99 सीट से बढ़कर कांग्रेस की कैसे हो गईं 101 सीटें? इसका जवाब बिहार और महाराष्ट्र में छिपा है

शुभम गुप्ता

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Pappu Yadav: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार तो नहीं बना रही लेकिन राहुल गांधी की मेहनत और कांग्रेस की कामयाबी की बहुत चर्चा है. लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के बेहतरीन प्रदर्शन का श्रेय राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा को दिया जा रहा है. 10 साल से 44 और 52 सीटों के कारण कांग्रेस का मजाक उड़ता रहा लेकिन 99 सीटें जीतकर कांग्रेस ने बीजेपी का बहुमत रोकने का धमाका किया.

इसी बीच कांग्रेस के लिए एक खुश खबरी आई कि कांग्रेस की सेंचुरी पूरी हो चुकी है. पहले सांगली से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले सांसद विशाल पाटिल ने कांग्रेस को अपना समर्थन पत्र सौंपा फिर उनके बाद अब बिहार की बहुचर्चित सीट पूर्णिया से सांसद बने पप्पू यादव ने प्रियंका गांधी से मिलकर उन्हें अपना समर्थन पत्र सौंप दिया है. इसके बाद कांग्रेस के पास कुल 101 सीटें हो गई हैं. पप्पू यादव के इस सीट पर चुनाव जीतने के पीछे दिलचस्प कहानी छिपी हुई है. आइए जानते हैं उसके बारे में विस्तार से.

पूर्णिया के लिए कांग्रेस से की थी बगावत

लोकसभा चुनाव के शुरू होने से पहले पप्पू यादव ने अपनी पार्टी JAP का विलय कांग्रेस के साथ कर दिया था. पप्पू चाहते थे कि कांग्रेस उन्हें पूर्णिया लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाए लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे के तहत ये सीट राजद के खाते में चली गई जिसके चलते पप्पू को यहां से टिकट नहीं मिल पाया. हालांकि पप्पू ने इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर चौथी बार यहां से सांसद बन गए हैं. 

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प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद क्या बोले पप्पू? 

पप्पू ने इसके बाद दिल्ली आकर प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की.  इस मुलाकात को लेकर पप्पू ने एक्स लिखा कि 'ओजस्वी वक्ता बेमिसाल नेत्री कांग्रेस महासचिव आदरणीय प्रियंका गांधी जी से मुलाक़ात हुई. देश और बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई। एक ही संकल्प है,इस बार सौ पार, अगली बार कांग्रेस बहुमत पार, बनाना है INDIA गठबंधन की मज़बूत सरकार.वंचितों गरीबों के नायक राहुल जी बनेंगे PM'

पप्पू यादव के अलावा विशाल पाटिल ने भी निर्दलीय चुनाव लड़कर इस लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. विशाल ने महाराष्ट्र की सांगली सीट पर जीत हासिल कर के कांग्रेस को अपना समर्थन पत्र सौंपा है.

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कांग्रेस से विशाल पाटिल हुए थे बागी!

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान सांगली लोकसभा सीट को लेकर काफी हल्ला मचा. इंडिया गठबंधन के पार्टनर उद्धव ठाकरे अड़ गए कि सांगली सीट उनकी शिवसेना ही लड़ेगी. कांग्रेस ने एक सीट के लिए ज्यादा मच-मच नहीं की. सांगली सीट उद्धव शिवसेना को दे दी. कांग्रेस हाईकमान का फैसला विशाल पाटिल ने मंजूर नहीं किया. उनको निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा. हालांकि कांग्रेस ने विशाल पाटिल की बगावत को बगावत नहीं माना. कांग्रेस के स्थानीय विधायकों-नेताओं ने विशाल पाटिल के लिए काम करके सीट जिता दी.

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चुनाव जीतते ही विशाल पाटिल सांगली से दिल्ली आए. सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे से मिले. लिखकर दे दिया कि निर्दलीय विशाल पाटिल को कांग्रेस अपना ही सांसद समझे.
 

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