NDA में चंद्रबाबू नायडू की बड़ी मांग, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा और ये चीजें चाहिए

शुभम गुप्ता

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Chandrababu Naidu: चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने आंध्र प्रदेश चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सत्ता में वापसी की है. वहीं लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने 16 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. टीडीपी एनडीए का हिस्सा है. केंद्र की सत्ता में इस बार किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. एनडीए के लिए सबसे ज्यादा 240 सीटें बीजेपी ने हासिल की है. हालांकि एनडीए ने 292 सीटें जीती हैं जो बहुमत से ज्यादा है.

किंगमेकर बने चंद्रबाबू

लोकसभा में 16 सीटें जीतकर चंद्रबाबू नायडू किंग मेकर की स्थिति में आ गए हैं. क्योंकि केंद्र में एनडीए की सरकार बनेगी या फिर इंडिया गठबंधन की, यह तय करने में नायडू की भमिका काफी अहम हो गई है. टीडीरी अपनी पसंद के मंत्रालय चाहती है. टीडीपी स्पीकर पद की भी मांग कर रहा है जिसके लिए बीजेपी तैयार नहीं है. कहा जा रहा है कि हो सकता है डिप्टी पद का स्पीकर टीडीपी को मिल सकता है. इसके अलावा नायडू की ओर से अहम मांग है आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना. 

सूत्रों के हवाले से खबर है कि टीडीपी प्रमुख आंध्र के लिए विशेष श्रेणी के दर्जा की मांग कर सकते हैं, जिस मुद्दे पर वह 2018 में एनडीए से बाहर हो गए थे. SES यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य को अनुदान के रूप में अधिकांश केंद्रीय धन मिले.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक टीडीपी प्रमुख राज्य की राजधानी अमरावती के विकास को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र से अतिरिक्त राशि की मांग भी कर सकते हैं. माना जा रहा है कि इन सबके अलावा चंद्रबाबू एक और मांग कर सकते हैं और वह है पोलावरम परियोजना को पूरा करने के लिए धन. टीडीपी नेताओं ने कहना है कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान यह वादा किया था.

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कैसा रहा है चंद्रबाबू का सियासी सफर?

चंद्रबाबू नायडू साल 1995 से 2004 और 2014 से 2019 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. उन्होंने 2004 से 2014 तक आंध्र प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी कार्य किया. एक बार फिर चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री के रूप में आंध्र प्रदेश का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं. नायडू का राजनीतिक करियर 1970 के दशक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस  से शुरू हुआ. 1978 में, वह आंध्र प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए और 1980 से 1982 तक, उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य किया. 

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