हिमाचल से राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने अभिषेक मनु सिंघवी की सीट फंसा दी? जानिए पूरा गणित
बीजेपी राज्यसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को हवा दे रही है कि, कांग्रेस ने प्रदेश से बाहरी उम्मीदवार को चुनाव में उतारा है.
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Rajya Sabha Election: देश में राज्यसभा के लिए सदस्यों के चुनाव होने है. इस चुनाव में हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस की एक सीट पक्की मानी जा रही है. चर्चा थी कि कांग्रेस से सोनिया गांधी या प्रियंका गांधी में से कोई प्रदेश से उम्मीदवार होगा, लेकिन कांग्रेस ने टिकट दिया अभिषेक मनु सिंघवी को. इस बार ये पक्का था कि, जेपी नड्डा दोबारा चुनाव जीत नहीं सकते थे इसलिए उनको गुजरात से चुनाव लड़ने भेज दिया गया है. लेकिन बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस ने भी सोनिया या प्रियंका गांधी को लड़ाने का रिस्क नहीं लिया और सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा चुनाव में उतारा.
माना जा रहा था कि, कांग्रेस की जीत पक्की मानकर बीजेपी उम्मीदवार नहीं उतारेगी. लेकिन बीजेपी ने पहले से ही अपनी हार नहीं मानी और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतार दिया. बीजेपी ने हर्ष महाजन को उतारकर सिंघवी का चुनाव फंसा दिया है. अब माना ये जा रहा है कि, बीजेपी के उम्मीदवार उतारने के बाद चुनाव में अब खेल हो गया है. विरोधी उम्मीदवार होने के बाद अब अभिषेक मनु सिंघवी का चुनाव निर्विरोध नहीं होगा और उनको बीजेपी को हराना होगा.
राज्यसभा का ये है गणित
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधायक है. कांग्रेस को जीतने के लिए 35 विधायक चाहिए जबकि कांग्रेस के पास 40 विधायक है साथ ही तीन निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ है. यानी पार्टी के पास 43 विधायकों का नंबर है.गणित के हिसाब से तो कांग्रेस की जीत आराम से हो जाएगी, लेकिन बीजेपी ने भी हार नही मानी है और सिर्फ 25 विधायक होने के बाद भी अपना प्रत्याशी उतार दिया है. वैसे कांग्रेस की जीत में तब तक कोई अड़चन नहीं जब तक उसके आठ से ज्यादा विधायक बागी न हो जाएं और बीजेपी तब तक जीत नहीं सकती जब तक उसके साथ 10 और विधायक न आ जाएं.
हिमाचल में ये है चुनाव का नंबर
बहुमत का नंबर | कांग्रेस | निर्दलीय | कांग्रेस+ | बीजेपी |
35 | 40 | 3 | 43 | 25 |
राज्यसभा चुनाव से पहले बीजेपी इस मुद्दे को हवा दे रही है कि, कांग्रेस ने प्रदेश से बाहरी उम्मीदवार को चुनाव में उतारा है. इसके पीछे बीजेपी की नजर कांग्रेस के उन विधायकों को तोड़ने पर हैं जो पार्टी और सुखविंदर सुक्खू की सरकार से नाराज हैं. वैसे आपको बता दें कि, हिमाचल प्रदेश से करीब 34 साल बाद कोई गैर-हिमाचली राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है.
अब दोनों उम्मीदवारों के बारे में भी जान लीजिए
अभिषेक मनु सिंघवी पहले भी राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद रहे हैं. सिंघवी देश के जाने-माने वकील हैं और राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत कई हाईप्रोफाइल मुकदमों के वकील रहे हैं. यही वजह हैं कि, कांग्रेस ने सिंघवी को टिकट देने के लिए आनंद शर्मा जैसे राज्य के कई बड़े नेताओं की अनदेखी की है.
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वहीं बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन पहले कांग्रेस में ही हुआ करते थे. वो पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी थे. हिमाचल में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे. वीरभ्रद्र सिंह के जाने के बाद पार्टी का समीकरण बदलने से 2022 में हर्ष महाजन कांग्रेस छोड़ बीजेपी में चले गए. अब हर्ष महाजन हिमाचल बीजेपी के फ्रंट लाइन के नेता हैं.
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