किसानों को MSP गारंटी का वादा कर राहुल गांधी ने 2024 के लिए BJP के सामने मुश्किल खड़ी कर दी?

रूपक प्रियदर्शी

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Rahul Gandhi
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Rahul Gandhi: लोकसभा चुनवा से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की गारंटी की मांग को लेकर किसान आंदोलन फिर तेज हुआ है. आंदोलन भले ही राजनीतिक नहीं है लेकिन मोदी सरकार के खिलाफ जरूर है. आंदोलनकारी किसानों ने सफाई दी है कि, वो कांग्रेस के साथ भी नहीं है. हालांकि राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए अपना लिया हैं. छत्तीसगढ़ में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में किसानों के समर्थन में बयान देते-देते राहुल गांधी ने इसका ऐलान करते हुए सिक्सर लड़ दिया कि, कांग्रेस किसानों के लिए MSP की गारंटी लागू करेगी.

कांग्रेस के सरकार में आई थी स्वामीनाथ समिति की रिपोर्ट

राहुल गांधी के MSP की गारंटी देने के बाद से ही देश की सियासत में भूचाल आ गया. फिर क्या पुरानी पेपर खंगाले गए, तो उनमें ये निकला कि, 2010 में यूपीए सरकार ने कहा था कि MSP पर स्वामीनाथ रिपोर्ट स्वीकार नहीं की गई थी. इसके पीछे की वजह ये थी कि, कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) MSP की सिफारिश करती है. तब बीजेपी सांसद प्रकाश जावडेकर के सवाल के जवाब में तत्कालीन कृषि मंत्री केवी थॉमस ने MSP फॉर्मूले को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि, इससे बाजार खराब हो जाएगा और ये काउंटर प्रोडक्टिव होगा.

स्वामीनाथन आयोग ने ये सिफारिश की थी कि, MSP औसत लागत से कम से कम 50 फीसदी से अधिक होनी चाहिए. हालांकि, इस सिफारिश को सरकार ने स्वीकार नहीं किया, क्योंकि MSP की सिफारिश CACP करती है और ऐसा करने से बाजार प्रभावित हो सकता है.

2010 के पेपर खुलने से मच गया सियासी बवाल

2010 के इस पेपर के सामने आने से ये माहौल बनने लगा कि, राहुल ने भले ही MSP की गारंटी का ऐलान किया हो लेकिन कांग्रेस ने ही स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट लागू नहीं की थी. वैसे कांग्रेस ने अब सोशल मीडिया पर मचे इस हंगामे का जवाब भी दे दिया. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ये फैक्ट दिया कि, स्वामीनाथन कमीशन में 201 सिफारिशें थी. 175 सिफारिशें यूपीए सरकार लागू कर दी थी. MSP समेत बची हुई 26 सिफारिशों का ऐलान अब राहुल गांधी और खड़गे ने कर दिया है.

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पीएम मोदी के बयान से कांग्रेस ने दिया जवाब

MSP पर घेरने के लिए कांग्रेस के खिलाफ पुराने पेपर निकाले गए, तो कांग्रेस भी पीएम मोदी के पुराने बयान निकाल लाई. जयराम रमेश ने दावा किया कि 2014 में लोकसभा चुनाव के प्रचार में मोदी कहते थे कि, सभी फसलें MSP पर खरीदी जाएगी और MSP का स्वामीनाथन फॉर्मूला लागू होगा. मोदी जी से ये सवाल है कि, उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया. MSP पर मोदी के ऐसे बयानों की सवा मिनट की एक क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की है.

2004 में डॉ. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय किसान आयोग बना था. 2006 में स्वामीनाथन ने अपनी रिपोर्ट में छोटे किसानों के हित में सिफारिश की थी. एमएस स्वामीनाथ इस दुनिया में नहीं है लेकिन करीब 2 दशक से स्वामीनाथन के नाम पर बस राजनीति हो रही है.

अब जब किसान मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे है तब सरकार किसी भी तरह उन्हें रोकने में जुटी हुई है. किसानों को रोकने के लिए सरकार के इंतजामों से स्वामीनाथन की बेटी मधुरा को बेहद गुस्सा आया. उन्होंने किसान आंदोलन से निपटने के तौर-तरीके को लेकर मोदी सरकार को खूब सुना दिया. उन्होंने कहा, ‘एम एस स्वामीनाथन को हरित क्रांति और अनाज के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने का क्रेडिट दिया जाता है उनके योगदानों के लिए ही अभी अभी मोदी सरकार ने भारत रत्न सम्मान दिया है लेकिन MSP पर उनकी रिपोर्ट अभी भी सरकारी दफ्तर में धूल फांक रही है. किसानों के नहीं, किसानों के नाम पर राजनीति करने वालों के काम आ रही है.’

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