केजरीवाल की जमानत पर SC में सुनवाई आज, CBI ने कहा 'सह-अभियुक्तों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते दिल्ली CM'

अभिषेक

Hearing on Arvind Kejriwal in SC: 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने AAP के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को ED के दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले और CBI के दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी थी. के. कविता को 27 अगस्त को शीर्ष अदालत से जमानत मिल गई और मनीष सिसोदिया को 9 अगस्त को जमानत मिल गई. अरविन्द केजरीवाल एकमात्र प्रमुख नेता हैं जो अब इस मामले में सलाखों के पीछे हैं. 

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Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal (File Photo)
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CM Arvind Kejriwal: दिल्ली की शराब नीति मामले में आरोपी CM अरविन्द केजरीवाल की जमानत याचिका को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. उससे पहले ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली CM की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि, 'उन्हें शराब नीति मामले में उनके सह-अभियुक्तों के बराबर नहीं माना जाना चाहिए. इसके साथ CBI ने यह भी कहा कि हिरासत में रहने के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो को इलाज मुहैया कराया जा सकता है.' CBI का यह जवाब तब ये है जब इसी मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसौदिया को पिछले दिनों सर्वोच्च अदालत से जमानत मिल गई थी. इसी आधार पर CM केजरीवाल की जमानत को लेकर याचिका लगाई गई है जिसका विरोध CBI ने किया है. 

आपको बता दें कि, दिल्ली CM केजरीवाल दिल्ली सरकार के शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी है. जांच एजेंसी ED ने पहले तो उन्हें 10 समन भेजे. समन का जवाब नहीं देने पर इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) ने उन्हें 21 मार्च को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया था. बाद में 26 जून को भ्रष्टाचार के मामले में CBI ने उन्हें गिरफ्तार किया था. बता दें कि उन्हें ED वाले मामले में शीर्ष अदालत से पहले ही जमानत मिल चुकी है. अब उन्होंने CBI वाले मामले में जमानत के लिए याचिका लगाई है. 

कोर्ट को CBI ने अपने जवाब में क्या-क्या लिखा?

इंडिया टुडे को मिले CBI के जवाब के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसी ने तर्क दिया है कि, केजरीवाल को गिरफ्तार करने में कानूनों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह 'केवल मामले को राजनीतिक रूप से सनसनीखेज बनाने का प्रयास कर रहे हैं.' आपको बता दें कि, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने 14 अगस्त को जमानत याचिका पर विचार करते हुए CM केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए टाल दी गई, जिससे CBI को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने की इजाजत मिल गई. 

'सह-अभियुक्तों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते अरविन्द केजरीवाल'

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में अपनी दूसरी प्रतिक्रिया दाखिल कर CBI  ने तर्क दिया कि केजरीवाल अपनी भूमिका को देखते हुए मामले में अपने सह-अभियुक्तों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते. दरअसल इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, बीआरएस नेता के कविता और आप के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. अब CM केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगने के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है. केंद्रीय एजेंसी ने अदालत में अपनी दलील में कहा कि हिरासत में रहते हुए उसे इलाज मुहैया कराया जा सकता है. 

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के. कविता को जमानत देते समय शीर्ष अदालत ने सिसौदिया के लिए अपने 9 अगस्त के जमानत आदेश का हवाला दिया था. एजेंसी ने कहा, 'सह-अभियुक्त को दी गई जमानत का उसकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर कोई असर नहीं पड़ता है.'

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को छोड़ सभी को मिल चुकी है जमानत 

2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने AAP के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को ED के दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले और CBI के दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी थी. के. कविता को 27 अगस्त को शीर्ष अदालत से जमानत मिल गई और मनीष सिसोदिया को 9 अगस्त को जमानत मिल गई. अरविन्द केजरीवाल एकमात्र प्रमुख नेता हैं जो अब इस मामले में सलाखों के पीछे हैं. 

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