रविन्द्र वायकर के साले पर दर्ज हुआ FIR, ओटीपी मंगा ई-बैलट पेपर के वोटों में हेर-फेर के लग रहे आरोप, समझिए इसकी पूरी प्रक्रिया
अब सवाल ये उठ रहा है कि, वायकर के साले पांडिलकर ने मोबाईल पर ओटीपी मंगाकर बैलट से दिए गए वोटों में हेर फेर किया है.
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Ravindra Vaykar and ETPBS: मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविन्द्र वायकर के साले पांडिलकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. मुंबई पुलिस ने यह केस लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन गोरेगांव चुनाव सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करने के आरोप में की है. इसके अलावा, पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. पुलिस जानना चाहती है कि, उस मोबाइल से किसको कॉल की गई और कितने ओटीपी आए. नियमों के मुताबिक ओटीपी जनरेट होने के बाद फोन को आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) को देना होता है. अब जांच की जा रही है कि फोन वापस क्यों नहीं लिया गया. फिलहाल इसकी जांच पुलिस कर रही है और अब मोबाइल की फॉरेंसिक की रिपोर्ट का इंतजार है.
वैसे आपको बता दें कि, लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से रविंद्र वायकर ने अमोल कीर्तिकर को महज 48 वोट से हराया था. इस सीट पर पहले कीर्तिकर को एक वोट से विजयी घोषित किया गया था, लेकिन रिकाउंटिंग करने पर वायकर 48 वोट से जीत गए. रविंद्र वायकर को 4 लाख 52 हजार 644 वोट मिले है वहीं उद्धव गुट के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को 4 लाख 52 हजार 596 वोट मिले.
अब सवाल ये उठ रहा है कि, वायकर के साले पांडिलकर ने मोबाईल पर ओटीपी मंगाकर बैलट से दिए गए वोटों में हेर फेर किया है. इस बात के कयास लगने के बाद अब सभी के मन में इसी बात को लेकर जिज्ञासा हो रही है कि, आखिर इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली यानी ETPBS से मतदान होता कैसे है? और उसकी पूरी प्रक्रिया क्या होती है? आइए हम आपको बताते हैं पूरी प्रक्रिया.
पहले जानिए क्या होती है ETPBS प्रणाली?
इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली यानी ETPBS. यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से उन मतदाताओं को वोट देने की सुविधा प्रदान की जाती है जो मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से अपना वोट डालने में असमर्थ होते हैं. जैसे सर्विस करने वाले मतदाता जिनकी ड्यूटी अलग-अलग जगहों पर होती है. ETPBS प्रणाली में मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने मतपत्र प्राप्त करने और वापस करने में सक्षम बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन और डाक सेवाओं के उपयोग किया जाता है. कुल मिलाकर यह दूरस्थ मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने वाली एक प्रक्रिया है. आइए समझते है क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया.
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ओटीपी से खुलता है ई-बैलट पेपर
सबसे पहले नियुक्त यूनिट अधिकारी अपने क्रेडेंशियल दर्ज करके सिस्टम में लॉग इन करेगा और अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी डालकर स्वयं को प्रमाणित करेगा. यूनिट अधिकारी कई मतदाताओं के डाक मतपत्र एकसाथ डाउनलोड कर सकेंगे. ये डाउनलोड किए गए मतपत्र पासवर्ड से सुरक्षित होंगे. डाउनलोड किए गए पोस्टल बैलेट को इलेक्ट्रॉनिक रूप से वितरित किया जा सकता है. व्यक्तिगत सर्विस मतदाताओं के लिए सुरक्षित नेटवर्क के माध्यम से पिन से संरक्षित तरीके से भेजा जाता है. यह पिन मतदाता को उसके रजिस्टर्ड नंबर पर मैसेज के माध्यम से प्राप्त होता है. अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि, अमुक मतदाता के लिए डाउनलोड किया गया पोस्टल बैलेट केवल उसी मतदाता ने खोला है.
ETPBS से मतदान करने की ये है पूरी प्रक्रिया
ETPBS प्रणाली के तहत, रजिस्टर्ड मतदाताओं को डाक मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजे जाते है. इस प्रणाली के तहत वोट देने वाला मतदाता ETPBS जिसमें ई-बैलेट पेपर, डिक्लेरेशन और उसके साथ दो लिफाफे एक बड़ा और एक छोटा डाउनलोड कर सकता है. इसमें कुल चार चीजें होती है
1- फॉर्म 13-C - कवर B (बाहरी लिफाफा)
2- फॉर्म 13-A - निर्वाचक का घोषणा
3- फॉर्म 13-B - कवर A (आंतरिक लिफाफा)
4- पोस्टल बैलेट पेपर

मतदाता पहले 'फॉर्म 13-B कवर A' को छोटे वाले लिफाफे और 'फॉर्म 13-C कवर B' को बड़े वाले लिफाफे पर चिपकता है. फिर ई-पोस्टल बैलट पेपर पर अपना वोट मार्क करके छोटे वाले लिफाफे में डालता है. उसके बाद मतदान के ऑब्जर्वेशन के लिए नियुक्त यूनिट अधिकारी के सामने मतदाता उस डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर करता है. और डिक्लेरेशन को बैलट पेपर के साथ बड़े वाले लिफाफे में डाल कर डाक से भेज देता है.
