महाशिवरात्रि पर ओंकारेश्वर के दर्शन करने के लिए भी उमड़ी लाखों की भीड़,प्रशासन के हाथ-पांव फूले
KHANDVA NEWS: मध्यप्रदेश के खंडवा में स्थित प्रसिद्ध ओंकारेश्वर मंदिर पर लाखों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. हजारों गाड़ियों की कतार शहर में प्रवेश करने के लिए हाईवे पर देखी जा रही हैं. सीहोर के कुबेरेश्वर धाम के बाद ओंकारेश्वर में भी वैसे ही हालात बनते नजर आ रहे हैं. यहां भी पुलिस-प्रशासन […]
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KHANDVA NEWS: मध्यप्रदेश के खंडवा में स्थित प्रसिद्ध ओंकारेश्वर मंदिर पर लाखों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. हजारों गाड़ियों की कतार शहर में प्रवेश करने के लिए हाईवे पर देखी जा रही हैं. सीहोर के कुबेरेश्वर धाम के बाद ओंकारेश्वर में भी वैसे ही हालात बनते नजर आ रहे हैं. यहां भी पुलिस-प्रशासन के लिए लाखों की संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं को संभाल पाना मुश्किल हो रहा है.
महाशिवरात्रि के पूर्व ही ओंकारेश्वर में भारी जन सैलाब उमड़ रहा है. इधर झूला पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण यहाँ से आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया है. जिससे अब श्रद्धालुओं का पूरा भार 43 वर्ष पुराने पुल पर आ गया है. इधर श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती भीड़ ने प्रशासन के भी हाथ -पांव फुला दिए है.
कुबेरेश्वर धाम से लौटती भीड़ ने भी यहाँ हालत ख़राब कर दिए हैं. जिसके चलते मोरटक्का के पास भारी जाम लग गया है. प्रशासन ने कुछ घंटे के लिए ओंकारेश्वर में वाहनों का प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया जिसके चलते अन्य प्रदेशो से आये कई श्रद्धालुओं को बिना दर्शन के निराश लौटना पड़ा
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12 ज्योतिर्लिंगों में चतुर्थ क्रम में है ओंकारेश्वर
12 ज्योतिर्लिंगों में चतुर्थ क्रम में ओंकारेश्वर महादेव आते हैं. वर्षभर देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं का यहां ताँता लगा रहता है. पर्वों पर यहाँ भीड़ बहुत बढ़ जाती है, खासकर महाशिवरात्रि पर लाखों की संख्या में यहाँ श्रद्धालु आते है. इसके लिए प्रशासन को विशेष प्रबंध करने पड़ते है. लेकिन इस बार शिवरात्रि से पहले ही अचानक भीड़ बढ़ गई. हालात इतने बिगड़े कि अधिक भार के चलते यहाँ के झूला पुल के सस्पेंडर का तार टूट गया. जिसके बाद यहाँ से आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया.
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पुराने पुल से एक बार में निकल रहे एक हजार लोग
प्रशासन का कहना है कि जब तक कोई विश्वसनीय एजेंसी नए पुल के सुरक्षित होने का सर्टिफिकेट नहीं देती तब तक इसका उपयोग प्रतिबंधित रहेगा. इस स्थिति के चलते अब ओंकारेश्वर मंदिर तक पहुँचने के लिए सिर्फ एक ही पुराना पुल रह गया है जिस पर एक समय में अधिकतम एक हजार लोगो को ही आने जाने दिया जा रहा है. इधर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में है, इसलिए दर्शन करवाना अब प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है. भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुल के पहले भीड़ को रोकने के लिए दो स्थान बनाये गए है.
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प्रशासन को करना पड़ रहे हैं कुछ इस तरह से इंतजाम
वाहनों को जेपी चौक और उसके पहले रोका जा रहा है. यहाँ भी जब भीड़ अनियांत्रित होती दिखी तो ओंकारेश्वर आने वाले वाहनों को 13 किलोमीटर दूर मोरटक्का पर ही बेरीकेडिंग कर वाहनों को रोक दिया गया है. यहाँ पुलिस ने बाकायदा अनाउंसमेंट कर लोगो को ओंकारेश्वर जाने से रोका. अन्य प्रदेशो से आये अनेक श्रद्धालुओं को बिना दर्शन किये निराश लौटना पड़ा. इस कारण कई श्रद्धालु यहां की अव्यवस्थाओं पर आक्रोशित भी नजर आए.
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