1990 के दशक में BJP नेता आडवाणी ने ऐसी रथयात्रा निकाली, जो लोगों को आज भी याद है. बीजेपी की केंद्र की सरकार एक बार फिर रथयात्रा निकालने जा रही है. इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के एडवाइजर अमित खरे इसके सूत्रधार हैं. ये रथयात्रा किसी धार्मिक उद्देश्य से नहीं है. इसमें 2024 चुनाव के लिए मास्टर प्लान छिपा है.आइए इसे जानते हैं.
मोदी सरकार की इस रथयात्रा पूरी डिजाइन समझिए
– इसमें 1500 रथ होंगे, जो 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में जाएंगे. इसे ग्रामीण संवाद यात्रा नाम दिया है. इसमें सरकर की फ्लैगशिप योजनाएं पीएम किसान, मुद्रा, जनधन और हाल ही में शुरू हुयी PM विश्वकर्मा योजना को जनता के बीच ले जाना है.
– इसका उद्देश्य सरकार की योजनाओं को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाना है. उन्हें पूरी तरह लागू कराना है. इसमें नए लाभार्थियों को जोड़ने के साथ किसी भी समस्या का तत्काल समाधान देने का प्रावधान किया गया है.
– सरकार इस यात्रा में स्वयं सहायता समूह और किसान उत्पादक समूहों (FPO) को साथ लेकर जनता में पैठ बनाने की कोशिश करेगी.
इसके पीछे की राजनीति भी जान लीजिए
2019 के चुनावों में बीजेपी के लिए लाभार्थी फैक्टर तुरुप का इक्का साबित हुआ था. लाभार्थी यानी वो लोग, जिन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिला. बीजेपी ऐसे लोगों को अपना लॉयल वोटर बनाने की जुगत में है. सरकार की ऐसी रथयात्रा के जरिए 2024 के चुनावों से पहले इसी मिशन को साधने की कवायद की जा रही है.