ए के एंटनी ने BJP में जाने वाले अपने ही बेटे अनिल एंटनी को दिया चुनाव हारने का श्राप, जानिए क्या है वजह 

रूपक प्रियदर्शी

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AK Antony: 55 साल के राजनीतिक अनुभव वाले कांग्रेस के सीनियर नेता, गांधी परिवार के बेहद करीबी, देश के सबसे लंबे समय तक रक्षा मंत्री, केरल के तीन बार सीएम-इतना सब परिचय है ए के एंटनी का. केरल में बढ़ने की कोशिश कर रही बीजेपी ने सबसे बड़ा झटका ए के एंटनी के परिवार को दिया है. उनके बेटे अनिल एंटनी को पार्टी में ले लिया. वैसे अनिल एंटनी कांग्रेस में हुआ करते थे लेकिन पिता के साए में उनका कोई इतना बड़ा राजनीतिक कद नहीं बन सका. 

बेटे को चुनाव में हराना चाहते हैं ए के एंटनी 

बेटे अनिल के जाने से एंटनी दुखी तो हुए लेकिन इतने दुखी होंगे ये अब पता चला. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एके एंटनी ने बीजेपी में जाने वाले बेटे को श्राप देते हुए कहा है कि, मेरे बेटे को चुनाव में हारना चाहिए. कांग्रेस के उम्मीदवार एंटो एंटनी को जीतना चाहिए. एंटनी कहते हैं कि, उनके लिए राजनीति और परिवार अलग-अलग हैं. ऐसे दौर में जब मोदी पूरे चुनाव को विपक्ष के परिवारवाद की तरफ मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, एंटनी ने बेटे को हराने की कामना करके ये मैसेज दिया है कि उनका परिवारवाद पार्टी से बड़ा नहीं.

वैसे आपको बता दें कि, अनिल एंटनी केरल की पथानामथिट्टा लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. 26 अप्रैल को केरल में 20 सीटों पर वोटिंग होगी. अनिल एंटनी ने पिछले साल कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. तब उन्होंने ये कहा था कि, वो 2002 के गुजरात दंगों, पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री जैसे विवाद में कांग्रेस की लाइन से सहमत नहीं थे. 

ओपिनियन पोल के क्या है अनुमान 

केरल में चुनाव का जो माहौल है और ओपिनियन पोल के संकेत हैं उससे ऐसा लगता है कि एके एंटनी के श्राप के हिट होने का अच्छा चांस है. केरल के लिए आए ज्यादातर ओपिनियन पोल यही कह रहे हैं कि, केरल में बीजेपी का खाता खुलना मुश्किल है, वहीं कांग्रेस का UDF गठबंधन प्रदेश की सभी 20 लोकसभा सीटों पर जीत सकता है. वैसे अनिल एंटनी जिस पथानामथिट्टा सीट पर चुनाव लड़ रहे है वहां 2019 के चुनाव में बीजेपी ने ठीक-थक प्रदर्शन किया था उसी प्रदर्शन से अब ये अनुमान लगाया जा रहा है कि, बीजेपी अब मुकाबला देने की स्थिति में आ गई है. 

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पथानामथिट्टा लोकसभा सीट केरल की बड़ी लोकसभा सीट है जिसमें विधानसभा की 7 सीटें आती हैं. अनिल एंटनी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार एंटो एंटनी 2009 से लगातार तीन बार जीत चुके हैं. तीसरे बड़े उम्मीदवार सीपीएम के थॉमस इसाक हैं. लेफ्ट को भी सीट पर 3 लाख से ज्यादा वोट मिलते रहे हैं. 2019 में पथानामथिट्टा सीट पर केरल बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रन को एंटो एंटनी से सिर्फ 84 हजार कम वोट मिले थे. सुरेंद्रन करीब 3 लाख वोट हासिल करने में सफल रहे थे. इस बार सुरेंद्रन सीट बदलकर वायनाड में राहुल गांधी को मुकाबला दे रहे हैं.

 

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