पत्नी की जमीन से फंसे कर्नाटक CM सिद्धारमैया, अब DK के लिए बन रहा चांस, जानिए कैसे?
CM Siddaramaiah land controversy: यह विवाद इसलिए बढ़ भी गया क्योंकि सिद्धारमैया के अलग-अलग चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी में मिसमैच है. 2013 के चुनाव सिद्धारमैया के चुनावी हलफनामे में पार्वती की जमीन का खुलासा नहीं किया गया था. 2018 में जिक्र हुआ तो मीन की कीमत सिर्फ 25 लाख बताई गई.
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Karnataka CM Siddaramaiah: साल 2023 में कर्नाटक की राजनीति पलटी थी. कांग्रेस और बीजेपी के बीच हुए कड़े मुकाबले में कांग्रेस ने जबरदस्त जीत दर्ज की. बीजेपी को हराने का क्रेडिट पार्टी अध्यक्ष डीके शिव कुमार को गया. हालांकि सीएम की कुर्सी सिद्धारमैया को मिली जिससे वो गदगद हो गए. मुख्यमंत्री बनने के बाद सिद्धारमैया तब और गदगद हो गए जब उनकी पत्नी बीएम पार्वती ने उन्हें महंगी वाली राडो वॉच गिफ्ट की थी.
आप मानेंगे नहीं लेकिन पत्नी की गिफ्ट से सिद्धारमैया फूले नहीं समाए. कांग्रेस के एक कार्यक्रम में सिद्धारमैया ने पकड़-पकड़कर पत्नी की गिफ्ट राडो वॉच डीके शिवकुमार, एमबी पाटिल जैसे सहयोगियों को दिखाई. मंच पर जब सिद्धारमैया डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को घड़ी दिखा रहे थे उसी समय फोटोग्राफर ने ये फोटो खींच ली. सिद्धारमैया से तीन हजार गुना ज्यादा अमीर डीके शिवकुमार से भी रहा नहीं गया. उन्होंने सिद्धारमैया का हाथ पकड़कर भाभीजी का दिया गिफ्ट निहारा.

क्या है जमीन का मामला जिसमें घिरते दिख रहे है सिद्धारमैया
पार्वती सिद्धारमैया को भाई मल्लिकार्जुन ने मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ जमीन गिफ्ट की थी. जमीन का अधिग्रहण मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) ने कर दिया. मुआवजे के तौर पर मैसूर के विजयनगर में 38 हजार स्क्वायर फुट की जमीन दे दी. विवाद यही है कि गांव की जमीन के मुआवजे के बदले मैसूर के पॉश इलाके में जमीन कैसे दे दी. विवाद ये भी है कि मल्लिकार्जुन ने जो जमीन 2010 में बहन को गिफ्ट की वो 2004 में गलत तरीके से कब्जाई गई थी.
जमीन अधिग्रहण के समय सिद्धारमैया की सरकार थी. मुआवजे वाली जमीन बीजेपी सरकार के समय मिली. सिद्धारमैया की लीगल टीम कह रही है कि 57 करोड़ की जमीन के बदले 15-16 करोड़ की जमीन मिली. सिद्धारमैया कह रहे हैं कि, अगर इतना ही विवाद है तो वो जमीन लौट देंगे लेकिन सरकार को 62 करोड़ का मुआवजा देना होगा. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी लैंड रिकॉर्ड में आज भी जमीन सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती के नाम है.
सिद्धारमैया के चुनावी हलफनामे में मिस-मैच हुई संपत्ति
यह विवाद इसलिए बढ़ भी गया क्योंकि सिद्धारमैया के अलग-अलग चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी में मिसमैच है. 2013 के चुनाव सिद्धारमैया के चुनावी हलफनामे में पार्वती की जमीन का खुलासा नहीं किया गया था. 2018 में जिक्र हुआ तो मीन की कीमत सिर्फ 25 लाख बताई गई. 2013 के हलफनामे में उसी जमीन की कीमत 8 करोड़ से ज्यादा बताई गई. गलत हलफनामा देने से सिद्धारमैया भी फंस गए हैं. मामला पुलिस शिकायत, सरकारी जांच, चुनाव आयोग, कोर्ट कचहरी तक पहुंच गया है. सिद्धारमैया विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं कि एक बैकवर्ड दूसरी बार सीएम बना इसलिए लोग जल रहे हैं.
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अब बीएम पार्वती के बारे में जानिए
सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती सार्वजनिक मंचों पर बहुत कम दिखती हैं. नॉन पॉलिटिकल हैं. कुछ को छोड़कर कभी पति के साथ कार्यक्रमों में नहीं दिखती. यहां तक कि चुनाव प्रचार में भी शामिल नहीं होती. किसी मीडिया में कोई इंटरव्यू नहीं दिया. उनकी फोटो भी बहुत कम इंटरनेट पर हैं. सिद्धारमैया के दो बेटे हैं. 2016 में बेटे राकेश की मौत हुई थी. दूसरे यतींद्र कांग्रेस विधायक थे लेकिन 2023 के चुनाव में सिद्धारमैया अपने बेटे को भी टिकट नहीं दिला पाए थे.
घड़ी समय बताती है और सिद्धारमैया का समय अब तक सही चल रहा था लेकिन पत्नी पार्वती के कारण ही सिद्धारमैया का समय खराब होना शुरू हुआ है. बीजेपी ने सरकार पर जमीन के बदले जमीन घोटाले का आरोप लगा दिया है. सीएम सिद्धारमैया के इस्तीफे और सीबीआई जांच हो रही है.
डीके के लिए कैसे अच्छी है ये उठा-पटक?
कर्नाटक में सरकार बनने के बाद कांग्रेस में सब कुछ इतना भी ठीक नहीं चल रहा है. जमीन कांड होने से पहले सिद्धारमैया कैंप ने डीके शिव कुमार का कद घटाने के लिए तीन नए डिप्टी सीएम की मांग उठाई थी. डीके कैंप सीएम बनाने की मांग कर रहा है. कांग्रेस हाईकमान की कर्नाटक के नाटक पर नजर है लेकिन किसी कैंप की मांग पर कोई एक्शन लिया नहीं है. जमीन कांड सिद्धारमैया के लिए गले की हड्डी है. कर्नाटक में माना जाता है कि कांग्रेस हाईकमान ने ढाई-ढाई साल वाले फॉर्मूले के तहत पहले ढाई साल के लिए सिद्धारमैया को सीएम बनाया जिसके पूरा होने में अभी समय है. डीके कैंप पहले से प्रेशर बना रहा है सिद्धारमैया को सीएम से हटाने कर डीके को सीएम बनाने के लिए.
जमीन घोटाले में सिद्धारमैया जितना फंसेंगे उतना डीके शिव कुमार के लिए चांस बनेगा. बीजेपी का हल्ला मचाना डीके के काम आएगा. कर्नाटक में कांग्रेस के पास प्रचंड बहुमत है. बीजेपी-जेडीएस के लिए आसान नहीं ऐसे कांग्रेस की सरकार को गिराना. लेकिन ऐसे आरोपों से सरकार के हिलते रहना ही उसका सुख है.