क्या महुआ मोइत्रा के लॉगिन से संसद में कोई और पूछता था सवाल? इस एफ़िडेविट ने बढ़ाया बवाल

अभिषेक

ADVERTISEMENT

Mahua Moitra News
Mahua Moitra News
social share
google news

Mahua Moitra News: तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर ‘पैसों के बदले सवाल पूछने (कैश फॉर क्वेरी)’ के आरोप लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद निशिकांत दुबे ने उनपर पैसे लेकर सवाल पूछने (कैश फॉर क्वेरी) का आरोप लगाया है. महुआ पर आरोप है कि उन्होंने हीरानंदानी ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए उद्योगपति अडानी के खिलाफ सवाल पूछे. लोकसभा की एथिक्स कमेटी इसकी जांच कर रही है. इसी बीच हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी का एक एफ़िडेविट सामने आया है. इससे महुआ की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आइए बताते हैं कि एफ़िडेविट में क्या-क्या है.

हीरानन्दानी के एफ़िडेविट में क्या है?

हीरानन्दानी ने हलफनामे में दावा किया है कि वो महुआ को 2017 से जानते हैं और उनसे कई बार मिल चुके है. उन्होंने कहां कि महुआ महत्वाकांक्षी हैं. वो अपना नाम राष्ट्रीय राजनीति में लाना चाहती थी. जिसके लिए उन्हें सुर्खियों में रहना होगा और सुर्खियों में रहने के लिए PM नरेंद्र मोदी पर निशाना साध कर वो ऐसा कर सकती है. लेकिन PM के खिलाफ सीधा हमला बोलना आसान नहीं है इसीलिए उन्होंने कारोबारी गौतम अदानी के जरिए मोदी पर हमला करना शुरू किया.

हलफनामे में दावा किया गया है कि मोइत्रा ने ‘महंगी विलासिता की वस्तुएं, दिल्ली में उनके आधिकारिक तौर पर आवंटित बंगले के नवीनीकरण में सहायता मुहैया कराए जाने, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में विभिन्न स्थानों पर उनकी यात्राओं के लिए मदद की लगातार मांग की’.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

हीरानन्दानी ने यह भी स्वीकारा है कि सरकार के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (OIC) द्वारा उनकी कंपनी के एलएनजी टर्मिनल के बजाय ओडिशा में धामरा एलएनजी आयात सुविधा केंद्र को चुनने के बाद, उन्होंने अडाणी पर निशाना साधते हुए सवाल पूछने के लिए मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का भी इस्तेमाल किया था.

महुआ ने भी दे दिया जवाब

महुआ ने इस एफ़िडेविट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहां कि PMO ने इस दस्तावेज को तैयार किया और हीरानन्दानी परिवार पर कारोबार को चौपट करने की धमकी देते हुए बंदूक की नोक पर शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराया.

ADVERTISEMENT

महुआ ने कहां कि यह एफ़िडेविट किसे सौंपा गया? दर्शन हीरानन्दानी ने इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर क्यों नहीं किया? उनको अभी तक किसी जांच या आचार समिति ने तलब नहीं किया है फिर वे ऐसा क्यों कर रहे? “अगर वास्तव में उन्होंने इस बात को स्वीकार कर लिया है तो, इस जानकारी को लीक करने के बजाय आधिकारिक तौर पर जारी क्यों नहीं कर रहे? सच्चाई बिल्कुल स्पष्ट है”

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT