शर्मिष्ठा पनोली कौन हैं और क्यों हुईं गिरफ्तार? विदेशी सांसद के अलावा समर्थन में उतरे पवन कल्याण और कंगना रनौत
Sharmistha Panoli News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से लेकर देश के अन्य हिस्सों तक, इन दिनों एक नाम चर्चा में है—शर्मिष्ठा पनोली. एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और लॉ की छात्रा शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी ने न केवल सोशल मीडिया पर हंगामा मचाया है.
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Sharmistha Panoli News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से लेकर देश के अन्य हिस्सों तक, इन दिनों एक नाम चर्चा में है शर्मिष्ठा पनोली. एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और लॉ की छात्रा शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी ने न केवल सोशल मीडिया पर हंगामा मचाया है, बल्कि बॉलीवुड अभिनेत्री व बीजेपी सांसद कंगना रनौत और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण जैसे बड़े चेहरे भी उनके समर्थन में उतर आए हैं. लेकिन आखिर शर्मिष्ठा पनोली कौन हैं और उनकी गिरफ्तारी के पीछे का कारण क्या है? आइए, इस पूरे मामले को सरल भाषा में समझते हैं.
शर्मिष्ठा पनोली कौन हैं?
शर्मिष्ठा पनोली पुणे की रहने वाली 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट हैं, जो सोशल मीडिया पर अपनी बेबाक राय के लिए जानी जाती हैं. वह इंस्टाग्राम पर एक इन्फ्लुएंसर हैं और सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बात रखती हैं. हाल ही में उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाए. इस वीडियो में कथित तौर पर एक धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया.
कहां से शुरू हुई विवाद
14 मई को AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने एक्स पर पनोली के वीडियो को फ़्लैग किया और दावा किया कि यह इस्लाम का अपमान करता है और सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देता है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को टैग किया और उनकी गिरफ़्तारी की मांग की. यहीं से मामला आगे बढ़ा.
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शर्मिष्ठा ने मांगी थी माफी
15 मई को पनोली ने एक्स पर पोस्ट किया, "मैं बिना शर्त माफ़ी मांगती हूं. जो कुछ भी लिखा गया है, वह मेरी निजी भावनाएं हैं और मैंने कभी जानबूझकर किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहा, इसलिए अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मुझे इसके लिए खेद है, मैं सहयोग और समझदारी की अपेक्षा करती हूं, अब से, मैं अपने सार्वजनिक पोस्ट में सावधानी बरतूंगी, फिर से, कृपया मेरी माफ़ी स्वीकार करें."
30 मई को गिरफ्तारी हुई
शर्मिष्ठा के वीडियो के वायरल होने के बाद कोलकाता के गार्डनरीच थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. इसके बाद 30 मई को कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम में पनोली को ढूंढ निकाला और उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 196(1)(ए), 299, 352, और 353(1)(सी) के तहत मामला दर्ज किया, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सांप्रदायिक दुश्मनी को बढ़ावा देने जैसे आरोप शामिल हैं.
पुलिस ने शर्मिष्ठा और उनके परिवार को नोटिस भेजने की कोशिश की, लेकिन जवाब न मिलने पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया. इसके बाद 30 मई 2025 को कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम से शर्मिष्ठा को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें कोलकाता के अलीपुर कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
कंगना रनौत का समर्थन
बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की आलोचना की है. उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, "शर्मिष्ठा ने कुछ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया, जो आजकल युवा अक्सर करते हैं. लेकिन उन्होंने माफी मांग ली है. उन्हें और परेशान करने या डराने की जरूरत नहीं है. उन्हें तुरंत रिहा करना चाहिए." कंगना का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और कई लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़कर देख रहे हैं.

पवन कल्याण ने उठाए सवाल
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के नेता पवन कल्याण ने भी शर्मिष्ठा के समर्थन में आवाज उठाई. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "शर्मिष्ठा ने अपनी गलती मानी, वीडियो हटाया और माफी मांगी, फिर भी पश्चिम बंगाल पुलिस ने उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की. लेकिन जब टीएमसी के नेता सनातन धर्म को 'गंध धर्म' कहते हैं, तब कार्रवाई क्यों नहीं होती? धर्मनिरपेक्षता एकतरफा नहीं होनी चाहिए." पवन ने पश्चिम बंगाल पुलिस से निष्पक्षता की अपील की और #IStandWithSharmistha हैशटैग के साथ समर्थन जताया.
सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर खड़े किए सवाल
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर हिंदू आवाजों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. पत्रकारों से बात करते हुए अधिकारी ने कहा, "महुआ मोइत्रा के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी. उन्होंने देवी काली के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी. क्या कोई कार्रवाई की गई? उनके (टीएमसी) सांसद सायोनी घोष ने महादेव के बारे में क्या पोस्ट किया? क्या कोई कार्रवाई की गई? फिरहाद हकीम के खिलाफ इतनी सारी एफआईआर हुई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है."
विदेश से उठी रिहाई की मांग
पनोली को डच संसद के सदस्य गीर्ट वाइल्डर्स का भी समर्थन मिला, जिन्होंने कहा कि प्रभावशाली व्यक्ति की गिरफ़्तारी "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपमान" है. दक्षिणपंथी पार्टी फ़ॉर फ़्रीडम के नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि उनकी रिहाई हो.
सोशल मीडिया पर उबाल
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर #ReleaseSharmistha और #IStandWithSharmistha जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. कई यूजर्स इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं, जबकि कुछ लोग धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं.