ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधु बनाए गए नए चुनाव आयुक्त, जानिए इन दोनों IAS की पूरी कहानी
देश में लोकसभा चुनाव से पहले खाली पड़े चुनाव आयुक्तों के दो पदों के नाम आज फाइनल हो गए है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने आज मीटिंग के बाद नामों का ऐलान किया.
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Election Commissioner: देश में लोकसभा चुनाव से पहले खाली पड़े चुनाव आयुक्तों के दो पदों के नाम आज फाइनल हो गए है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने आज मीटिंग के बाद नामों का ऐलान किया. समिति ने ज्ञानेश कुमार और डॉ सुखबीर सिंह संधू को निर्वाचन आयुक्त बनाने का फैसला लिया है. अब समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति उनकी नियुक्ति पर मुहर लगायेंगी और शपथ दिलाएंगी. वैसे आपको बता दें कि, निर्वाचन आयुक्त के चयन करने वाली समिति में पीएम नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे. आइए आपको बताते हैं इन दोनों निर्वाचन आयुक्तों के बारे में.
कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
नवनियुक्त निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल काडर के आईएएस ऑफिसर हैं. ज्ञानेश कुमार हाल ही में केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए थे. सहकारिता मंत्रालय में इन्होंने मंत्रालय के गठन के समय से लेकर रिटायरमेंट तक कार्य किया. आपको बता दें कि, सहकारिता मंत्रालय गृहमंत्री अमित शाह के अंडर में ही आता हैं. उससे पहले ज्ञानेश कुमार गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के जॉइंट सेक्रेटरी थे. कश्मीर से जब आर्टिकल 370 को हटाया गया था तब ज्ञानेश कुमार को गृह मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी से एडिशनल सेक्रेटरी के रूप में प्रमोशन मिला था.
अब जानिए डॉ सुखबीर सिंह संधू के बारे में
डॉ सुखबीर सिंह संधू भी 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. संधू ने अमृतसर से एमबीबीएस की पढ़ाई की हैं. उनका काडर उत्तर प्रदेश का था. अपने कैरियर के शुरुआती दिनों में संधू ने उत्तराखण्ड के मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण(MDDA) में VC, शिक्षा विभाग में एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर भी रह चुके हैं. संधू 1996 में हरिद्वार के जिलाधिकारी भी रह चुके है. 2007-2012 के बीच पंजाब में बादल सरकार में सीएम के स्पेशल सेक्रेटरी भी रहे. जुलाई 2021 में संधू को उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था. जून 2023 में उन्हें रिटायर होना था, लेकिन उन्हें 6 महीने का एक्सटेंशन मिला और वो 31 जनवरी 2024 को रिटायर हुए थे. उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव बनने से पहले संधू NHAI में 2014 से अपनी सेवाएं दे रहे थे और चेयरमैन भी रहें है. डॉ. संधू को बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, स्वास्थ्य, कल्याण विभागों में काम करने का लंबा अनुभव रहा है.
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चुनाव समिति की मीटिंग से निकलने के बाद क्या कहा अधीर रंजन चौधरी ने
चुनाव आयुक्त को चुनने के लिए चयन समिति की बैठक के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा,'सरकार के पास चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाली समिति में बहुमत है. इससे पहले उन्होंने मुझे 212 नाम दिए थे. लेकिन नियुक्ति से 10 मिनट पहले उन्होंने सिर्फ छह नाम दिए. मुझे पता है कि, सीजेआई वहां नहीं हैं, सरकार ने ऐसा कानून बनाया है कि सीजेआई हस्तक्षेप नहीं करते हैं और केंद्र सरकार अपने मन मुताबिक किसी भी नाम का का चुनाव कर सकती है. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि, यह मनमाना है लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उसमें कुछ खामियां हैं.'