मंत्री गोपाल भार्गव के खिलाफ कांग्रेसी नेता बोलना पड़ा भारी, महिला ने चप्पलों से कर दी सुताई!

हिमांशु शिवा

रहली विधान सभा गुंजौरा ग्राम के तीन लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई थी. शुक्रवार को अनुसूचित जाति वर्ग के नेता प्रदीप अहिरवार गुंजौरा पहुंचे. इसी दौरान गोपाल भार्गव के खिलाफ बोलने पर महिला ने कांग्रेसी नेता की चप्पलों से सुताई कर दी.

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MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रचार-प्रसार बड़ी तेजी से किया जा रहा है. इस प्रचार के दौरान कहीं-कहीं प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच मारपीट की भी खबरें सामने आ रही हैं. जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. एक दिन पहले प्रदेश की 2 विधानसभा सीटों पर ऐसी ही स्थिति देखने को मिली है. छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट और सागर जिले की रहली विधानसभा सीट पर समर्थकों ने दूसरे समर्थकों के साथ मारपीट कर दी.

रहली विधान सभा गुंजौरा ग्राम के तीन लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई थी. शुक्रवार को अनुसूचित जाति वर्ग के नेता प्रदीप अहिरवार गुंजौरा पहुंचे. जहां वे इसी वर्ग के लोगों के साथ शोक सभा को संबोधित कर रहे थे. सभा में भाषणों के दौरान प्रदीप अहिरवार ने तीनों मौतों का जिम्मेवार गोपाल भार्गव को ठहराया. जो उन्हें भारी पड़ गया.

भाषणों के दौरान ही गढ़ाकोटा कृषि उपज मंडी की मंत्री प्रतिनिधि मालती अहिरवार ने बीच भाषण में मंच पर पहुंचकर भाषण रूकवा दिया. मालती अहिरवार के साथ कई महिला-पुरुष हो गए. मालती ने पैर से चप्पल उतारकर हमला की कोशिश की, अन्य लोगों ने भी विरोध किया. गोपाल भार्गव के खिलाफ बोलने पर वहां पर उपस्थित मृतकों के परिजनों ने एवं अहिरवार समाज के लोगों ने कांग्रेस नेता को जमकर फटकार लगाई और शोक सभा से खदेड़कर भगाया. इस दौरान एक महिला ने चप्पल मारी. इसका वीडियो वायरल हो रहा है/ रहली से मंत्री गोपाल भार्गव के खिलाफ कांग्रेस ने जिला पंचायत सदस्य ज्योति पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है.

रहली विधानसभा का चुनावी गुणा-गणित

1985 के पहले रहली विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, यहां से 1980 में कांग्रेस के महादेव प्रसाद ने चुनाव जीता था. वे आखिरी प्रत्याशी थे, जिसने कांग्रेस के बैनर तले चुनाव जीता था, लेकिन बदलते समय के साथ ये सीट आज बीजेपी का गढ़ बन चुकी है. यहां से प्रदेश सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव चुनकर आते हैं. गोपाल भार्गव रहली विधानसभा से 8 बार से विधायक हैं. ये सीट ब्राह्मण और कुर्मी बाहुल्य सीट मानी जाती है. कांग्रेस अपने इस दशकों पुराने किले को वापस अपने कब्जे में लेने के लिए कभी ब्राह्मण तो कभी कुर्मी प्रत्याशी पर अपना दांव चलती रहती है. लेकिन सियासत के अपराजेय योद्धा कहे जाने वाले गोपाल भार्गव हर बार इस बात को साबित करते हैं कि व एक अपराजित योद्धा ही हैं.

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