उत्तरकाशी टनल में अब प्लान बी पर काम तेज, वर्टिकल ड्रिलिंग के संग रैट माइनर्स भी जुटे
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में 16 दिन से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए अब वर्टिकल ड्रिलिंग (ऊपर से या लंबवत ड्रिलिंग) चल रही है. कुल 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग में से 31 मीटर काम पूरा हो चुका है.
ADVERTISEMENT
उत्तरकाशी सुरंग हादसा: उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में 16 दिन से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए अब वर्टिकल ड्रिलिंग (ऊपर से या लंबवत ड्रिलिंग) चल रही है. कुल 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग में से 31 मीटर काम पूरा हो चुका है. वर्टिकल ड्रिलंग मशीन सुरंग के ऊपर से नीचे की ओर खुदाई कर रही है. नेशनल हाइवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) इस अभियान की मॉनिटरिंग कर रही है. इसके एमडी महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन 40 मीटर तक खुदाई कर सकती है उसके बाद बड़ी मशीन काम करेगी. इस प्रक्रिया में करीब 100 घंटे (30 नवंबर) तक लग सकते हैं.
वर्टिकल ड्रिलिंग की प्रक्रिया को सीधे शब्दों में समझें, तो टनल में ऊपर से छेद कर पाइप डाले जाने की योजना है. फिर इसी पाइप के जरिए मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा.
ऑगर मशीन हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग में क्यों फेल हुई?
टनल में सिल्क्यारा की ओर से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग 21 नवंबर से चल रही थी. 24 नवंबर, शुक्रवार की शाम ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन की बिट (खुदाई करने वाला हिस्सा) अंदर ही टूट गई थी, जिसे निकालने के लिए हैदराबाद से लेजर कटर और चंडीगढ़ से प्लाजमा कटर मंगाए गए. फिलहाल इसका मलबा साफ कर लिया गया है, जिसे बड़ी सफलता माना जा रहा है. सुरंग के अंदर 60 मीटर में से 47 मीटर खुदाई की जा चुकी थी. मजदूरों तक पहुंचने के लिए केवल 10-12 मीटर की दूरी रह गई थी. उसी दौरान ऑगर मशीन के रास्ते में सरिए आ जाने से मशीन के ब्लेड्स उसमें फंसकर टूट गए थे.
ADVERTISEMENT
सुरंग के भीतर 12 मीटर खुदाई अब हाथों से, इसके लिए रैट माइनर्स जुटे
प्लान बी यानी वर्टिकल ड्रिलिंग पर काम शुरू होने के बावजूद सुरंग के 60 मीटर में से बचे हुए 12 मीटर हिस्से में खुदाई के लिए रैट माइनर्स को बुलाया गया है. जैसा नाम से ही साफ है (रैट-चूहे) संकरी से संकरी जगह में जाकर ड्रिल करने वाले मजदूरों को रैट माइनर्स कहते हैं. ये रैट माइनर्स मैन्युअली (हाथ से) खुदाई कर रहे हैं.
मौसम बन सकता है अड़चन
मौसम विभाग (IMD) ने 27 नवंबर को पूरे उत्तराखंड के लिए बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है. विभाग ने अगले 24 घंटे में मौसम के मिजाज के बिगड़ने की बात कही है. बारिश और बर्फबारी की बात करते हुए येलो अलर्ट को जारी किया गया है. बारिश होने के हालात में सुरंग के अंदर रैट माइनर्स तो हॉरिजॉन्टल के काम को चालू रख सकेंगे लेकिन पहाड़ की चोटी पर से चल रही वर्टिकल ड्रिलिंग के काम को रोकना पड़ सकता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT