मोदी कैबिनेट में अबतक शिंदे-अजीत पवार गुट को नहीं मिली जगह, महाराष्ट्र में बिखर जाएगा महायुति?

रूपक प्रियदर्शी

ADVERTISEMENT

newstak
social share
google news

Modi Cabinet: लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बहुत ज्यादा उठापटक होना तय हो गया है. एक तो एनडीए की तीनों पार्टियों ने महाराष्ट्र में बहुत खराब प्रदर्शन किया. ऊपर से मोदी सरकार में एकनाथ शिंदे और अजित पवार की हो गई भयंकर उपेक्षा. अपमान का घूंट पीकर भी बीजेपी के साथ हैं शिंदे और अजित पवार.

अटकलें तेज हैं कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव तक भयंकर उठापटक हो जाएगी. एक तो चुनाव की हार. ऊपर से मंत्री पद को लेकर खींचतान. या तो बीजेपी शिंदे और अजित पवार को डंप कर देगी या खुद एकनाथ शिंदे या अजित पवार खुद बीजेपी से पिंड छुड़ा लेंगे? इनमें से क्या होगा, अभी कहना मुश्किल है लेकिन महाराष्ट्र में तूफान से पहले की शांति है. डिप्टी सीएम और बीजेपी के सबसे बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफे की पेशकश करते इशारा कर दिया कि कुछ न कुछ अनहोनी होकर रहेगी.

शिंदे और अजीत पवार का हुआ अपमान?

NDA सरकार में मंत्री बनाने का जो भी फॉर्मूला बना उससे एनडीए के सहयोगी दलों का माथा घूम रहा है. सबसे ज्यादा अपमानित महसूस कर रहे हैं महाराष्ट्र में सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार. एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ने 19 सीटें लड़कर 7 सीटें जीते. बीजेपी के बाद शिंदे की शिवसेना के सबसे ज्यादा 7 सांसद जीते. किसी को कैबिनेट मंत्री लायक नहीं समझा गया. सिर्फ एक सांसद को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का पद मिला. महाराष्ट्र के मेवल के शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने शिवसेना का दर्द बताने में जरा भी हिचक महसूस नहीं की.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

शिवसेना, अजित पवार की पार्टियों से कम हैसियत वाली पार्टियों को उनके मुकाबले बड़े पद मिल गए. जीतन राम मांझी अपनी हम पार्टी से अकेले सांसद चुने गए. सीधे कैबिनेट मंत्री बन गए. कर्नाटक में बीजेपी की पार्टनर जेडीएस के 2 सांसद बने. एचडी कुमारस्वामी भी कैबिनेट मंत्री पद पा गए. चिराग पासवान की एलजेपी पांच पर लड़ी और पांचों पर जीती. बदले में पहली बार चिराग पासवान कैबिनेट मंत्री बन गए. एलजेपी, जेडीएस, हम को कैबिनेट मंत्री पद कैसे मिला? 

मंत्री बनाने का ये कौन-सा फॉर्मूला?

HAM

ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

JDS

LJP

SHIV SENA

NCP

1 सांसद

2 सांसद

5 सांसद

7 सांसद

1 सांसद

कैबिनेट मंत्री

कैबिनेट मंत्री

कैबिनेट मंत्री

जीरो कैबिनेट

जीरो मंत्री पद

अजीत पवार के साथ हो गया खेल?

अजित पवार के साथ सबसे बड़ा खेल हुआ. तीन सीटों पर लड़े. एक पर जीत हुई. जब एनसीपी कोटे से राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल को मंत्री बनाने की बात हुई तो बीजेपी ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का पद ऑफर किया. किसी जमाने में कैबिनेट मंत्री रह चुके प्रफुल्ल पटेल के लिए राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार लेने से अजित पवार ने मना कर दिया. हुआ ये कि 72 मंत्रियों की शपथ हो गई. अजित पवार की एनसीपी से कोई मंत्री नहीं बन सका. शिंदे, अजित पवार शपथ समारोह में आए लेकिन सिर्फ तमाशा देखने, तालियां बजाने.

मोदी 3.0 कैबिनेट में कुल 30 कैबिनेट मंत्री बने हैं. 25 बीजेपी के हैं. पांच कैबिनेट मंत्री एनडीए पार्टनर से बनाए गए हैं. 5 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बने हैं. उसमें भी 3 बीजेपी के हैं. इसी में आरएलडी के जयंत चौधरी और शिवसेना के प्रतापराव जाधव को एडजस्ट कर दिया. 
एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों अपनी-अपनी शिवसेना और एनसीपी तोड़कर चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम पर कब्जा करके बीजेपी के हाथ मजबूत करने आए थे. बदले में शिंदे को सीएम, अजित पवार को डिप्टी सीएम का पद मिला. चुनाव में सीट बंटवारे तक तो सब ठीक था लेकिन चुनाव बाद स्थितियां खराब हो रही हैं. 

BJP नहीं लेना चाहेगी कोई रिस्क!

शिंदे या अजित पवार की नाराजगी को बीजेपी इग्नोर करने का रिस्क नहीं ले सकती. पहले से सरकार टीडीपी के 16 और जेडीयू के 12 सांसदों की बैसाखी पर है. शिवसेना के 7 और अजित पवार के एक सांसद हैं. इन चारों के 36 सांसदों के सहारे ही अल्पमत बीजेपी के मोदी देश के पीएम तीसरी बार बने हैं. कहीं कोई चूक हुई तो खेल बिगड़ जाएगा.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT