जिस चक-चक लड्डू को जिनपिंग ने चखा और PM मोदी टच करके निकल गए जानें उसकी खास बातें
Brics Summit: चक-चक एक पारंपरिक तातारियन मिठाई है. ये तातारस्तान और बश्कोर्तोस्तान में काफी लोकप्रिय है. इसे तातारस्तान की राष्ट्रीय मिठाई भी माना जाता है.
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BRICS Summit: ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कज़ान पहुंचे. वहां उनका स्वागत खास अंदाज में किया गया. वहां तातार पोशाक पहने महिलाओं ने पारंपरिक रूसी मिठाई चक-चक और कोरोवाई रोटी के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया. ये मिठाइयां खासतौर पर कज़ान की पहचान हैं. मिठाई और रोटी के इस पारंपरिक स्वागत ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया और इसकी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है.
क्या है चक-चक डिश?
चक-चक एक पारंपरिक तातारियन मिठाई है. ये तातारस्तान और बश्कोर्तोस्तान में काफी लोकप्रिय है. इसे तातारस्तान की राष्ट्रीय मिठाई भी माना जाता है. चक-चक गेहूं के आटे से बनती है. इसे अलग-अलग शेप्स में काटकर तेल में डीप फ्राई किया जाता है. तले हुए टुकड़ों को बाद में चीनी, शहद और पानी से बने गर्म सिरप में भिगोया जाता है. दिखने में यह भारतीय मुरमुरे के लड्डू की तरह होती है, जैसा कि बिहार, बंगाल और ओडिशा में मिलने वाली मिठाइयों से भी मिलती-जुलती है.
रूस में चक-चक की अहमियत
चक-चक को पारंपरिक समारोहों और शादियों में भी परोसा जाता है. रूस के येकातेरिनबर्ग शहर की निवासी एमिलिया ने इंडिया टुडे डिजिटल को बताया कि यह मिठाई बड़े और मजबूत परिवार का प्रतीक मानी जाती है. इसे खासतौर पर विभिन्न समारोहों में परिवार के सदस्यों और मेहमानों के बीच परोसा जाता है.
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क्या होती है कोरोवाई रोटी?
कोरोवाई एक गोल सजी हुई रोटी है. ये गेहूं के आटे से बनाई जाती है. ये देखने में केक जैसी लगती है. इसका ऑरिजन पूर्वी स्लैविक लैंड का है, जहां इसे सूरज के गोल आकार से जोड़कर देखा जाता था. रूसी परंपरा में कोरोवाई को एकता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसे शादी के बाद जोड़े को दिया जाता है, और मेहमानों का स्वागत करने के लिए भी परोसा जाता है. इस रोटी पर फूलों के पैटर्न बनाकर इसे खूबसूरती से सजाया जाता है, जो इसकी पारंपरिकता को और बढ़ा देता है.