ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली से आया बुलावा, प्रचंड जीत के बाद ट्रेंड करने लगे ‘मामा’

प्रतीक्षा

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav 2023) के परिणामों में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिल रहा है. बीजेपी बंपर सीटों के साथ मध्य प्रदेश की सरकार बना रही है. भाजपा की जीत का श्रेय सीएम शिवराज का मास्टर स्ट्रोक कही जाने वाली ‘लाड़ली बहना योजना’ को दिया जा रहा है.

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MP Election Result 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) के परिणामों में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है. बीजेपी बंपर सीटों के साथ मध्य प्रदेश की सरकार बना रही है. भाजपा की जीत का श्रेय सीएम शिवराज का मास्टर स्ट्रोक कही जाने वाली ‘लाड़ली बहना योजना’ को दिया जा रहा है. ऐसे में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या मामा और भैया की छवि वाले शिवराज सिंह चौहान पांचवी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे? इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotoraditya Scindhia) को दिल्ली बुलाया गया है, जिससे उन्हें भी सीएम बनाने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. भोपाल से लेकर दिल्ली तक हलचल तेज हो गई है.

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सीएम फेस घोषित नहीं किया है. कई दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने से भाजपा के सीएम फेस पर सस्पेंस बना हुआ है. शिवराज सिंह चौहान के अलावा अब सिंधिया को सीएम बनाने की चर्चाएं जोर-शोर से हो रही हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली बुलाया गया है, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक बीजेपी आलाकमान ने मध्य प्रदेश के राजनीतिक भविष्य को लेकर खास प्लानिंग कर रखी है.

क्या सिंधिया बनेंगे सीएम?

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 2020 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे. 2018 के विधानसभा चुनावों में कमलनाथ के अलावा सिंधिया भी कांग्रेस के सीएम फेस के तौर पर भी प्रोजेक्ट किए गए थे. हालांकि कमलनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली. कमलनाथ से विवादों के बाद सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था और वे भाजपा में शामिल हुए थे. 2020 में बीजेपी सिंधिया और उनके समर्थकों के सहयोग से ही सत्ता में आई थी और कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई थी.

ज्योतिरादित्य सिंधिया भलें ही 2023 के चुनावी मैदान में नहीं उतरे, लेकिन उनके सीएम बनने को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं. हालांकिं सिंधिया विधानसभा सदस्य नहीं है, लेकिन ये दिलचस्प है कि जिस वक्त शिवराज ने सीएम पद की कमान संभाली थी, तब वे भी विधायक नहीं थे. 

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मामा और भैया की छवि वाले शिवराज

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2005 में मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी. अगर 15 महीने की कमलनाथ सरकार के कार्यकाल को छोड़ दें तो वे लगातार 18 सालों से मध्य प्रदेश के सीएम हैं. इस बीच कई विवादों से भी उनका नाता रहा, तो कई बड़ी उपलब्धियां भी उनके हाथ लगीं. महिलाओं के बीच शिवराज सिंह चौहान की छवि बेहद मजबूत मानी जाती है. जब वे अलग-अलग जगहों पर जाते हैं तो महिलाएं स्नेह जताती हुई नजर आती हैं.

उन्होंने लाड़ली बहना योजना लॉन्च कर, भैया वाली छवि बनाई. वहीं लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद वे मामा के रूप में चर्चित हुए. युवा वर्ग में वे शिवराज मामा के नाम से पॉपुलर हैं. देखना होगा कि बीजेपी किसे सीएम बनाती है, सिंधिया या फिर शिवराज? इसके अलावा भी भाजपा के कई कद्दावर मंत्री सीएम पद की रेस में शामिल हैं.

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