स्कूल ऑफ एमिनेंस: पंजाब की शिक्षा के स्तर में रिवॉल्युशनरी डेवलपमेंट के लिए भगवंत सिंह मान सरकार ने उठाया ये कदम, समझिए क्या है पूरी योजना

News Tak Desk

स्कूल्स ऑफ एमिनेंस में 9वीं और 11वीं की कक्षाओं में प्रवेश के लिए एक समग्र अभिक्षमता परीक्षा और योग्यता-आधारित केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया लागू की जाएगी.

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तस्वीर: न्यूज तक.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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पहले चरण में पूरे पंजाब में सभी 23 जिलों में 118 स्कूल शामिल हैं.

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ये शिक्षा पारंपरिक रटने की पढ़ाई से परे है.

Punjab's School of Eminence Initiative: पंजाब सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'स्कूल्स ऑफ एमिनेंस' कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य के सरकारी स्कूलों को उत्कृष्ट शिक्षा के केंद्रों में बदलना है, जहां विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और संसाधन उपलब्ध होंगे. इस कार्यक्रम के तहत नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों को समग्र शिक्षा दी जा रही है.

स्कूल्स ऑफ एमिनेंस में 9वीं और 11वीं की कक्षाओं में प्रवेश के लिए एक समग्र अभिक्षमता परीक्षा और योग्यता-आधारित केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया लागू की जाएगी. इस प्रक्रिया को पंजाब के राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) की मदद से चलाया जा रहा है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योग्य और प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर मिले. 

सभी जिलों में 118 स्कूल, पहले दिन से पूरी तरह फंक्शनल

'स्कूल्स ऑफ एमिनेंस' के पहले चरण में पूरे पंजाब में सभी 23 जिलों में 118 स्कूल शामिल हैं. ये सभी स्कूल पहले दिन से ही पूरी तरह फंक्शन में हैं.  इसके तहत विशेष रूप से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की गई है. पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार ने 'स्कूल्स ऑफ एमिनेंस' का डिजाइन एक समग्र शिक्षा देने के लिए किया है.

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ये शिक्षा पारंपरिक रटने की पढ़ाई से परे है. ये संस्थान छात्रों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच, और व्यावहारिक कौशल को विकसित करना चाहते हैं. स्टूडेंट फोकस दृष्टिकोण को लागू कर इसका उद्देश्य हर बच्चे की अनूठी प्रतिभाओं को सामने लाना है. ऐसा इसलिए ताकि बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें, चाहे वह अकादमिक हो, खेल, कला, या व्यावसायिक कौशल.  

इन स्कूलों में विश्व स्तरीय सुविधाएं दी जा रही हैं. इनमें मॉडर्न क्लास, आधुनिक प्रयोगशालाएं, खेल सुविधाएं और लाइब्रेरी शामिल हैं. डिजिटल टूल और स्मार्ट क्लासरूम का उपयोग शिक्षण वातावरण को बेहतर बनाएगा, जिससे शिक्षा को अधिक प्रभावी और आकर्षक बनाया जा सकेगा. टीचरों को लगातार वैश्विक मानकों पर ट्रेंड करना भी पंजाब सरकार की इस योजना की प्राथमिकता में है. पंजाब के स्कूल्स ऑफ एमिनेंस के 202 प्रिंसिपल्स जिनमें से 90 फीसदी से ज्यादा को विशेष रूप से सिंगापुर में प्रशिक्षण दिया गया है. इसके अलावा, सीमावर्ती जिलों के 152 हेडमास्टर्स को आईआईएम अहमदाबाद में प्रशिक्षित किया गया है. 

भगवंत सिंह मान सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए फिनलैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कु के साथ एक समझौता (MoU) किया है. इस पहल के अंतर्गत 72 शिक्षक 3 सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाएंगे, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्नत शैक्षणिक पद्धतियों को समझने और अपनाने का अवसर मिलेगा. यह पहल पंजाब की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के करीब लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. 

उत्कृष्टता के मानकों को बनाए रखने के लिए, 'स्कूल्स ऑफ एमिनेंस' में एक संयुक्त योग्यता परीक्षा और एक मेरिट-आधारित केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया पर आधारित एडमिशन लिया जाता है. राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT), पंजाब, इस प्रवेश प्रक्रिया का संचालन करती है. इन संस्थानों में कक्षा 9वीं और 11वीं में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को एक योग्यता परीक्षा में शामिल होना होता है, जो विभिन्न विषयों में उनकी समझ, कौशल और क्षमता का मूल्यांकन करती है. 2024-25 सत्र में 20,000 सीटों के लिए 1.5 लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन किया था. इसी बात से इस कार्यक्रम की लोकप्रियता का पता चलता है. कुछ स्कूलों में तो 120 सीटों के लिए 2,000 से अधिक आवेदन आए. 

आरक्षित सीटें और चार मुख्य स्ट्रीम्स

पंजाब सरकार ने इस योजना के तहत प्रवेश प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाने के लिए, 75% सीटें सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए आरक्षित की हैं, जबकि 25% सीटें अन्य स्कूलों के छात्रों के लिए खुली हैं. इस कदम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सरकारी स्कूलों के छात्र भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का लाभ उठा सकें और आगे बढ़ सकें. 

कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए 4 मुख्य स्ट्रीम्स की पेशकश

  • साइंस (मेडिकल)
  • साइंस (नॉन-मेडिकल)
  • कॉमर्स
  • ह्यूमैनिटीज

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