मध्य प्रदेश में SC-ST के लिए रिजर्व सीटें हैं सत्ता की सीढ़ी! इन पर कैसा है बीजेपी-कांग्रेस का हाल?

अभिषेक

ADVERTISEMENT

Madhya Pradesh Election
Madhya Pradesh Election
social share
google news

मध्य प्रदेश चुनाव में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वोटर्स किसी का भी खेल बना या बिगाड़ सकते हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक एमपी में ST आबादी 21% है. यह किसी भी दूसरे राज्य से अधिक है. एसएसी आबादी 16 फीसदी है. यहां ST के लिए 47 और SC के लिए 35 सीटें रिजर्व हैं. आइए समझते हैं की इन 82 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी का क्या हाल है.

2018 के विधानसभा चुनावों में दोनों दलों को करीब बराबर ही वोट (करीब 41%) वोट मिले थे. पर रिजर्व और अनरिजर्व सीटों पर वोट शेयर में फर्क था. अनरिजर्व सीटों पर बीजेपी को 41 फीसदी से अधिक वोट, जबकि कांग्रेस को 40 फीसदी से कम वोट मिले थे. SC रिजर्व सीट पर कांग्रेस को 42.44% और BJP को 42.14% वोट मिला. तब कांग्रेस को 17 और बीजेपी को 18 सीटें मिलीं. बीजेपी 2008 से लगातार SC सीटों पर अपना प्रदर्शन सुधार रही है. 2018 में 15 सालों बाद ऐसा हुआ था की कांग्रेस को इस सीटों पर वोटों के मामले में हल्की बढ़त मिली.

पर 2018 में कांग्रेस का प्रदर्शन आदिवासी बाहुल्य सीटों पर ज़बरदस्त रहा. ST सीटों पर कांग्रेस को 42.93% और BJP को 38.89% वोट मिले. यानी कांग्रेस को 4% ज़्यादा मत मिले. जिन क्षेत्रों में आदिवासी 50% से ज़्यादा वोट प्रतिशत में भागीदार थे, वहां कांग्रेस को 45% वोट मिले. कांग्रेस को ST रिजर्व 30 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी को 16.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

MP में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल प्रदेश की आरक्षित सीटों को अपने पाले में करने के लिए पूरा दमख़म लगा रहे हैं. पीएम मोदी ने दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए पिछले दिनों संत रविदास मंदिर की आधारशिला रखी. शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने अनुसूचित जनजातियों के लिए पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल एरिया (पेसा) कानून लागू किया. पर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने दावा किया की कांग्रेस की सरकार ने 1996 में पेसा एक्ट बनाया था. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार रिजर्व कैटेगरी की सीटें किस दल के खाते में कितनी जाती हैं.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT