चुनाव लड़ रहे BJP के 435 उम्मीदवारों में 106 पैराशूट कैंडिडेट! UP में उतरे सबसे ज्यादा दलबदलू

अभिषेक

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BJP Parachute Candidate: देश में जब कभी भी चुनाव होते है हमें एक ट्रेंड जरूर देखने को मिलता है. वो ट्रेंड है नेताओं के पार्टियां बदलने का. वैसे तो अपने फायदे-नुकसान को देखते हुए नेता हमेशा ही पार्टियां बदलते रहते हैं लेकिन चुनावी मौसम में पाला बदलने की दर तेज हो जाती है. वैसे तो इसके कई सारी वजहें होती है लेकिन चुनाव में टिकट न मिलना एक बड़ी वजह मानी जाती है. ऐसे ही नेताओं के पार्टियां बदलकर बीजेपी में शामिल होने को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट छापी है. इस रिपोर्ट में लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के उम्मीदवारों के लेकर दिलचस्प बातें सामने आई है. आइए आपको बताते हैं इस रिपोर्ट की खास बातें. 

दूसरे दलों से आए है बीजेपी के 106 उम्मीदवार 

पार्टी बदलने वाले नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया जाना देश की सियासत में कोई नई बात नहीं है. हालांकि लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी में जिस स्तर पर ये हुआ है है वह असामान्य है. पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में 435 उम्मीदवार उतारें है. इनमें से 106 उम्मीदवार जो कुल उम्मीदवारों के करीब एक चौथाई है वो बीते 10 सालों में दूसरी पार्टियों से बीजेपी में शामिल हुए है. दिलचस्प बात ये है कि, इनमें से 90 उम्मीदवार पिछले पांच साल में बीजेपी में शामिल हुए है. 

नेताओं के पार्टी बदल बीजेपी में शामिल होने का ये है राज्य वार आंकड़ा

बीजेपी के उतारे गए उम्मीदवारों का सबसे बड़ा अनुपात आंध्र प्रदेश में है, जहां बीजेपी ने छह उम्मीदवार उतारे है. इन 6 उम्मीदवारों में से पांच उम्मीदवार 2019 से 2024 के बीच बीच दूसरी पार्टी से बीजेपी में आए है. ये नेता कांग्रेस और YSRCP के साथ-साथ वर्तमान में बीजेपी की सहयोगी पार्टी तेलगुदेशम पार्टी(TDP) के भी है. ऐसे ही पड़ोसी राज्य तेलंगाना में बीजेपी के 17 उम्मीदवारों में से 11 यानी करीब दो-तिहाई अन्य दलों से आए हुए है. यहां मुख्य रूप से केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति(BRS) से नेताओं ने बीजेपी में स्विच किया है. दिलचस्प बात ये है कि, इन 11 उम्मीदवारों में से छह उम्मीदवार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए है. 

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हरियाणा में 10 साल से सरकार होने के बावजूद नहीं मिल रहे कैंडिडेट?

कुछ ऐसा ही ट्रेंड हरियाणा में भी देखने को मिल रहा है.  प्रदेश के 10 में से छह उम्मीदवार ऐसे है जिन्होंने 2014 के बाद से पाला बदला है. उनमें से दो उम्मीदवार नवीन जिंदल और अशोक तंवर लोकसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी मणे शामिल हुए. यहां इस बात पर गौर करना जरूरी है कि, पीछे दो टर्म यानी 10 सालों से प्रदेश में बीजेपी सत्ता में है फिर भी उसे दूसरे दलों से आयातित उम्मीदवारों पर दांव लगाना पड़ रहा है. 

बात पंजाब की करें तो पार्टी के 13 उम्मीदवारों में से आधे से अधिक उम्मीदवार दूसरे दलों से आए हुए है. उनमें से कुछ पहले कांग्रेस में थे जो कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ पार्टी छोड़ दिए और भाजपा का हिस्सा बन गए. झारखंड मे स्थिति पंजाब के ही समान है. पार्टी ने 13 उम्मीदवार उतारें है. 13 में से 7 उम्मीदवार पिछले 10 सालों में बीजेपी में शामिल हुए है. जो झारखंड मुक्ति मोर्चा(JMM), कांग्रेस और पूर्ववर्ती झारखंड विकास मोर्चा से है. इन सभी उम्मीदवारों में सबसे प्रमुख नाम प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन हैं जिन्होंने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थम लिया था. 

यूपी में 74 में से 23 पैराशूट उम्मीदवार 

लोकसभा के चुनाव के दृष्टिकोण से उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण राज्य है. इसके पीछे की वजह यहां की लोकसभा की 80 सीटें है. पार्टी को पिछले दो चुनावों में प्रदेश से बड़ी संख्या सीटें मिली है जिसने पार्टी को बढ़त बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. वैसे तो पिछले 10 सालों में प्रदेश में हुए चुनावों चाहे वो लोकसभा का हो या विधानसभा का दोनों में पार्टी का दबदबा ही रहा है. पार्टी ने अबकी बार 80 में से 74 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारें है. इन 74 उम्मीदवारों में से 23 उम्मीदवार ऐसे है जो 2014 के बाद से बीजेपी में शामिल हुए है जो राज्य में पार्टी के उम्मीदवारों का 31 फीसदी है. यहां दिलचस्प बात ये यही कि, पिछलेदो चुनावों में अपना दबदबा बनाए रखने वाली पार्टी को यहां भी दूसरे दलों के नेताओं के दम पर ही लड़ाई लड़नी पद रही है. 

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ओडिशा में 29 फीसदी और तमिलनाडु में 26 फीसदी ऐसे उम्मीदवार है. महाराष्ट्र में एक चौथाई उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने पाला बदला हुआ है. पश्चिम बंगाल में ऐसे उम्मीदवारों का अनुपात महाराष्ट्र के बराबर ही है. दिलचस्प बात तो ये है कि, बीजेपी के गढ़ गुजरात में भी दो उम्मीदवार ऐसे है जो 2014 के बाद दूसरे दलों से बीजेपी में शामिल हुए है. 

वैसे आपको बता दें कि, इस विश्लेषण में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सहयोगियों को शामिल नहीं किया गया है. इसमें पांच ऐसे उम्मीदवार है जिनकी 'घरवापसी' कही जा सकता है. यानी बीजेपी के सदस्य जो पहले अन्य दलों में चले गए थे लेकिन फिर पार्टी में वापस आ गए. इन पांचों में प्रमुख नाम कर्नाटक में जगदीश शेट्टार, महाराष्ट्र में उदयनराजे भोंसले और उत्तर प्रदेश में साक्षी महाराज हैं. 

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