगी विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. बरगी विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस जहां पूरा जोर लगा रही है, तो वहीं इस बार बीजेपी भी इस सीट पर परचम फहराने की पुरजोर कोशिश कर रही है. आइए जानते हैं कि बरगी विधानसभा के जातिगत समीकरण कैसे हैं, और कौन सी पार्टी इस बार मजबूत स्थिति में है.
करीब एक दशक तक बरगी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था. प्रतिभा सिंह लगातार इस सीट से 2 बार भारतीय जनता पार्टी से विधायक चुनी गईं, लेकिन 2018 के विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के संजय यादव ने भाजपा के कब्जे से यह सीट छीन ली. बरगी विधानसभा सीट पर आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. लिहाजा इस बार बरगी के आदिवासी परिवार स्थानीय और आदिवासी विधायक की मांग को लेकर लगातार चर्चाएं कर रहे हैं और यह मांग क्षेत्र में पूरी तरह से जोर भी पकड़ रही है.
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बसपा-जीजीपी के प्रत्याशी दे रहे चुनौती
बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच हुए समझौते के तहत जीजीपी ने मांगीलाल मरावी को अपना प्रत्याशी बनाया है. मांगीलाल मरावी कांग्रेस से टिकट न मिलने के कारण गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ रहे मांगीलाल मरावी कांग्रेस के पुराने नेता माने जाते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की, तब उनकी उम्र 18 साल थी. लेकिन लगातार हो रही उपेक्षा के चलते और ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने के लिए ही उन्होंने जीजीपी का दामन थामा है.
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कांग्रेस गिना रही उपलब्धियां
बरगी क्षेत्र के मौजूदा विधायक और कांग्रेस के प्रत्याशी संजय यादव अपने विधायक कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान करते नहीं थक रहे हैं. उनका कहना है कि बरगी बांध से लगे होने के बावजूद भी क्षेत्र के गांवों में पानी की समस्या विकराल रूप ले चुकी थी, लेकिन उन्होंने इस समस्या का हल तो कराया ही, साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं को पटरी पर लाकर क्षेत्र के मतदाताओं को अराजकता और गुंडागर्दी जैसे हालातों से भी राहत दिला दी.
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केंद्र की योजनाओं के सहारे भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नीरज सिंह शिवराज और मोदी सरकार के कामों और योजनाओं का सहारा लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. उनका कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई लाडली बहना योजना हो या फिर किसानों के लिए शुरू की गई योजनाएं, भाजपा की सरकारों ने समाज के हर वर्ग और तबके की चिंता की है और इसका लाभ हर किसी को मिल रहा है. भाजपा प्रत्याशी नीरज सिंह को भरोसा है कि केंद्र और प्रदेश की सरकारों के द्वारा शुरू की गई योजनाओं और कामों के जरिए उन्हें मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिलेगा.
बरगी विधानसभा के समीकरण
बरगी के कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 41 हज़ार 999 हैं इसमें 1 लाख 24 हज़ार 69 मतदाता पुरुष है तो 1 लाख 17 हज़ार 909 महिला मतदाता हैं. इनमें सबसे ज्यादा आदिवासियों की संख्या खासी ज्यादा है. एक अनुमान के मुताबिक करीब 60 से 65 हज़ार आदिवासी मतदाता बरही क्षेत्र में निवास करते हैं जो किसी भी पार्टी की जीत हार में अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसी स्थिति में आदिवासी मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए सभी पार्टियां पूरा जोर लगा रही हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गठजोड़ ने दोनों ही प्रमुख पार्टियों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.
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