CM शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा क्षेत्र बुधनी में बंदरों के आतंक से लोग परेशान!

नवेद जाफरी

Sehore news: सीहोर जिले के बुधनी में बंदरों के आतंक से लोग परेशान है. यहां नगर के प्रत्येक वार्ड तहसील कार्यालय और उसके आसपास बने मकानों पर बंदरों की धमा चौकड़ी बनी रहती है. लाल और काले मुंह के बंदरों से लोग परेशान है. जिसको लेकर 100 से अधिक बंदरों को विशेषज्ञो की मदद से […]

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Sehore news: सीहोर जिले के बुधनी में बंदरों के आतंक से लोग परेशान है. यहां नगर के प्रत्येक वार्ड तहसील कार्यालय और उसके आसपास बने मकानों पर बंदरों की धमा चौकड़ी बनी रहती है. लाल और काले मुंह के बंदरों से लोग परेशान है. जिसको लेकर 100 से अधिक बंदरों को विशेषज्ञो की मदद से रेस्क्यू कर पिंजरा लगाकर पकड़ा गया और जंगलों में छोड़ा जा रहा है, जिससे लोगों ने कुछ राहत की सांस ली है.

सीएम शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में आम लोग बंदरों के आतंक परेशान हो चकु थे.परेशान लोगों की परेशानियों को देखते हुए बुधनी एसडीएम आरएस बघेल ने अपने खर्चे पर विशेषज्ञ को बुलवाकर बंदरों को रेस्क्यू कर पकड़वाया है. 100 से अधिक बंदर पकड़े गए और सभी को जंगलों में छोड़ा गया है. एसडीएम के इस कार्य से जनता बहुत खुश है.

बंदरों के आतंक से लोग परेशान 
मिली जानकारी के अनुसार जिले की तहसील बुधनी में नगर के प्रत्येक वार्ड में लाल मुंह और काले मुंह के बंदरों का आतंक बना हुआ है.बंदरों की बजह से लोग परेशान है.बंदर लोगों पर हमला बोलने के साथ ही घरों के ऊपर और अंदर रखे सामान को उठाकर ले जाते है। बंदर नगर के वार्ड सहित तहसील कार्यालय और उसके आसपास बने मकानों में लाल मुंह के बंदरों ने धमा चौकड़ी मची रखी थी…वही लोगों की समस्याओं को देखते हुए एसडीएम ने बंदरों को पकड़वाने का निर्णय लिया।

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एसडीएम ने अपने खर्चे से पकड़वाए बंदर
आरएस बघेल ने बताया की बंदरों के आतंक से लोग पिछले 6 महीने से परेशान थे. बंदर लोगों को नोच लेते थे समान ले जाते थे, जिसको ध्यान में रखते हुए विचार आया कि इनको पकड़वाकर सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए, ताकि वह भी सुरक्षित रहें और आमजन भी परेशान ना हो. एसडीएम ने अपने खर्चे पर विशेषज्ञ को बुलवाकर बंदरों को रेस्क्यू कर पकड़वाया है, इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 100 से अधिक बंदर पकड़े गए और सभी को जंगलों में छोड़ा गया है. एसडीएम के इस कार्य की अब चारों ओर तारीफ हो रही है.

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पिंजरा लगाकर बंदरों को पकड़ा गया
बताया गया है की बंदरों को पकड़ने के लिए देवास से विशेषज्ञ की टीम आई जिन्होंने लोहे का जालीदार पिंजरा लगाकर बड़ी असानी से बंदरों को रेस्क्यू कर लिया है. पकड़ने के लिए देवास जिले से आए मुमताज ने बताया कि उनकी 4 पीढ़ियां से बंदरों को पकड़ने का कार्य करती आ रही है. पिंजरा लगाकर आसानी से बंदरों को पकड़ा जाता है और उनको जंगलों में सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाता है.

वन विभाग बना रहा मौन
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बंदरों के आतंक की शिकायत वन विभाग को दर्ज कराई गई है, बावजूद इसके विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वन विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर एक पिंजरा रखकर उत्पाती बंदरों को पकड़ने का प्रयास किया था , लेकिन ग्रामीणों की मानें तो वन विभाग का यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है. ग्रामीण लंबे समय से वन विभाग से मांग कर रहे हैं कि उन्हें बंदरों के आतंक से निजात दिलाई जाए.

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