'मोदी की हवा नहीं है, मोदी की लहर नहीं है', विरोधियों ने कर दिया नवनीत राणा का बयान वायरल!

रूपक प्रियदर्शी

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Navneet Rana: नवनीत राणा महाराष्ट्र की अमरावती सीट से बीजेपी की उम्मीदवार हैं. 2019 के चुनाव में बीजेपी-शिवसेना के साझा उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव जीतकर नवनीत राणा ने सनसनी मचाई थी. अपने दम पर चुनाव जीतने की ताकत रखती हैं नवनीत राणा. हालांकि निर्दलीय होते भी नवनीत राणा बीजेपी की लाइन पर चलती रहीं. राम, हिंदुत्व, हनुमान चालीसा- राजनीति करने के उनके भी प्रिय विषय हैं. 

2024 का चुनाव आया तो अमरावती की एक सीट जीतने की जद्दोजहद कम करने के लिए बीजेपी ने नवनीत राणा को साथ ले लिया. नवनीत भी अकेले लड़ाई में फंसने से बचीं और बीजेपी का पटका धारण कर लिया लेकिन बीजेपी ने ये नहीं सोचा होगा कि आते ही नवनीत राणा बोलने लगेंगी कि मोदी की हवा नहीं है, मोदी की लहर नहीं है. 

विरोधियों ने कर दिया वीडियो वायरल
 

विपक्ष ने नवनीत राणा के एक बयान का वीडियो वायरल किया है. वीडियो में नवनीत राणा ने जो मराठी में लोगों को समझाया वही राहुल गांधी हिंदी में समझाते हैं. कोई मोदी नाम की लहर नहीं, ये समझने-समझाने में कोई खास फर्क नहीं दोनों के बयानों में. नवनीत राणा वही सब बोल गईं जो राहुल गांधी और विपक्ष के नेता महीनों से देश को समझाने की कोशिश कर रहे हैं.

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मोदी की हवा नहीं-ये सच बताने वाली नवनीत राणा के वीडियो को उनके विरोधियों ने वायरल कर दिया है. इस तारीफ के साथ कि उन्होंने सच बोला. जिस कार्यक्रम में नवनीत राणा ने मन की बात कही उसमें मीडिया के कैमरों को रिकॉर्डिंग की इजाजत नहीं थी. किसी ने वीडियो रिकॉर्ड करके वायरल कर दिया.

कांग्रेस का गढ़ रही है अमरवाती

2019 के चुनाव में अमरावती रिजर्व सीट एनडीए गठबंधन में शिवसेना के खाते में गई थी. शिवसेना के धाकड़ आनंदराव अड़सूल दो चुनाव लगातार अमरावती से जीते थे. किसी जमाने में कांग्रेस का मजबूत गढ़ होती थी अमरावती. 1984 तक कांग्रेस हर चुनाव जीती. पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल 1991 में अमरावती से सांसद बनी थी. 1996 के बाद एक चुनाव को छोड़कर हर बार शिवसेना ने सीट जीती.

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कौन हैं नवनीत राणा?

मुंबई के पंजाबी परिवार में पली-बढ़ी नवनीत कौर ने अपने जीवन में कई प्रयोग किए. पढ़ाई बीच में छोड़कर मॉडलिंग शुरू की. फिर एक्टिंग करने लगीं. मराठी माहौल में रहीं नवनीत ने कन्नड़, तेलुगू, मलयायम, पंजाबी में फिल्में की. फिल्मी करियर भी बीच में छोड़कर राजनीति में उतर आईं. 2014 में नवनीत ने एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ने का पहला नाकाम प्रयोग किया. 2019 में किसी पार्टी को ज्वाइन करने की बजाय निर्दलीय लड़ने का प्रयोग किया.

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निर्दलीय वाला इतना सफल रहा कि वो सीधे संसद पहुंच गई. 5 लाख से ज्यादा वोट पाकर नवनीत राणा अमरावती से सांसद का चुनाव जीती थी. कहा जाता है कि उन्होंने सिर्फ 65 लाख खर्च करके चुनाव जीत लिया था. उन्होंने बीजेपी ज्वाइन करने का फिर प्रयोग किया है.

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