भैंस मरी तो उसकी सींग में उलझा केस, मालिक ने मांगा मुआवजा तो बीमा कंपनी ने दिया ये अजीब तर्क

सर्वेश पुरोहित

Gwalior News: ग्वालियर उपभोक्ता फोरम में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक भैंस की मौत हो जाने के बाद उसके गोल और सीधे सींग के मसले को हल करते हुए फोरम ने बीमा राशि के विवाद को सुलझा दिया है, मामले में फोरम ने बीमा कंपनी की अपील को खारिज करते हुए उपभोक्ता […]

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buffalo died case got entangled in its horn owner asked for compensation insurance company gave strange argument Gwalior news
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Gwalior News: ग्वालियर उपभोक्ता फोरम में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक भैंस की मौत हो जाने के बाद उसके गोल और सीधे सींग के मसले को हल करते हुए फोरम ने बीमा राशि के विवाद को सुलझा दिया है, मामले में फोरम ने बीमा कंपनी की अपील को खारिज करते हुए उपभोक्ता को पूरी बीमा राशि देने का भी आदेश दिया है. भैंस का बीमा क्लेम करते हुए भैंस मालिक ने कंपनी से मुआवजा मांगा तो कंपनी ने बीमा की राशि देने से इनकार कर दिया, इंश्याेरेंस कंपनी इसके पीछे अजीबोगरीब तर्क दिया. कंपनी ने कहा कि जिस भैंस का बीमा किया गया उसके सींग गोल थे, जबकि जिस भैंस की मौत होना बताया गया है, उसके सींग सीधे थे.

मामला ग्वालियर की ग्राम पंचायत सोजना का है, जहां तिघरा निवासी फैजरुउद्दीन की भैंस की बीमारी से मौत हो गई थी. फैजरुउद्दीन ने बीमा कंपनी से 18 अक्टूबर 2015 से लेकर 17 अक्टूबर 2021 तक के लिए दो भैंस का बीमा कराया. बीमा राशि 1 लाख 30 हजार रुपये थी, 25 मई 2021 को उसकी भैंस बीमार हुई और 29 मई 2021 को एक भैंस की मौत हो गई थी, लेकिन जब भैंस का बीमा क्लेम करते हुए कंपनी से मुआवजा मांगा तो कंपनी ने बीमा राशि देने से साफ मना कर दिया और तर्क ऐसा दिया कि उपभोक्ता हैरान रह गया.

बीमा कंपनी ने कहा, ‘जिस भैंस का बीमा किया गया था, उसके सींग गोल थे, जबकि जिस भैंस की मौत होना बताया गया है, उसके सींग सीधे थे. क्लेम करने के लिए फैजरुउद्दीन ने कंपनी को आवेदन दिया, लेकिन 9 दिसंबर 2021 को कंपनी ने उसके आवेदन को निरस्त कर दिया. कंपनी ने अपने पक्ष में कहा- ‘जिस भैंस की मौत हुई, उसका बीमा ही नहीं था.’

भैंस मालिक उपभोक्ता फोरम ग्वालियर ले गया केस
उपभोक्ता फैजरुउद्दीन ने पहले कंपनी से जिरह की, लेकिन कंपनी ने इसे मानने से इनकार कर दिया. आखिर में भैंस के मालिक ने उपभोक्ता फोरम ग्वालियर में केस कर दिया. जहां भैंस मालिक की ओर से याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जितेंद्र जैन ने फोरम मे बताया कि 7-8 माह के भीतर भैंस के सींग काटना पड़ते हैं, यदि ऐसा नही किया गया तो सींग भैंस को नुकसान पहुंचाते हैं. फोरम में मृत भैंस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, उस दौरान लिए गए फोटोग्राफ्स, मृत भैंस पर बीमा कंपनी द्वारा लगाए गए टैग की जानकारी फोरम में रखी गई.

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह भी बताया कि बीमा कंपनी के जानवर में लगाए गए टैग को कोई भी बदल नहीं सकता. ऐसे में दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने परिवाद को स्वीकार करते हुए बीमा राशि भुगतान करने का आदेश दिया. आयोग ने बीमा कंपनी को 45 दिन के भीतर 6% ब्याज के साथ राशि लौटाने का आदेश दिया, साथ ही अलग-अलग मद में 4 हजार रुपए देने का भी आदेश दिया.

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