हम आज भी आपके दुश्मन नहीं… PM मोदी के लिए उद्धव ठाकरे के इस बयान के मायने क्या हैं?
उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा, हम आपके दुश्मन नहीं थे, आज भी हम आपके दुश्मन नहीं हैं. हम आपके साथ थे, शिवसेना आपके साथ थी.
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Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना(UBT) के सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के एक बयान की काफी चर्चा हो रही है. ठाकरे ने अपने एक बयान में पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा है हम आपके दुश्मन नहीं है. उद्धव के इस बयान को सियासी नजरिए से भी देखा जा रहा है. उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेतृत्व में बने विपक्ष के INDIA गठबंधन के साथी हैं. पीएम मोदी को लेकर की गई इस बयनबाजी के अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं.
आइए पहले आपको उद्धव ठाकरे का पूरा बयान बताते हैं.
हम आपके दुश्मन नहीं हैं: उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे सिंधुदुर्ग जिले के सावंतवाड़ी में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. यहां उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को कहा, ‘हम आपके दुश्मन नहीं थे, आज भी हम आपके दुश्मन नहीं हैं. हम आपके साथ थे, शिवसेना आपके साथ थी. पिछली बार हमने युति (महाराष्ट्र में गठबंधन) गठबंधन के विनायक राउत और उस समय चुने गए सभी लोगों के लिए प्रचार किया था जिसकी वजह से आप प्रधानमंत्री बने. लेकिन फिर आपने हमें गठबंधन से निकाल फेंक दिया. आज भी भगवा झंडा हमारे साथ है. लेकिन बीजेपी भगवा झंडे में सेंध लगा रही है. अगर बीजेपी ने देश के लिए कुछ किया होता, तो आपको दूसरे राजनीतिक दलों में फूट डालने की जरूरत नहीं पड़ती. ED, CBI, पुलिस जैसी सभी एजेंसी बीजेपी के लिए काम कर रही हैं. आप हमारी तरह देश भर में घूमिए फिर आप खुद ही समझ जाएंगे.’
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उद्धव के बयान के मायने क्या हैं?
शिवसेना (यूटी) गुट के नेता उद्धव ठाकरे ने वैसे तो बीजेपी पर निशाना साधा लेकिन पीएम मोदी के लिए उनका लहजा थोड़ा नरम नजर आया. क्या इस नरम लहजे से कई सियासी संकेत निकाले जाने चाहिए? ऐसा इसलिए भी सोचा जा रहा क्योंकि पिछले दिनों नीतीश कुमार INDIA गठबंधन के साथ रहकर मोदी को हराने की बात कहते-कहते अचानक बीजेपी से मिल गए. बिहार में सरकार बदल गई.
पर उद्धव के मामले में ये सब इतना आसान नहीं. एक तो उनकी अभी कानूनी लड़ाई एकनाथ शिंदे गुट से चल रही है. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं. बात सिंबल की लड़ाई की हो या सरकार की उनका गुट अभी उद्धव ठाकरे पर भारी है. सवाल तब खड़े होते हैं कि ऐसे में उद्धव क्या कोई नीतीश जैसा कदम उठा भी सकते हैं?
इस बात का जवाब दिया हमारे मुंबई ब्यूरो के एडिटर साहिल जोशी ने. हमने इस मामले को लेकर साहिल जोशी से बात की और उद्धव के बयान को डिकोड करना चाहा. साहिल जोशी ने कहा कि, उद्धव दरअसल उस बात का जवाब दे रहे थे जो पीएम मोदी ने हाल में अपने सांसदों के साथ बैठक में कही थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक तब पीएम मोदी ने कहा था कि उद्धव उनको छोड़कर गए.
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साहिल के मुताबिक उद्धव इसी बात का जवाब दे रहे थे. इस बात को ऐसे नहीं देखा जा सकता है कि, उद्धव नीतीश की राह पकड़ लेंगे. साहिल का मानना हैं कि, महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थितियां अलग हैं. उद्धव की अपनी पार्टी और सिंबल की लड़ाई अभी फंसी हुई है. ऐसे में उनके INDIA छोड़कर बीजेपी के साथ जाने की बातों में कोई खास मेरिट नजर नहीं आती.
हालांकि साहिल महाराष्ट्र की एक और सियासी चर्चा के बारे में बताते हैं. असल में महाराष्ट्र में पिछले दिनों महाविकास आघाड़ी (जिसमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस हैं) में एसपी, AAP, सीपीआई के साथ प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी की एंट्री हुई. इस बात की चर्चा है कि, क्या अब महाराष्ट्र में भी माइनस कांग्रेस कोई फॉर्मूला तैयार हो रहा है? पश्चिम बंगाल में ममता पहले ही चुनाव में अकेले जाने का ऐलान कर चुकी हैं. बिहार में नीतीश का जाना INDIA गठबंधन को कमजोर कर चुका है. ऐसे में अगर महाराष्ट्र में कुछ ऐसा हुआ तो ये खासकर कांग्रेस और INDIA गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा.
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